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घड़ी लगे स्तम्भ खोजते हैं अमिताभ

नई दिल्ली। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन कहते हैं कि वह जब भी किसी नए शहर में जाते हैं तो सबसे पहले उनकी आंखें वहां घड़ी लगे स्तम्भ खोजती हैं। वह ऐसा इसीलिए करते हैं ताकी उन्हें उस जगह का अनुशासन समझने में मदद मिल सके।

By Edited By: Published: Sat, 22 Oct 2011 04:23 PM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2011 04:23 PM (IST)
घड़ी लगे स्तम्भ खोजते हैं अमिताभ

नई दिल्ली। बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन कहते हैं कि वह जब भी किसी नए शहर में जाते हैं तो सबसे पहले उनकी आंखें वहां घड़ी लगे स्तम्भ खोजती हैं। वह ऐसा इसीलिए करते हैं ताकी उन्हें उस जगह का अनुशासन समझने में मदद मिल सके।

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अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा, मैं जिस भी शहर में जाता हूं, वहां घड़ी लगे स्तम्भ खोजता हूं, जब मैं उन्हें दुरुस्त अवस्था में सही समय बताते हुए पाता हूं तो इससे मुझे पता चलता है कि मैं जिस शहर में पहुंचा हूं वहां अनुशासन है।

उन्होंने कहा, मैं ऐसे कई शहरों में गया हूं जहां मुझे घड़ी लगे सुसज्जित स्तम्भ मिले हैं। जहां खूबसूरत कारीगरी से सुसज्जित इन स्तम्भों पर बड़ी-बड़ी घडि़यां लगी होती हैं लेकिन वे दुरुस्त अवस्था में नहीं होतीं। यह मेरे लिए इस बात का संकेत होता है कि मैं उस शहर से क्या उम्मीद कर सकता हूं।

उनके मुताबिक उनके घर के हर कमरे में एक घड़ी रखी हुई है। अमिताभ ने कहा, समय की जानकारी होना बहुत महत्वपूर्ण है। मेरे समय पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने पर लोग उपहास करते हैं। मेरे समय पर बहुत ज्यादा ध्यान देने की कहानी मेरे घर के लगभग हर कमरे में खास स्थानों पर लगी घडि़यां बयां कर देती हैं।

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