कोरोना काल में जीवनरक्षक दवाइयों को मुहैया करवाने पर सोनू सूद का बयान, हाईकोर्ट से कहा- 'व्यापार के लिए नहीं खरीदीं दवाइयां, मैंने सिर्फ...'
अभिनेता सोनू सूद जहां एक तरफ बीमार और परेशान लोगों की मदद कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में सोनू सूद ने बहुत से मरीजों को ऑक्सीजन और जीवन रक्षक रेमडेसिविर और टोसिलीजुमैब जैसी दवाइयां मुहैया करवाईं
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद जहां एक तरफ बीमार और परेशान लोगों की मदद कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में सोनू सूद ने बहुत से मरीजों को ऑक्सीजन और जीवन रक्षक रेमडेसिविर और टोसिलीजुमैब जैसी दवाइयां मुहैया करवाईं, लेकिन इन दवाइयों के मुहैया करवाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभिनेता पर सवाल खड़े किए हैं।
जिसके लिए कोर्ट ने राज्य सरकार को सोनू सूद और विधायक जीशान सिद्दीकी की जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं इस पूरे मामले में मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोनू सूद की एक याचिका पर सुनाई करने का फैसला किया है। अभिनेता ने खुद कोर्ट से उस याचिका पर हस्तक्षेप करने की अपील की है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सोशल मीडिया पर के जरिए मदद मांगने वालों को सोनू सूद ने गलत तरीके से रेमडेसिविर और टोसिलीजुमैब इंजेक्शन्स बांटे हैं।
मंगलवार को चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस गिरीश कुलकर्णी की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की। जिसमें सोनू के वकील मिलन देसाई ने बताया कि अभिनेता ने मामले की सुनवाई में हस्तक्षेप के लिए आवेदन किया है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि वह याचिका की सुनाई करेंगे। अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार सोनू सूद ने अपने आवेदन में कहा है कि महामारी की शुरुआत से वह जरूरतमंदों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने जुहू स्थित होटल में डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स को मुफ्त में रहने की सुविधा दी।
अभिनेता ने आवेदन में आगे कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान हर दिन 45 हजार लोगों को खाना मुहैया करवाया था। राज्य सरकारों और अथॉरिटीज से अपने खर्चे पर 20 हजार से ज्यादा प्रवासियों को फ्री ट्रांसपॉर्ट उपलब्ध करवाया ताकि वह लोग अपने घरों को जा सकें। महामारी के दौरान लॉकडाउन में सोनू सूद के कामों की दुनियाभर में तारीफ हुई और उन्हें यूनाइटेड नेशन्स डिवेलपमेंट प्रोग्राम के ओर से प्रतिष्ठित एसडीजी स्पेशल ह्यूमैनिटेरियन एक्शन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
सोनू सूद ने अपने आवेदन में आगे कहा है कि जब अप्रैल 2021 में दूसरी लहर आई तो लोग जीवन रक्षक दवाइयों के लिए इधर-उधर भाग रहे थे। मुझे लगा कि जरूरतमंद मरीजों को सामंजस्य की कमी के कारण दवाइयां नहीं मिल पा रही थीं। ऐसे में अभिनेता ने फैसला किया वह जरूरतमंद लोगों और उस जगह से संपर्क करें जहां दवाइयां उपलब्ध होंगी ताकि उस जगह से सीधे दवाइयां लोगों को मुहैया करवाई जा सकें।
दवाइयां लेने की दो स्टेज की प्रक्रिया थी। जिसमें मरीजों से आधार कार्ड, कोविड रिपोर्ट, डॉक्टर के पर्चे जैसे डॉक्युमेंट्स जमा करने का अनुरोध किया जाता था और अस्पतालों से संपर्क करके पुष्टि की जाती थी। इसके बाद ही सही दवा को लेकर संतुष्ट होते थे। तब अपने चैनल्स के जरिए बताई गई दवा की उपलब्धता और उसकी लोकेशन को ढूंढने की कोशिश करता था। अभिनेता ने कभी भी व्यापार के लिए दवाइयां नहीं खरीदीं। उसने सिर्फ मरीजों को फार्मेसी का रास्ता बताया जहां दवा मिल सके।