इस मामले में भी कोई नहीं कर सका श्रीदेवी की बराबरी, देखें तस्वीरें
ज़ाहिर है सिनेमा के सौ साल के इतिहास में 50 साल की गवाह बनने वाली श्रीदेवी का मुकाबला इस मामले में भी कोई नहीं कर सका!
मुंबई। आज श्रीदेवी का बर्थडे है! श्रीदेवी के निधन से एक युग का अंत हुआ। बला की खूबसूरत और प्रतिभाशाली श्रीदेवी अपने अभिनय से भारतीय सिनेमा के आकाश पर एक ऐसी छटा बिखेर गयी हैं जिनकी रौशनी शायद ही कभी धुंधली पड़ सकेगी।
श्रीदेवी को देश की पहली सुपरस्टार अभिनेत्री का दर्ज़ा हासिल है। ज़ाहिर है इसकी कई वजहें भी हैं। जैसे उन्होंने एक के बाद एक कई हिट्स दिए। हिंदी ही नहीं दक्षिण भारतीय फ़िल्मों में भी उन्होंने शानदार कीर्तिमान बनाये। उनकी फ़िल्में अकेले उनके दम पर टिकट खिड़की पर छाई रहती! साल 1997 में आई फ़िल्म ‘जुदाई’ के बाद उन्होंने बड़े पर्दे से लम्बा ब्रेक ले लिया। वो अपने दोनों बेटियों जाह्नवी कपूर और ख़ुशी कपूर की परवरिश में लग गयीं। कई साल बाद 2012 में ‘इंग्लिश विंग्लिश’ से उन्होंने बड़े पर्दे पर वापसी की। यह वापसी इसलिए भी यादगार है क्योंकि यह फ़िल्म बॉक्सऑफिस पर बंपर कामयाब हुई।
इसलिए भी श्रीदेवी स्पेशल हैं कि इतने सालों के बाद कमबैक करने के बाद भी उनका स्टारडम और करिश्मा बरकरार था। ‘इंग्लिश विंग्लिश’ जो महज 26 करोड़ की लागत से बनी थी, इस फ़िल्म ने सारी दुनिया से तक़रीबन 80 करोड़ का बिजनेस किया! पिछले साल आई ‘मॉम’ से उन्होंने कामयाबी की एक नयी पटकथा लिखी। एक के बाद एक दूसरा हिट देकर ऐसा ज़बरदस्त कमबैक उनसे पहले ही शायद किसी और अभिनेत्री ने किया हो।
शादी और बच्चे हो जाने के बाद कई ऐसी अभिनेत्रियां रहीं जिन्होंने बड़े पर्दे से ब्रेक लिया वो श्रीदेवी की तरह ज़बरदस्त कमबैक नहीं कर सकीं। हाल के वर्षों की बात करें तो ऐश्वर्या राय बच्चन से लेकर काजोल और माधुरी दीक्षित से लेकर जूही चावला ही नहीं रवीना टंडन और मनीषा कोइराला जैसी टॉप की अभिनेत्रियों ने ब्रेक के बाद अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत तो की लेकिन, उन्हें वो कामयाबी नहीं मिल सकी जो श्रीदेवी को ‘इंग्लिश विंग्लिश’ या फिर ‘मॉम’ के जरिये मिली। इन अभिनेत्रियों में ऐश्वर्या की कमबैक फ़िल्मों में से ‘ऐ दिल है मुश्किल’ चर्चित तो रही लेकिन, यह फ़िल्म ऐश्वर्या की कम रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा की फ़िल्म ज्यादा थी। वहीं, काजोल की फ़िल्मों की बात करें तो ‘फ़ना’ से लेकर ‘माय नेम इज ख़ान’ काजोल के स्टारडम से नहीं बल्कि और भी कई फैक्टर्स से चली थीं। जबकि श्रीदेवी ने अकेले अपने दम पर ‘इंग्लिश विंग्लिश’ और ‘मॉम’ इन दोनों ही फ़िल्मों को पॉपुलर बना दिया। 'मॉम' के बारे में आपको बता दें कि ये उनकी 300 वीं फ़िल्म रही!
ज़ाहिर है सिनेमा के सौ साल के इतिहास में 50 साल की गवाह बनने वाली श्रीदेवी का मुकाबला कमबैक के मामले में भी कोई नहीं कर सका। इसमें कोई संदेह नहीं कि अगर श्रीदेवी आज हमारे बीच होतीं तो वो कुछ और यादगार और बेहतरीन फ़िल्में देकर जातीं।