'लिपस्टिक अंडर माय बुरखा' से पहले इन 12 लेडी डायरेक्टर्स ने भी किया ऐसा 'Serious' काम
ये हैं बॉलीवुड की 12 फीमेल डायरेक्टर्स जिन्होंने 'सीरियस सिनेमा' डायरेक्ट भी किया है और क्रिटिक्स की तारीफ़ों के काबिल भी बनीं।
मुंबई। बॉलीवुड के सिल्वर स्क्रीन पर आपको कई तरह की फ़िल्में देखने मिलतीं हैं, एक्शन, कॉमेडी, रोमांटिक, थ्रिलर...! लेकिन इन सब से हटके एक और जौनर होता है और वो है 'सीरियस' सिनेमा। बॉलीवुड प्रेमी इसे डार्क और आर्ट फ़िल्म्स भी कहते हैं और आपको लगता होगा कि डार्क फिल्म्स, सीरियस सिनेमा... ये सब अक्सर लड़कों का काम है, है न? लेकिन, आपको बता दें कि इस तरह के सिनेमा को बनाने में बॉलीवुड की फीमेल डायरेक्टर्स भी अव्वल हैं।
अगर, आपको यकीन नहीं है तो ज़रा इस लिस्ट पर नज़र डालिए, ये हैं बॉलीवुड की 12 फीमेल डायरेक्टर्स जिन्होंने 'सीरियस सिनेमा' डायरेक्ट भी किया है और क्रिटिक्स की तारीफ़ों के काबिल भी बनीं।
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1. अलंकृता श्रीवास्तव
हाल ही में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुरखा' को कई नेशनल और इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में अवार्ड्स से नावाज़ा गया मगर, इसके बोल्ड कंटेंट ने इसे आसानी से रिलीज़ नहीं होने दिया। अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा डायरेक्ट हुई यह फ़िल्म बड़ी मुश्किल, प्रोटेस्ट और विवादों के चलते अब रिलीज़ हो गई है और इसे अच्छा रिस्पोंस भी मिल रहा है।
2. कोंकणा सेन शर्मा
एक्टिंग के बाद डायरेक्शन में पहले क़दम पर ही कोंकणा सेन शर्मा ने बनाई 'अ डेथ इन द गंज' यह एक ड्रामा फ़िल्म थी जिसे कई फ़िल्म फेस्टिवल्स में अवार्ड्स मिले थे। हालांकि, यह एक सच्ची घटना पे आधारित थी मगर इस तरह की फ़िल्म पहले कभी नहीं देखी गई थी। कोंकणा को भी इसके लिए क्रिटिक्स ने ख़ूब सराहा था।
3. गुरिंदर चड्ढा
गुरिंदर चड्ढा भी इन बेहतरीन फीमेल्स की लिस्ट में शामिल हैं जिन्होंने ऐश्वर्या के साथ 'ब्राइड एंड प्रेज्यूडिस' बनाई थी और अब एक बार फिर गुरिंदर हिस्टोरिकल ड्रामा फ़िल्म 'Viceroy's House' बना रही हैं जो 1947 में इंडिया के पार्टीशन के दौर की है।
4. किरण राव
आमिर ख़ान की पत्नी किरण राव ने भी साल 2011 में 'धोबी घाट' डायरेक्ट की थी जिसे टोरंटो फ़िल्म फेस्टिवल में रिलीज़ किया गया था। इस फ़िल्म को आर्ट और पैरेलल सिनेमा का टैग मिला था और क्रिटिक्स ने इसे बहुत पसंद किया था।
5. लीना यादव
ऐश्वर्या और संजय दत्त के साथ थ्रिलर फ़िल्म 'शब्द' के बाद लीना ने पिछले साल 'Parched' भी बनाई थी। छोटे से गांव की तीन औरतों की यह कहानी भी काफ़ी हटके थी। इस फ़िल्म को भी क्रिटिक्स की तरफ़ से ख़ूब सराहना मिली थी।
6. गौरी शिंदे
बॉलीवुड की ताम-झाम से हटकर फ़िल्में बनाना गौरी शिंदे को भी बखूबी आता है। 'इंग्लिश विन्ग्लिश' के बाद गौरी ने फ़िल्म 'डिअर ज़िन्दगी' से लाखों लोगों का दिल जीत लिया था।
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7. शोनाली बोस
फ़िल्म फेस्टिवल की शान रहीं हैं शोनाली बोस की फ़िल्म्स 'अमु' और 'मार्गरिटा विथ अ स्ट्रॉ'। कोंकणा सेन शर्मा स्टारर 'अमु' 1984 में हुए एंटी-सिख दंगो पर आधारित थी। इसके अलावा शोनाली ने 'मार्गरिटा विथ अ स्ट्रॉ' से भी ख़ूब सुर्खियां बटोरीं।
8. मेघना गुलज़ार
गुलज़ार साहब की बेटी मेघना भी बेहतरीन फ़िल्मों का हिस्सा रहीं हैं। 2008 में नॉएडा में हुए डबल मर्डर केस पर आधारित 'तलवार' फ़िल्म को बेस्ट अडेप्टेड स्क्रीनप्ले और बेस्ट ऑडियोग्राफी का नेशनल अवार्ड भी मिला था।
9. अनुषा रिज़वी
सटैरिकल कॉमेडी फ़िल्म 'पीपली लाइव' को अनुषा रिज़वी ने बेहतरीन ढंग से पेश किया था। बहुत कम लोग जानते हैं कि अनुषा ही इस फ़िल्म की राइटर भी थी। 'पीपली लाइव' को बेस्ट फ़िल्म का फ़िल्मफेयर अवार्ड भी मिला था।
10. रीमा कागती
आमिर ख़ान और करीना कपूर ख़ान की फ़िल्म 'तलाश' तो आपने देखी ही होगी। सायकोलोजिकल हॉरर थ्रिलर इस फ़िल्म को रीमा कागती ने डायरेक्ट किया था। इसके अलावा रीमा फ़िलहाल अक्षय कुमार के साथ फ़िल्म 'गोल्ड' बना रही है जो एक स्पोर्ट्स फ़िल्म है। गर्ल पॉवर!
11. दीपा मेहता
दीपा मेहता को कौन नहीं जानता, 1996 की शबाना आज़मी और नंदिता दास स्टारर फ़िल्म 'फायर' ने कितना विवाद मचाया था। उस ज़माने में इस तरह के बोल्ड कंटेंट का विद्रोह करने वाले भी कम नहीं थे। दीपा मेहता का बेहतरीन डायरेक्शन आपने फ़िल्म 'वाटर' में भी देखा होगा जो कि वाराणसी के एक आश्रम में विधवाओं की कहानी थी। इस फ़िल्म को क्रिटिक्स की तरफ़ से खूब वाह वाही मिली थी।
12. नंदिता दास
एक्टिंग की दुनिया में अपना लोहा मनवाने के बाद नंदिता ने डायरेक्शन की दुनिया में भी खासा नाम कमाया है। 'फ़िराक' जैसी पोलिटिकल थ्रिलर के बाद अब नंदिता दुनिया के सबसे चर्चित लेखक मंटो की कहानी को पेश करने वाली है फ़िल्म 'मंटो' से।