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Saroj Khan Death: धर्मेंद्र की डेब्यू फ़िल्म 'दिल भी तेरा...' से सरोज ख़ान का था ये कनेक्शन, याद कर हुए भावुक

Saroj Khan Death 50 के दशक में सरोज ख़ान ने बैकग्राउंड डांसर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था। फ़िल्मों में काम करने के साथ उन्होंने कोरियोग्राफर बी सोहनलाल से डांस सीखा।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 10:18 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 07:12 AM (IST)
Saroj Khan Death: धर्मेंद्र की डेब्यू फ़िल्म 'दिल भी तेरा...' से सरोज ख़ान का था ये कनेक्शन, याद कर हुए भावुक
Saroj Khan Death: धर्मेंद्र की डेब्यू फ़िल्म 'दिल भी तेरा...' से सरोज ख़ान का था ये कनेक्शन, याद कर हुए भावुक

नई दिल्ली, जेएनएन। हिंदी फ़िल्मों की वेटरन कोरियोग्राफर सरोज ख़ान ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। अपने 4 दशकों से लम्बे करियर में सरोज ख़ान ने कई ऐसे गाने सिनेमा को दिये, जो आज भी आइकॉनिक माने जाते हैं। उनके निधन पर पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री शोक में डूबी हुई है। वेटरन एक्टर धर्मेंद्र ने सरोज को याद करते हुए एक भावुक ट्वीट किया। 

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इस ट्वीट में धर्मेंद्र ने बताया क उनकी डेब्यू फ़िल्म में सरोज ख़ान असिस्टेंट डांस डायरेक्टर रही थीं। धर्मेंद्र ने लिखा- तेरे आने से रौनक़ आ जाती थी सरोज। अफ़सोस। तुम भी चली गयीं। सुकून नसीब हो रूह को तेरी। दोस्तों, मेरी पहली फ़िल्म दिल भी तेरा में वो असिस्टेंट डास डायरेक्टर थीं। एक मस्तमौला दोस्त। 

बता दें कि सरोज ख़ान ने 3 साल की उम्र से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम शुरू किया था। नज़राना फ़िल्म में वो एक्ट्रेस श्यामा के बचपन के रोल में थीं। 50 के दशक में सरोज ख़ान ने बैकग्राउंड डांसर के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था। फ़िल्मों में काम करने के साथ उन्होंने कोरियोग्राफर बी सोहनलाल से डांस सीखना जारी रखा। कुछ फ़िल्मों में असिस्टेंट कोरियोग्राफर के तौर पर काम करने के बाद उन्होंने गीता मेरा नाम फ़िल्म से इंडिपेंडेंट कोरियोग्राफर की पारी शुरू की थी। हालांकि कामयाबी के लिए उन्हें लम्बा इंतज़ार करना पड़ा था। 

सरोज ख़ान को बतौर कोरियोग्राफर श्रीदेवी के गाने हवा हवाई से पहचान मिली। इसके बाद नगीना और चांदनी के गानों की सफलता ने सरोज ख़ान को ख़ूब शोहरत दिलाई। नब्बे के दौर में माधुरी दीक्षित के साथ उनकी जुगलबंदी ने जैसे एक नये युग की शुरुआत की। माधुरी का हुनर और मास्टरजी का निर्देशन बेहद कामयाब रहा। संयोग से सरोज ख़ान का आख़िरी गाना भी माधुरी दीक्षित के लिए ही था।


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