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ऐश्वर्या राय की वजह से टूटा था सलमान ख़ान का रिश्ता, जानिए अधूरी मोहब्बतों के ये क़िस्से

Aishwarya Rai ने सलमान ख़ान के साथ रिलेशनशिप ख़त्म होने की पुष्टि अंग्रेजी के एक अख़बार में 27 सितंबर 2002 को की थी। ऐश ने कहा था...

By Manoj VashisthEdited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 12:28 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 05:38 PM (IST)
ऐश्वर्या राय की वजह से टूटा था सलमान ख़ान का रिश्ता, जानिए अधूरी मोहब्बतों के ये क़िस्से
ऐश्वर्या राय की वजह से टूटा था सलमान ख़ान का रिश्ता, जानिए अधूरी मोहब्बतों के ये क़िस्से

मुंबई। सिनेमा के जो नायक पर्दे पर अपनी अदाकारी से दिलों में मोहब्बत की खलिश पैदा कर देते हैं, निजी ज़िंदगी में वो प्यार के मामले में उतने ख़ुशनसीब नहीं रहे हैं। बॉलीवुड में मोहब्बत की ऐसी तमाम कहानियां सुनने को मिलती हैं, जिन्हें शोहरत तो मिली, लेकिन मंज़िल नहीं। ऐसे ही कुछ नायक-नायिकाओं के अधूरे प्यार की कहानियां। 

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सलमान ख़ान-ऐश्वर्या राय

सलमान ख़ान और ऐश्वर्या राय बच्चन की कहानी भी अधूरी रह गयी। दोनों को परफेक्ट कपल माना जाता था और कहते हैं कि सलमान ने ऐश के साथ टूटकर मोहब्बत की थी। दोनों का अफेयर संजय लीला भंसाली की फ़िल्म हम दिल दे चुके सनम की मेकिंग के दौरान परवान चढ़ा। कहते हैं कि इस फ़िल्म के लिए ऐश की पैरवी सलमान ने ही की थी। ऐश से नज़दीकियों की वजह से ही सलमान और सोमी अली का रिश्ता टूटा। मगर, सलमान के उग्र व्यवहार की वजह से ये रिलेशनशिप 3 साल में ही ख़त्म हो गयी। ऐश ने सलमान पर उनके साथ हाथापाई करने का आरोप लगाया था। इसका ख़ात्मा भी काफ़ी विवादों में रहा।

ऐश्वर्या ने सलमान के साथ रिलेशनशिप ख़त्म होने की पुष्टि अंग्रेजी के एक अख़बार में 27 सितंबर 2002 को की थी। ऐश ने कहा था- ''सलमान और मैं पिछले मार्च में अलग हो चुके हैं, लेकिन वो इससे समझौता नहीं कर पा रहे हैं।''

सलमान के जाने के बाद ऐश्वर्या राय की ज़िंदगी में विवेक ओबेरॉय की एंट्री हुई, जिन्होंने ऐश से मोहब्बत के चक्कर में सलमान से उम्रभर की दुश्मनी मोल ले ली। विवेक ने सलमान पर एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आरोप लगाया था कि सलमान ने उन्हें एक ही रात में 41 बार फोन करके धमकी दी है। 

अमिताभ बच्चन-रेखा

अमिताभ बच्चन और रेखा की जोड़ी पर्दे की सबसे लोकप्रिय जोड़ियों में शामिल है तो पर्दे के इस पार भी इनकी नज़दीकियों के क़िस्से कम मशहूर नहीं हैं। सिनेमा के चाहने वाले जानते हैं कि दो अनजाने की शूटिंग के दौरान इनकी मोहब्बत शुरू हुई थी, जो तेज़ी से परवान चढ़ी। दोनों की मोहब्बत के तमाम कहानियां सुनने को मिलती हैं। कहा जाता है कि जया बच्चन ने मुक़द्दर का सिकंदर में अमिताभ और रेखा की केमिस्ट्री देखने के बाद बिग बी को उनके साथ काम करने पर बैन लगा दिया था। अस्सी के दशक में दोनों आख़िरी बार सिलसिला में पर्दे पर साथ आये थे।

1978 में स्टारडस्ट मैग़ज़ीन में Rekha- Girl without a Conscience? लेख छपा था, जिसमें रेखा कहती हैं- ''मुक़द्दर का सिकंदर के ट्रायल के एक हफ़्ते बाद, इंडस्ट्री से हर कोई मुझे ये बता रहा था कि वो (अमिताभ बच्चन) अपने प्रोड्यूसर्स से कह रहे हैं कि वो मेरे साथ काम नहीं करेंगे। हर किसी ने मुझे इस बारे में बताया, लेकिन उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला। जब मैंने उनसे इस बारे में सवाल किया तो, वो बोले- मैं कुछ नहीं बोलूंगा। मुझसे इस बारे में मत पूछो।'' बिग बी और रेखा की लव स्टोरी को भी अधूरी ही माना जाता है।

हेमा मालिनी-संजीव कुमार

सत्तर और अस्सी के दशक में हेमा मालिनी को ड्रीम गर्ल कहा जाता था। वैसे तो हैंडसम हंक धर्मेंद्र से उन्होंने शादी की थी, मगर हेमा के चाहने वालों में उस दौर के ज़बर्दस्त एक्टर संजीव कुमार का भी नाम आता है। बताते हैं कि संजीव ने हेमा को प्रपोज़ भी किया था, मगर उन्होंने धर्मेंद्र के लिए संजीव कुमार का प्रस्ताव ठुकरा दिया। हेमा के इंकार के बाद संजीव कुमार ने किसी और से मोहब्बत नहीं की और ताज़िंदगी कुंवारे रहे। एक्ट्रेस अंजू महेंद्रू के साथ संजीव कुमार की गहरी दोस्ती रही।

