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Kangana Ranaut को 'शिकारा' के लेखक का जवाब, ‘एक दीवार गिरने से आप कश्मीरी पंडितों का दर्द नहीं समझ सकतीं’

कंगना रनोट ने हाल ही में कहा था कि वो कश्मीरी पंडितों का दर्द समझती हैं इसलिए अब वो उनपर फिल्म बनाएंगी। एक्ट्रेस के इस बयान पर शिकारा के राइटर का जवाब आया है।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 02:54 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 03:04 PM (IST)
Kangana Ranaut को 'शिकारा' के लेखक का जवाब, ‘एक दीवार गिरने से आप कश्मीरी पंडितों का दर्द नहीं समझ सकतीं’
Kangana Ranaut को 'शिकारा' के लेखक का जवाब, ‘एक दीवार गिरने से आप कश्मीरी पंडितों का दर्द नहीं समझ सकतीं’

नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट इस वक्त काफी खबरों में हैं। पहले सुशांत सिंह राजपूत के लिए न्याय की मांग, फिर बॉलीवुड में चलने वाली ड्रग पार्टीज़ को लेकर उनके दावे, शिवसेना नेता सजंय राउत के साथ बयानबाज़ी और अब सीधे उद्धव ठाकरे से पंगा। इसके अलावा हाल ही में बीएमसी अधिकारियों ने कंगना रनोट के ऑफिस में तोड़फोड़ कर दी जिसकी वजह से भी वो काफी भड़की हुई हैं।

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बीएमसी अधिकारियों के इस कदम के बाद कंगना ने एक वीडियो जारी कर शिवसेना और उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला। साथ ही उस वीडियो में कंगना ने कहा कि अब उन्हें कश्मीरी पंडितों का दर्द समझ आ रहा है इसलिए अब वो कश्मीरी पंडितों पर फिल्म बनाएंगी। कंगना का ऑफिस टूटने के बाद कई सेलेब्स ने बीएमसी के खिलाफ अपनी नाराज़गी जाहिर की।

इसी बीच एक राइटर ने कंगना पर निशाना साधा है। कंगना के कश्मीरी पंडितों का दर्द समझने वाले बयान पर 'शिकारा' फिल्म के राइटर राहुल पंडित ने कहा है, ‘आप उनका दर्द नहीं समझ सकतीं’। राहुल ने एक्ट्रेस के इस बयान के बाद ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मुझे माफ करना, लेकिन सिर्फ एक दीवार के गिराए जाने से आप कश्मीरी पंडितों के दर्द को नहीं समझ सकतीं। आपको नहीं पता कि कैसा लगता है, जब तीन दिन में बाल सफेद हो जाते हैं। आपको नहीं पता कि कैसा लगता है, जब एक बूढ़ा व्यक्ति इस आस में मर जाता है कि उसे आखिरी बार देखने को मिल जाए’।

राहुल सिर्फ यहीं नहीं रुके। अगले ट्वीट में उन्होंने कश्मीरी पंडितों के प्यादे की तरह इस्तेमाल करने पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की। राहुल ने लिखा, ‘भगवान के लिए हमारे नाम का इस्तेमाल करना बंद कीजिए। आपके अंहकारों की लड़ाई में हम मोहरा बनने को तैयार नहीं हैं। हमारी त्रासदी को कम ना आंके। कल को अगर आपकी उंगली में चोट लग जाए तो आप क्या कहेंगे? कि आप कश्मीरी पंडित का दर्द समझते हैं?’।


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