'दिल से' 20 साल: शाह रुख़ की इस फ्लॉप फ़िल्म ने मलायका अरोरा को बना दिया था स्टार
दिल से... समानांतर सिनेमा की ज़रूरी फ़िल्म मानी जाती है। वैसे तो शाह रुख़ अपने करियर की शुरुआत से ही माया मेमसाब जैसी प्रयोगवादी फ़िल्मों से जुड़े रहे हैं।
मुंबई। शाह रुख़ ख़ान के करियर में कुछ फ़िल्में ऐसी हैं, जिन्होंने उन्हें बतौर कलाकार स्थापित करने में काफ़ी मदद की है। इन्हीं फ़िल्मों में शामिल है 'दिल से...', जिसने 21 अगस्त को 20 साल का सफ़र पूरा कर लिया है। फ़िल्म आज ही के दिन 1998 में रिलीज़ हुई थी। दिलचस्प पहलू यह है कि 'दिल से...' बॉक्स ऑफ़िस पर सफल नहीं रही थी, मगर इस फ़िल्म ने इंडस्ट्री को प्रीति ज़िंटा जैसी अदाकारा दी, वहीं मलायका अरोरा ख़ान को लोकप्रियता दिलवाकर स्टार बना दिया।
'दिल से...' को मणि रत्नम ने डायरेक्ट किया था। देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में आतंकवादी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर बनी इस प्रेम कहानी में शाह रुख़ ख़ान और मनीषा कोईराला ने मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं, जबकि प्रीति ज़िंटा ने फ़ीमेल सेकंड लीड के तौर पर डेब्यू किया था। फ़िल्म का निर्माण मणि रत्नम के साथ राम गोपाल वर्मा और शेखर कपूर ने किया था। बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस फ़िल्म की कहानी मणि रत्नम ने आज के मशहूर निर्देशक तिग्मांशु धूलिया के साथ मिलकर लिखी थी, जिन्होंने 'पान सिंह तोमर' और 'साहब बीवी गैंगस्टर' सीरीज़ जैसी फ़िल्में बनायी हैं। मणि रत्नम ने इस फ़िल्म के निर्माण-निर्देशन के साथ ट्रिलॉजी पूरी की थी, जिसकी दो फ़िल्में 'रोजा' और 'बॉम्बे' पहले आ चुकी थीं।
रोज़ा में दक्षिण भारतीय सिनेमा के स्टार अरविंद स्वामी और मधु मुख्य किरदार निभाये थे, जबकि बॉम्बे में भी अरविंद स्वामी और मनीषा कोईराला ने लीड रोल निभाये। ये दोनों फ़िल्मों की पृष्ठभूमि आतंकवाद ही थी। मणि ने देश के अलग-अलग हिस्सों में उस दौर में संगीन हो चुकी आतंकवाद की समस्याओं को रेखांकित किया था। दोनों फ़िल्में हिंदी सिनेमा की शानदार फ़िल्मों में शामिल हैं।
'दिल से...' समानांतर सिनेमा की ज़रूरी फ़िल्म मानी जाती है। वैसे तो शाह रुख़ अपने करियर की शुरुआत से ही 'माया मेमसाब' जैसी प्रयोगवादी फ़िल्मों से जुड़े रहे हैं, मगर नब्बे के दशक के आख़िरी दौर में जब 'दिल से...' आयी तो शाह रुख़ मसाला फ़िल्मों के कामयाब हीरो के तौर पर सफलता की सीढ़ियां चढ़ रहे थे। 'दिल से...' जैसी फ़िल्म करना, जिसमें नायक-नायिका की क्लाईमैक्स में मौत हो जाती है, शाह रुख़ के करियर के लिए जोख़िम भरा हो सकता था। मगर, उन्होंने रिस्क लिया और इसके लिए उनकी तारीफ़ भी हुई।
मनीषा ने फ़िल्म में आतंकवादी संगठन की सदस्य किरदार निभाया था, जो सुसाइड बॉम्बर होता है। शाह रुख़ ऑल इंडिया रेडियो के प्रोग्राम एक्ज़ीक्यूटिव के रोल में थे। प्रीति ज़िंटा शाह रुख़ के किरदार की मंगेतर के रोल में थीं। प्रीति ने 20 साल पूरे होने पर मणि रत्नम, शाह रुख़, मनीषा कोईराला और फराह ख़ान को शुक्रिया बोला है। प्रीति लिखती हैं- 21 अगस्त 1998 वो शुक्रवार था, जिसने हमेशा के लिए मेरी ज़िंदगी बदल दी। दिल से... शुक्रिया, मणि सर, शाह रुख़, मनीषा और फराह, जिन्होंने मेरे करियर की शुरुआत इतनी अद्भुत बना दी।
21st August’98 was the Friday that changed my life forever. Thank you #DilSe, Mani Sir, @iamsrk, @mkoirala & @TheFarahKhan for making the start of my film journey incredible! 😍Thank you to all my fans & supporters for all the L😍VE! #20YearsOfDilse #Ting! 😘 pic.twitter.com/XyQKDucBgp— Preity G Zinta (@realpreityzinta) August 21, 2018
'दिल से...' ने जहां प्रीति ज़िंटा को ब्रेक दिया, वहीं मलायका अरोरा ख़ान को देशभर में मशहूर कर दिया। एआर रहमान के संगीत में सुखविंदर सिंह का गाया छैयां-छैयां गीत आज भी सबको याद है। गाने के बोलों के साथ ट्रेन की छत पर शाह रुख़ के साथ मलायका का झूमना भला कैसे भुलाया जा सकता है, जो हिंदी सिनेमा के चंद यादगार दृश्यों में शुमार है। 'दिल से...' भले ही बॉक्स ऑफ़िस पर नहीं चली, मगर संगीत आज भी पसंद किया जाता है। मलायका के करियर की भी यह महत्वपूर्ण फ़िल्म है, भले ही उन्होंने सिर्फ़ स्पेशल एपीयरेंस किया हो।
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2010 में टाइम्स मैगज़ीन ने फ़िल्म को बेस्ट बॉलीवुड फ़िल्मों की सूची में शामिल की गयी थी। भारतीय बॉक्स ऑफ़िस पर फ्लॉप रही फ़िल्म ओवरसीज और जापान में हिट रही थी।