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सुशांत सिंह के निधन के बाद सदमे में आई इस एक्ट्रेस ने किया खुलासा, कहा- सुसाइड करने का मन होता था

सुशांत सिंह राजपूत ने साल 2013 में फिल्म काई पो चे से बॉलिवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म में सुशांत के अभिनय की जमकर तारीफ की हुई।

By Priti KushwahaEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 12:18 PM (IST)
सुशांत सिंह के निधन के बाद सदमे में आई इस एक्ट्रेस ने किया  खुलासा, कहा- सुसाइड करने का मन होता था
सुशांत सिंह के निधन के बाद सदमे में आई इस एक्ट्रेस ने किया खुलासा, कहा- सुसाइड करने का मन होता था

नई दिल्ली,जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता सुशां​त सिंह राजपूत के निधन से चकाचौंध से भरी मायानगरी पर कई सवाल खड़े हुए हैं। महज 34 साल की उम्र में सुशांत का खुद को खत्म करने का फैसला कोई आसान बात नहीं है। 34 वर्षीय एक्टर रविवार को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में फांसी से लटके मिले थे। सुशांत पिछले 6 महीने से डिप्रेशन में थे और मुंबई के ही एक डॉक्टर से उनका ​इलाज चल रहा था। सुशांत के निधन के बाद से ही बॉलीवुड स्टार्स और फैंस की लगातार प्रतिक्रिया सामने आ रही है। वहीं अब इसी बीच 90 दशक  बॉलीवुड एक्ट्रेस दीप्ति नवल ने खुद को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है।

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सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद दीप्ति नवल ने 90 दशक की शुरुआत में अवसाद से अपनी लड़ाई और आत्महत्या जैसे ख्यालों को लेकर फेसबुक पर पोस्ट किया है। उन्होंने ने सुशांत को श्रद्धांजलि देते हुए एक कविता भी शेयर की है जिसे उन्होंने अवसाद से उबरने की लड़ाई के दौरान लिखी थी। नवल की कविता का शीर्षक ‘ब्लैक विंड’ है।

दीप्ति नवल ने लिखा, 'इन अंधेरे दिनों में… काफी कुछ हो रहा है… दिलो-दिमाग एक बिंदू पर जाकर ठहर गया है…या सुन्न हो गया। आज ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं उस कविता को साझा करूं जिसे मैंने अवसाद, व्यग्रता और आत्महत्या के ख्यालों के साथ अपनी लड़ाई के दौरान लिखा था…हां.. लड़ाई जारी है…।'

उन्होंने लिखा:

'व्यग्रता और बेचैनी ने,

दोनों हाथों से पकड़ ली है मेरी गर्दन.....

मेरी आत्मा में बहुत गहरे तक धंसे जा रहे हैं,

इसके नुकीले पंजे.....

सांस लेने को छटपटा रही हूं मैं, अपने बिस्तर के तीखे चारपायों से लिपट कर...

टेलिफोन बजता है… नहीं, बंद हो गया… ओह!

कोई बोल क्यों नहीं रहा है?

एक इंसानी आवाज, इस शर्मनाक,

निष्ठुर रात की खाई में…

ये रात जो गहरे अंधकार में डूब गयी है,

और इसने ओढ़ ली है एक बैंगनी नीली सी चादर.....

अपने भीतर महसूस कर रही हूं एक गहरा अंधकार।’

आपको बता दें कि उन्होंने 28 जुलाई, 1991 में इस कविता को लिखा था। पिछले साल पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में वह कह चुकी हैं कि 90 के आखिरी दशक में उन्हें काम मिलना बेहद कम हो गया था। दीप्ति नवल ने श्याम बेनेगल की 1978 में आई फिल्म ‘जुनून’ के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने ‘चश्मे बद्दूर’, ‘अनकही’, ‘मिर्च मसाला’, ‘साथ-साथ’ जैसी फिल्मों में काम किया।


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