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सनी लियोनी के ख़िलाफ़ भड़की 'पद्मावत' जैसी चिंगारी, दक्षिण में हो रही बैन करने की मांग

वीरमादेवी में सनी एक वॉरियर क्वीन का रोल निभा रही हैं। प्रदर्शनकारी इसे भारतीय संस्कृति के विरुद्ध बता रहे हैं। सनी का 3 नवंबर को बेंगलुरु में एक कांसर्ट होने वाला है।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Tue, 23 Oct 2018 05:44 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 07:04 AM (IST)
सनी लियोनी के ख़िलाफ़ भड़की 'पद्मावत' जैसी चिंगारी, दक्षिण में हो रही बैन करने की मांग
सनी लियोनी के ख़िलाफ़ भड़की 'पद्मावत' जैसी चिंगारी, दक्षिण में हो रही बैन करने की मांग

मुंबई। संजय लीला भंसाली की फ़िल्म पद्मावत को लेकर दीपिका पादुकोण के ख़िलाफ़ हुए विरोध-प्रदर्शन तो आपको याद होंगे। अब कुछ वैसे ही विरोध का सामना सनी लियोनी को करना पड़ रहा है, जो दक्षिण भारतीय भाषाओं में बन रही फ़िल्म वीरमादेवी में एक मायथॉलॉजिकल किरदार निभा रही हैं। बेंगलुरु में सनी की इस फ़िल्म पर बैन लगाने की मां को लेकर तगड़े प्रदर्शन किये जा रहे हैं। 

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वीरमादेवी में सनी एक वॉरियर क्वीन का रोल निभा रही हैं। प्रदर्शनकारी इसे भारतीय संस्कृति के विरुद्ध बता रहे हैं। सनी का 3 नवंबर को बेंगलुरु में एक कांसर्ट होने वाला है। इसी के चलते सनी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन बढ़ गये हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सनी को इस फ़िल्म से निकाला नहीं जाता, वो उन्हें बेंगलुरु में दाख़िल नहीं होने देंगे। एक्टिविस्ट का कहना है कि यह चोल राजवंश का अपमान है, जिन्होंने कर्नाटक में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण करवाया है। उनकी छवि की रक्षा करने को एक्टिविस्ट अपना फ़र्ज़ बता रहे हैं। पिछले साल भी बेंगलुरु में सनी की न्यू ईयर परफॉर्मेंस का विरोध किया गया था। 

सनी के ख़िलाफ़ विरोध की सबसे बड़ी वजह उनका अतीत है, जो रह-रहकर सामने आता रहा है। सनी ने अमेरिका की एडल्ट फ़िल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रही हैं और बॉलीवुड में करियर शुरू करने से पहले काफ़ी अर्से तक एडल्ट स्टार रही हैं। प्रदर्शनकारी नहीं चाहते कि एडल्ट फ़िल्मों की स्टार रहीं सनी वीरमादेवी का किरदार निभायें।

वीरमादेवी वॉर फ़िल्म है, जो तमिल के अलावा तेलुगु, मलयालम और हिंदी में बनायी जा रही है। हिंदी सिनेमा में अपनी सेंसुअसनेस के लिए मशहूर रहीं सनी इस फ़िल्म में तलवारबाज़ी और घुड़सवारी करती दिखेंगी। इस फ़िल्म की घोषणा के वक़्त सनी ने एक वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया था, जिसमें उन्होंने बताया कि ये उनकी पूरी तरह से पहली साउथ इंडियन फ़िल्म है, सिर्फ़ एक गाना नहीं। उनका किरदार काफ़ी स्ट्रांग है। ये ऐसा किरदार है, जो कोई भी औरत निभाना चाहेगी।

कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया था कि सनी लियोनी अपने अतीत और एडल्ट एक्ट्रेस वाली इमेज से छुटकारा पाने के लिए ऐसी फ़िल्में कर रही हैं, जिनमें उनका सिडक्टिव रूप नज़र ना आये, पर सनी इमेज बदलने वाली ख़बरों को सही नहीं मानतीं। उन्होंने कहा था, ''कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि ये फ़िल्म मैं इमेज चेंज करने के लिए कर रही हूं, लेकिन मैं इन बातों में यक़ीन नहीं करती। मेरा मानना है कि हर क़दम बेहतरी के लिए होता है। मैं जैसी हूं, वैसी अच्छी हूं। मैं ख़ुद को बदलने नहीं जा रही।''

इस फ़िल्म को स्टीव्स कॉर्नर ने प्रोड्यूस किया है। सनी की ये फ़िल्म बिग बजट प्रोजेक्ट है और उन्होंने इसके लिए 150 दिन दे दिये हैं। इस दौरान उन्होंने फ़िल्म के लिए ज़रूरी स्किल्स की ट्रेनिंग ली है। बताते चलें कि सनी अभी तक 5 तेलुगु, कन्नड़ और तमिल गानों में कैमियो कर चुकी हैं। 

भंसाली की फ़िल्म पद्मावत को लेकर काफ़ी अर्से तक विरोध प्रदर्शन किये गये थे। जौहर करने वाली चित्तौड़गढ़ की महारानी पद्मावती को देवी मानने की वजह से करणी सेना ने इस फ़िल्म पर बैन लगाने की मांग की थी। उनका कहना था कि फ़िल्म में महारानी पद्मावती और सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के बीच प्रेम प्रसंग दिखाया जा रहा है, जो रानी के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाएगी। हालांकि फ़िल्म में ऐसा कुछ नहीं था। इस विरोध के चलते ही पद्मावत 2017 के बजाए 2018 में रिलीज़ हो सकी थी। दीपिका पादुकोण ने पद्मावती का किरदार निभाया था, जबकि रणवीर सिंह खिलजी के रोल में थे। वहीं, शाहिद कपूर ने फ़िल्म में महारावल रतन सिंह का रोल प्ले किया था। 


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