हेमा के इंकार के बाद संजीव कुमार के ग़मज़दा होने के क़िस्से के बारे में एक बातचीत में अंजू ने कहा था- ''उनको सिर्फ़ एक बार सच्चा प्यार हुआ था, लेकिन वो एक शादीशुदा औरत के साथ था। इसकी वजह से उन्हें और उस महिला को बहुत कुछ सहना पड़ा था। वे दोनों हम उम्र और हमख्याल थे। मगर, इसको कामयाब नहीं होना था।''

राज कपूर-नर्गिस

हिंदी सिनेमा के शो-मैन कहे जाने वाले राज कपूर की फ़िल्में मोहब्बत की मासूमियत से लबरेज़ रही हैं। वहीं अपनी हीरोइनों के प्रति आकर्षण के लिए वो मशहूर रहे हैं। इनमें सबसे अहम नाम नर्गिस का आता है। दोनों के बारे में कई क़िस्से सुने जाते हैं। आरके फ़िल्म्स के लोगो में राज कपूर और नर्गिस की मोहब्बत की छाप है। ये राज कपूर और नर्गिस पर फ़िल्माया गया आग का एक सीन है। हालांकि राज और नर्गिस की मोहब्बत परवान ना चढ़ सकी, क्योंकि राज साहब पहले से शादीशुदा थे।

राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी खुल्लमखुल्ला में भी राज कपूर और नर्गिस की मोहब्बत का ज़िक्र किया है। ऋषि कपूर लिखते हैं- ''मेरे पिता, राज कपूर, 28 साल के थे और हिंदी सिनेमा के शो-मैन का ख़िताब पहले ही पा चुके थे। उस समय वो इश्क़ में डूबे शख़्स भी थे, दुर्भाग्यवश, मेरी मां के साथ नहीं, किसी और के संग। उनकी गर्लफ्रेंड उनकी कुछ बड़ी हिट फ़िल्मों की हीरोइन थीं, जिनमें आग, बरसात और अवारा शामिल हैं।''

देव आनंद-सुरैया

अपने करियर की शुरुआत में देव आनंद का दिल सुरैया के लिए धड़का था। दोनों की मोहब्बत के क़िस्से उनकी फ़िल्मों के साथ-साथ परवान चढ़ते रहे, मगर पारिवारिक दबाव के चलते इन्हें जुदा होना पड़ा। कहा जाता है कि सुरैया की दादी को इस मोहब्बत से सख़्त एतराज़ था, जिसके चलते सुरैया को अपनी मोहब्बत का गला घोंटना पड़ा। देव साहब ने उन्हें राज़ी करने की हर मुमकिन कोशिश की, मगर सुरैया ने घरवालों की मर्ज़ी के आगे समर्पण कर दिया, जिसका पछतावा उन्हें ताउम्र रहा। देव साहब ने अपनी बायोग्राफी में सुरैया के साथ अपने रिश्ते के ख़त्म होने का दृश्य खींचा है।

वहीं एक इंटरव्यू में इस बारे में पूछने पर उन्होंने जवाब दिया था- ''हां, मैं उनसे शादी करना चाहता था। मैंने उन्हें प्रपोज़ किया, वो भी चाहती थीं, लेकिन उन्हें इसकी इजाज़त नहीं मिली। मैंने उन्हें एक अंगूठी भी दी थी, लेकिन मुझे नहीं पता उसका क्या हुआ। मैंने कभी उनसे पूछा भी नहीं।''

दिलीप कुमार-मधुबाला

दिलीप कुमार और मधुबाला की बेधड़क फ़िल्मी मोहब्बत ने ना जाने कितने दिल धड़काए हैं। पर्दे पर इश्क़ करते-करते असल ज़िंदगी में भी इनकी मोहब्बत के किस्से ख़ूब मशहूर हुए, मगर सात साल तक कोर्टशिप में रहने के बावजूद मोहब्बत को मंजिल ना मिली। कहा जाता है कि मधुबाला के पिता अताउल्ला ख़ान की वजह से दिलीप और मधुबाला की रिलेशनशिप टूटी। मधुबाला के साथ अपना रिलेशनशिप का ज़िक्र दिलीप कुमार ने अपनी बायोग्राफी में विस्तार से किया है।

मधुबाला को उनकी मोहब्बत से एतराज़ ना था, मगर शादी के लिए उनकी शर्त दिलीप कुमार को मंज़ूर नहीं थी। मधुबाला के पिता एक प्रोडक्शन कंपनी चलाते थे और वो चाहते थे कि शादी के बाद दिलीप कुमार और मधुबाला उनकी ही फ़िल्मों में काम करें, जिसके लिए दिलीप साहब तैयार नहीं हुए। हिंदी सिनेमा की मैग्नम ओपस मुग़ले-आज़म का एलान 50 के दशक में उसी वक़्त हुआ था, जब दोनों की मोहब्बत परवान चढ़ रही थी। मगर, इस फ़िल्म के पूरा होते-होते दोनों अजनबी बन चुके थे।

एक जगह दिलीप साहब लिखते हैं- ''मुग़ले-आज़म के प्रोडक्शन के दौरान ही हमारी बातचीत बंद हो गयी थी। फ़िल्म के उस क्लासिक दृश्य, जिसमें हमारे होठों के बीच पंख आ जाता है, के फ़िल्मांकन के समय हमारी बोलचाल पूरी तरह बंद हो चुकी थी।'' प्यार किया तो डरना क्या का नारा आशिक़ों को देने वाली इस जोड़ी की मोहब्बत अधूरी रह गयी।


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