सुप्रीम कोर्ट का अय्यारी पर रोक से इंकार, आदर्श घोटाला को लेकर दाखिल हुई थी याचिका
याद हो कि साल 2002 में मुंबई में आदर्श घोटाला प्रकाश में आया था। घोटाला सामने आने पर तब के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की कुर्सी चली गई थी।
मुंबई। सुप्रीम कोर्ट ने नीरज पांडे की फिल्म अय्यारी में आदर्श घोटाला प्रकरण दिखाए जाने पर आपत्ति जताते हुए फिल्म पर रोक लगाने के लिए दाखिल याचिका को खारिज़ कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली बेंच ने शुकवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज़ कर दिया। इस याचिका में मुंबई की आदर्श को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में हुए घोटाले को फिल्म में दिखाए जाने पर आपत्ति की गई थी। इसमें कहा गया था कि आदर्श का मामला अभी कोर्ट में चल रहा है और ऐसे में इसके बारे में अदालत में दिखाए जाने से ट्रायल प्रभावित हो सकता है और अधिकारियों की छवि भी ख़राब हो सकती है। अदालत ने कहा कि फिल्में अदालत के फैसलों को प्रभावित नहीं करती हैं। अदालत केस की मेरिट और सबूतों के आधार पर फैसला करता है जबकि कलात्मक आज़ादी का परिपेक्ष्य बहुत बड़ा है। इसलिए ऐसे मामलों में अदालत दखल नहीं देगी। अदालत ने ये भी कहा कि एक बार सेंसर ने फिल्म को पास कर दिया है और रिलीज़ से पहले सेना से जरुरी सुझाव भी ले लिए हैं तो ऐसे में फिल्म पर रोक नहीं लगाई जा सकती। याद हो कि साल 2002 में मुंबई में आदर्श घोटाला प्रकाश में आया था। मुंबई में सेना में काम करने वाले और रिटायर्ड लोगों के लिए मकान बनाये गए थे, लेकिन नेताओं और अधिकारियों ने नियमों में हेरफेर कर मकान सस्ती कीमत में अपने नाम करवा लिए। घोटाला सामने आने पर तब के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण की कुर्सी चली गई थी। अय्यारी आज 16 फरवरी को रिलीज़ हुई है। सेना की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म में मनोज बाजपेई और सिद्धार्थ मल्होत्रा लीड रोल में हैं।
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