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बचपन की उस गलती पर आज भी हसंती हैं लता

आज लता मंगेशकर इतने सालों बाद भी उन्हें अब भी अपनी बचपन में की गई एक गलती पर हंसी आ जाती है। लता मंगेशकर का जन्म 2

By Edited By: Published: Sat, 28 Sep 2013 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2013 09:45 AM (IST)
बचपन की उस गलती पर आज भी हसंती हैं लता

नई दिल्ली। आज लता मंगेशकर 84 वर्ष की हो गई हैं पर इतने सालों बाद भी उन्हें अब भी अपनी बचपन में की गई एक गलती पर हंसी आ जाती है। लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मध्यप्रदेश में इंदौर शहर के एक मध्यम वर्गीय मराठी परिवार में हुआ। जब लता मंगेशकर बचपन में बहुत शरारत करती थीं तो उनकी मां उन्हें पकड़कर बहुत मारा करती थीं और वो गुस्से में अपनी फ्रॉक को गठरी में बांधकर कहती थीं 'घर छोड़कर जा रही हूं'। लता घर छोड़ जब घर के पास वाली सड़क पर खड़ी हो जाती थीं तो उनकी मां जल्दी से उनके पीछे भागती थीं क्योंकि घर के पास ही एक तालाब था जिस कारण उनकी मां को डर लगता था कि वो कहीं तलाब में ना गिर जाएं।

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एक दिन ऐसा आया जब लता घर छोड़कर जाने लगीं तो उनके पिता जी ने कहा कि 'इसे घर छोड़कर जाने दो और कोई भी उसे रोकने नहीं जाएगा'। तब लता को लगा कि शायद उनके पिता मजाक कर रहे हैं। पर जब उन्होंने बार-बार पीछे मुड़कर देखा तो कोई भी उन्हें रोकने नहीं आया था। लता मंगेशकर के पिता ने यह बात उन्हें बचपन में ही समझा दी थी कि 'क्या सही है क्या गलत' इसका फैसला तुम्हें खुद करना है क्योंकि जब जिंदगी के मोड़ पर आप तन्हां चल रहे होते हैं तो कोई भी आपका साथ देने नहीं आता है। उस समय आपको खुद ही फैसला लेना होता है कि कहीं आप गलत रास्ते पर तो नहीं चल रहे हैं। आज इसी किस्से को याद कर लता दी हंस पड़ती हैं।

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आज तक आपने लता मंगेशकर के फिल्मी करियर और गाने की कला के बारे में बहुत सुना होगा या फिर पढ़ा होगा पर बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो उनकी निजी जिंदगी से जुड़ी खास बातें जानते होंगे। लता मंगेशकर के बारे में यही कहा जाता है कि वो हमेशा से अपने छोटे भाई-बहनों पर बड़ी दीदी होने का हक जताती थीं लेकिन उनका ऐसा मानना नहीं है। लता मंगेशकर कहती हैं कि वो अपने भाई-बहनों की सख्त दीदी नहीं थीं बल्कि वो उन्हें ऐसे संभालती थीं जैसे माता-पिता अपने बच्चों को संभालते हैं। अब ऐसे में बच्चों को इस बात का भय हो ही जाता है कि उनके माता-पिता सख्त हैं। लता मंगेशकर के पिता जी उन्हें जिम्मेदार बेटी मानते थे इसलिए उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने अपने भाई-बहनों के लिए मां और पिता दोनों का ही रोल अदा किया।

लता आज भी रो पड़ती हैं जब वो यह कहती हैं कि उनके और उनके भाई-बहनों के बीच कभी भी कोई लड़ाई नहीं हुई बल्कि दिल में प्यार का सागर एक-दूसरे के लिए भरा रहता था पर समय जब रिश्तों के बीच दूरी बनाता है तो समय ही आपस की दूरियों को मिटा भी देता है। लता मंगेशकर के पिता जी नहीं जानते थे कि उनमें गाना गाने की कला का भंडार है। लता की मां गाना तो नहीं पर गीतों की लय की समझ रखती थीं लेकिन उनके पिता जी सुबह साढ़े पांच बजे ही तानपुरा बजाते हुए गाना शुरू कर देते थे। लता जब चार या पांच साल की रही होंगी जब उनके पिता को इस बात का पता चला कि उनमें गीतों की लय की समझ के साथ-साथ भगवान द्वारा दी गई सुरीली आवाज भी है।

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लता उन दिनों बहुत निराश हो गई थीं जब गायक और म्यूजिक कंपोजर स्वर्गीय भूपेन हजारिका की पत्‍‌नी प्रियंवदा ने भूपेन और लता के बीच प्रेम संबंध होने का दावा किया था। लता के लिए इस बात की कल्पना करना भी अपने आपको दुख देने जैसा था। लता मंगेशकर ने जिस तरीके से गाने का रियाज किया है इस कारण ही भारत को विश्व की मशहूर गायिका मिल पाई है। लता को आज भी वो दिन याद हैं जब वो फिल्मों में गाना गाने से पहले मराठी कंपनी प्रफुल्ल पिक्चर्स में काम किया करती थीं। मात्र 14 वर्ष की उम्र में लता फिल्मों में हीरो या हीरोइन की बहन का रोल अदा किया करती थीं पर वो कभी भी अपने काम से निराश नहीं हुईं और जिंदगी के हर कदम पर साहस के साथ आगे बढ़ती रहीं। एक दिन ऐसा भी आया जब लता मंगेशकर गर्व के साथ कहती हैं कि भारतीय सिनेमा के 100 सालों में 70 साल उनके हैं।

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