जागरण फिल्म फेस्टिवल: वुमेन बायोपिक की ओर बढ़े कदम
तनिष्ठा का मानना है कि वुमेन बायोपिक बननी चाहिए।वह कहती हैं "ऐसी फिल्में आती हैं तो हम खुल कर जान पाते हैं कि महिलाओं ने कितना संघर्ष किया।"
जेएनएन, नई दिल्ली। जागरण फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन दो बायोपिक दिखाई गईं- ‘नीरजा’ और ‘डॉ रुख्माबाई’। बॉलीवुड में वैसे तो महिलाओं पर बहुत कम बायोपिक बनती हैं। पिछले दिनों मशहूर बॉक्सर मैरी कॉम पर उसी नाम से बनी फिल्म के बाद एयर होस्टेस नीरजा भनोट के जीवन पर सोनम कपूर अभिनीत फिल्म ’नीरजा’ और अब मराठी में ‘डॉ रख्माबाई’।
सिनेमा जगत ने अब वीमेन बायोपिक की ओर ध्यान देना शुरु किया है, जिसका नतीजा है देश की पहली महिला डॉक्टर रुख्माबाई के जीवन पर आधारित मराठी फिल्म। रुख्मा उपनिवेश काल में देश की पहली प्रैक्टिसिंग महिला डॉक्टर थी। बचपन से डॉक्टर बनने का ख़्वाब देखने वाली रुख्मा को पहले और बाद में भी बहुत मुश्किलों से गुज़रना पडा था। फिल्म में लीड भूमिका में हैं अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी।
पहली बार जागरण फिल्म फ़ेस्टिवल में शिरकत कर रही तनिष्ठा बायोपिक में काम करके उत्साहित हैं । उन्होंने कहा "फ़िल्म करने से पहले रुख्मा बाई के बारे में मैं कुछ नहीं जानती थी। किरदार को निभाने के लिए मराठी और गुजराती भाषा सीखी। निर्देशक चाहते थे कि किरदार गैर मराठी भाषी न लगें।" तनिष्ठा का मानना है कि वुमेन बायोपिक बननी चाहिए।वह कहती हैं "ऐसी फिल्में आती हैं तो हम खुल कर जान पाते हैं कि महिलाओं ने कितना संघर्ष किया। ऐसी फिल्में प्रेरक होती हैं।" बॉलीवुड ने वुमेन बायोपिक की ओर कदम बढ़ा दिए हैं।
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कुख़्यात महिलाओं की जिंदगी पर आधारित कुछ फिल्में फ्लोर पर हैं। माफिया डॉन दाऊद की बहन हसीना पारकर के जीवन पर भी ‘हसीना’ नाम से फिल्म आगामी सितंबर में रिलीज होने जा रही है। आगे माफिया क्वीन ‘सपना दीदी’ की जिंदगी पर भी फिल्म बनने की चर्चा शुरु हो गई हैं।