तापसी पन्नू को अब भी करना पड़ता है स्ट्रगल, कहा फेवरेटिज्म तो होता है
तापसी कहती हैं कि मैं ज्यादा सोशल नहीं हूं इंडस्ट्री में. मेरे ऐसे फ्रेंड्स ग्रुप नहीं हैं. ज्यादा से ज्यादा स्क्रीनिंग पर जाती हूं. गेट टुगेदर पार्टीज़ में नहीं जाती हूं.
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई. तापसी पन्नू को लगातार बॉलीवुड में अच्छी फिल्मों से जुड़ने के मौके मिल रहे हैं. तापसी की फिल्म सूरमा जहां इस शुक्रवार को रिलीज होने जा रही है वहीं आने वाले समय में उनकी फिल्में मुल्क और बदला रिलीज़ होने वाली हैं. साथ ही अनुराग कश्यप की फिल्म मनमर्जियां भी जल्द आएगी. ऐसे में तापसी मगर अब भी मानती हैं कि उनके लिए संघर्ष खत्म नहीं हो गया है.
जागरण डॉट कॉम से बातचीत में वह कहती हैं कि यह सच है कि मुझे अच्छी फिल्में मिल रही हैं और अब मुझे सोच कर फिल्में लिखी जा रही हैं लेकिन अभी ऐसा नहीं है कि मेरा स्ट्रगल खत्म हो गया है. अब भी ऐसे कई निर्देशक हैं, जिनके साथ मैं काम करना चाहती हूं लेकिन अभी तक उन्होंने अप्रोच नहीं किया है और पता नहीं वो मुझे पिक्चर देंगे कि नहीं देंगे. अभी तक वह स्ट्रगल है. तापसी कहती हैं कि यह सच है कि उन्होंने जहां से शुरू किया था. उस हिसाब से वह जहां पहुंची हैं, उन्हें उस बात से शिकायत नहीं है, क्योंकि उन्होंने तो कभी एक्ट्रेस बनने के बारे में सोचा ही नहीं था.
तापसी कहती हैं, कि ऐसा नहीं है कि मेरे लिए चीजें आसान हो गयी हैं. ऐसा नहीं है कि मैं अपने फेवरेट निर्देशक को कह दूं कि मैं आपके साथ काम करना चाहती हूं तो वो मुझे काम दे देंगे. फिर आप इसको नेपोटिज्म बोलो या फेवरेटिज्म बोलो. वो तो होता ही है. एक ही बात है. जरूरी नहीं है कि सिर्फ स्टार किड की ही बात हो. ये भी होता है कि आप किसी के फेवरेट हो तो आपको ही मौके मिलते रहते हैं लेकिन हां यह बात है कि मेरे निर्देशकों के साथ मेरा रैपो अच्छा रहता है. तो मुझे डायरेक्टर्स रिपीट करते हैं. अब भी जिनके साथ काम कर रही हूं, तो उनके साथ नेक्सट फिल्म का डिस्कशन शुरू हो जाता है. तो इस तरह से जो मेरा रिकॉर्ड है, वह रिपीट वैल्यू वाला है. मगर ऐसा नहीं है कि मैं बैठ कर बस सोचती रहूं कि मेरे जो टारगेट लिस्ट के डायरेक्टर हैं, ये मुझे फोन करेंगे ही करेंगे.
तापसी कहती हैं कि मैं ज्यादा सोशल नहीं हूं इंडस्ट्री में. मेरे ऐसे फ्रेंड्स ग्रुप नहीं हैं. ज्यादा से ज्यादा स्क्रीनिंग पर जाती हूं. गेट टुगेदर पार्टीज में नहीं जाती हूं. तापसी कहती हैं कि मैंने कभी ज्यादा सोशल होने की कोशिश भी नहीं की है. मेरे लिए एक्टिंग जॉब है. इसके बाद मैं सेट से घर जाना चाहती हूं और सामान्य सी ज़िंदगी जीने की ही कोशिश करती हूं. सूरमा फिल्म में अपनी तैयारियों के बारे में तापसी कहती हैं कि उन्होंने काफी मेहनत की है. हां, वह खुद भी स्पोर्ट्स गर्ल रही हैं और स्पोर्ट्स से जुड़ी रही हैं तो यह सच है कि उन्हें इस फिल्म को करने में भी खूब मज़ा आया. हॉकी के बारे में वह बताती हैं कि यह पूरा खेल बायें हाथ का है. अपने किरदार के बारे में तापसी का कहना है कि उन्होंने सूरमा में जो किरदार निभाया है, उनसे मिलने का मौका नहीं मिला है. उन्होंने सिर्फ अपने निर्देशक की ही बात सुन कर उस पर अमल किया है.
संदीप सिंह की कहानी के बारे में बात करते हुए तापसी कहती हैं कि इस फिल्म से पहले संदीप सिंह की कहानी से वाकिफ नहीं थी और इस बात का दुख है मुझे. तापसी कहती हैं कि मैंने कभी हॉकी स्टीक नहीं पकड़ी थी लेकिन स्पोर्ट्स खेलती रही हूं. फिल्म के लिए हॉकी सीखने के अनुभव के बारे में तापसी का कहना है कि हॉकी मेरे लिए ऐसा खेल रहा है जो मुझे बचपन से पसंद था. इस खेल को लेकर मुझे यह बात समझ आयी है कि आपके बायें हाथ में बहुत ताकत होनी चाहिए. खेल में एक्टिव रहने के लिए बायें हाथ की जरूरत ज्यादा है. दाहिने हाथ का काम डायरेक्शन चेंज का काम होता है तो यह सब समझने में मुझे वक्त लगा. बता दें कि सूरमा 13 जुलाई को रिलीज़ होने वाली है.
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