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दंगल के बाद अब विशाल की ‘पटाखा कुड़ी’ बन गई हैं सान्या मल्होत्रा

दंगल से पहले जब मैं मुम्बई आयी थी।उस वक़्त फलों के दाम बहुत हुआ करते थे ड्राई फ्रूट्स तो देखने को भी नहीं मिलता था। स नार्मल सा खाना खा लेते थे।

By Manoj KhadilkarEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 05:55 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 09:21 AM (IST)
दंगल के बाद अब विशाल की ‘पटाखा कुड़ी’ बन गई हैं सान्या मल्होत्रा
दंगल के बाद अब विशाल की ‘पटाखा कुड़ी’ बन गई हैं सान्या मल्होत्रा

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। सान्या मलहोत्रा ने अब तक दो फिल्मों में अभिनय किया है। आमिर खान की फिल्म दंगल से उन्हें बड़ी पहचान मिली है। अब वह विशाल भारद्वाज की फिल्म पटाखा का हिस्सा हैं। फिल्म पटाखा को लेकर सान्या की जमकर तारीफ़ हो रही है।

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घर खरीदने का ख्वाब

उन्होंने अपनी बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना नया घर खरीद लिया है और उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनका एक सपना पूरा हुआ है। उन्होंने बताया कि वह उनके पापा के लिए वह हमेशा से कुछ करना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने यह घर खरीदा। सान्या कहती हैं कि वह अपनी कमाई का कोई हिसाब नहीं रखती हैं। सब कुछ उनके पैरेंट्स ही देखते हैं। खासतौर से उनके पापा ही उनका अकाउंट देखते हैं। घर के पूरे इंटीरियर की जिम्मेदारी भी उनके पिता ही देख रहे हैं।

दंगल से बदल गई ज़िंदगी

अपने करियर के बारे में बातचीत करते हुए वह कहती हैं कि वह बेहद खुश हैं। और यह सच है कि दंगल के बाद उनकी लाइफ़ पूरी तरह बदल गई। वह कहती हैं कि अब सब कुछ बदल चुका है। पहले आइने के सामने एक्टिंग करती थीं अब कैमरे के सामने कर रही इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। सान्या का कहना है कि वह किसी तरह की जल्दीबाजी में नहीं हैं कि उन्हें कहीं पहुंचना है। वह कहीं पहुंचने के लिए कुछ भी नहीं करने वाली हैं। वह कहती हैं कि मैं अपनी जर्नी को पूरी तरह से एन्जॉय करना चाहती हूं। पटाखा के रिलीज के 20 दिन बाद उनकी एक और फिल्म ‘बधाई हो’ रिलीज़ होगी।

दंगल के पहले ज़िंदगी

सान्या कहती हैं कि वह मानती हैं कि दंगल से पहले भी कोई संघर्ष नहीं था। उन्होंने उस फेज़ को भी खूब एंजॉय किया है। जब उनके पास करने के लिए कुछ था ही नहीं। वह मानती हैं कि जिंदगी का हर सिचुएशन आपको कुछ न कुछ करना सिखाता है । दंगल से पहले जब मैं मुम्बई आयी थी।उस वक़्त फलों के दाम बहुत हुआ करते थे ड्राई फ्रूट्स तो देखने को भी नहीं मिलता था। स नार्मल सा खाना खा लेते थे। कई लड़कियों के साथ रूम शेयर करती थी। मुझे याद है जब भी पापा दिल्ली से मुम्बई मुझसे मिलने आते थे। वह मेरे लिए बैग भर के फल और ड्राई फ्रूट्स खरीदकर लाते थे। पापा चाहते थे कि वह हर महीने मुझे दिल्ली से पैसे भेजें ताकि मैं सबकुछ अपनी पसंद का खा सकूं लेकिन मैं बचपन से थोड़ी अलग सोच की रही हूं। मुझे लगता था कि मैं अपने माता पिता के लिए कुछ कर सकूं और उनसे कभी भी कुछ लेने की तो कोशिश भी नहीं की।

विशाल की फिल्म करना सपना पूरा करने जैसा

विशाल भारद्वाज की फिल्म का हिस्सा बन कर सान्या बेहद खुश हैं। वह कहती हैं कि अब भी यह एक सपने की तरह लग रहा है।विश्वास ही नहीं हो रहा है कि मैं विशाल सर की फ़िल्म की अभिनेत्री हूं।उनके गानों को सुनकर मैं बड़ी हुई हूं। मुझे याद है पटाखा के बलमा गीत की शूटिंग थी।उस दिन हमारी शूटिंग नहीं थी तो हम रेखा भारद्वाज जी की सांग रिकॉर्डिंग में चले गए। मैंने अपने आपको चिमटी काटकर देखा कि क्या वाकई मैं रेखा भारद्वाज को लाइव सुन रही हूं।मैं विशाल सर और रेखा मैम की फैन रही हूँ। मुझे उम्मीद है कि दर्शकों को पटाखा पसंद आएगी।हमने इस फिल्म की शूटिंग को बहुत एन्जॉय किया। काफी भी मेहनत की।

किरदार की तैयारी

अपने किरदार की तैयारी के बारे में बात करते हुए वह कहती हैं कि मैंने फिल्म के लिए असली गोबर भी छू लिया। हमलोग उस गांव में जाकर रहे। वहां के लोगों से मिलते जुलते थे और कुछ दिन पहले से ही मैं और राधिका बड़की छुटकी की तरह घर के सारे काम करने लगे थे। मिट्टी से घर लीपना, रोटी बनाना और वैसे ही घरों में रहना सब कुछ सीख लिया था।

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