रणबीर कपूर की 'शमशेरा' में 'संजू' बनेगा खलनायक, पर्दे के ये हीरो भी बन चुके विलेन
राजकुमार हिरानी की फ़िल्म संजू, संजय दत्त की ही बायोपिक फ़िल्म है, जिसमें रणबीर संजय का किरदार निभा रहे हैं और अब दोनों एक-दूसरे के सामने खड़े नज़र आएंगे।
मुंबई। हाल ही में यशराज बैनर ने रणबीर कपूर के साथ पीरियड ड्रामा शमशेरा का एलान किया है। इस फ़िल्म की पहली झलक के अनुसार वो एक डकैत का रोल निभा रहे हैं। मगर, दिलचस्प ट्विस्ट ये है कि इस फ़िल्म में संजय दत्त की भी एंट्री हो गयी है और वो भी खलनायक के अवतार में।
राजकुमार हिरानी की फ़िल्म संजू, संजय दत्त की ही बायोपिक फ़िल्म है, जिसमें रणबीर संजय का किरदार निभा रहे हैं और अब दोनों एक-दूसरे के सामने खड़े नज़र आएंगे। शमशेरा को अग्निपथ बनाने वाले करण मल्होत्रा डायरेक्ट कर रहे हैं। यशराज बैनर ने ट्विटर पर इसका एलान कर दिया है।
We've got an ultimate casting coup! Our upcoming action adventure #Shamshera has a roaring villain against #RanbirKapoor. It's the one & only #SanjayDutt | @duttsanjay | @karanmalhotra21 | @ShamsheraMovie — Yash Raj Films (@yrf) May 10, 2018
फ़िल्म की हीरोइन का भी एलान कर दिया गया है। शमशेरा में वाणी कपूर को रणबीर कपूर के अपोज़िट कास्ट किया गया है। ये पहली बार है कि वाणी, रणबीर के साथ स्क्रीन स्पेस शेयर कर रही हैं। वाणी ने यशराज बैनर की फ़िल्म शुद्ध देसी रोमांस से बॉलीवुड में डेब्यू किया और उनकी लास्ट फ़िल्म बेफिक्रे है, जिसमें वो रणवीर सिंह के साथ नज़र आयी थीं। वाणी ने इसे नई शुरुआत कहा है।
New Beginnings 🙏#KaranMalhotra #RanbirKapoor @duttsanjay @Shanoozeing @ShamsheraMovie pic.twitter.com/LnQTn5lGV3— vaani kapoor (@Vaaniofficial) May 14, 2018
इस ख़बर के बहाने चलिए जानते हैं उन एक्टर्स के बारे में जिन्होंने अपने फ़िल्मी करियर में कभी ना कभी विलेन का रोल प्ले किया है। शुरुआत संजय से ही करते हैं, जिन्होंने करण की फ़िल्म अग्निपथ में कांचा चीना का रोल निभाया था। अग्निपथ के रीमेक में संजय का लुक बेहद ख़तरनाक था। नेगेटिव रोल तो संजय ने खलनायक जैसी फ़िल्मों में भी निभाये थे, लेकिन कांचा चीना जैसा विलेन पहले बार बने।
इसी फ़िल्म में ऋषि कपूर ने रऊफ़ लाला का नेगेटिव रोल प्ले किया, जो बेहद शातिर होने के साथ निर्दयी दिखाया गया। ऋषि को अधिकतर हल्के-फुल्के रोमांटिक अंदाज़ में देखने के आदी दर्शक रऊफ़ लाला को देखकर चौंक गये थे। इसी दौरान उन्होंने डी-डे में अंडरवर्ल्ड डॉन का रोल निभाया, जिसमें ऋषि ने काफ़ी प्रभावित किया।
इस साल अभी तक की सबसे कामयाब हिंदी फ़िल्म 'पद्मावत' में अलाउद्दीन खिलजी के किरदार के लिए रणवीर सिंह को जिस तरह के रिव्यूज़ मिले, उससे ये बात साफ़ हो गयी कि वो उन एक्टर्स में शामिल हैं, जो किसी भी पल हीरो से विलेन और विलेन से हीरो बनने की क्षमता रखता है और दर्शक उसे हर रूप में पसंद करते हैं। विलेन बनने से उनकी हीरो वाली इमेज को कोई ख़तरा नहीं होता। रणवीर ने गुंडे और किल दिल जैसी फ़िल्मों में प्रतिनायक या एंटीहोरी के किरदार निभाये हैं, मगर पद्मावत का खिलजी पूरी तरह से खलनायक है। मगर, रणवीर ने जिस सुगमता के साथ उसे निभाया है, वो उनकी अभिनय क्षमता के विस्तार की मिसाल है। पद्मावत का खिलजी अभिनय और भावाभिव्यक्ति के मामले में नायक महारावल रतन सिंह पर भारी पड़ता है।
बाहुबली2- द कंक्लूज़न में राणा दग्गूबटी ने भल्लाल देव के किरदार में बाहुबली बने प्रभास को कांटे की टक्कर दी। बाहुबली के सामने भल्लाल देव कहीं भी कमज़ोर नहीं पड़ा। भल्लाल देव के किरदार के बल ने बाहुबली के किरदार को और बली बना दिया।
अक्षय कुमार ऐसे एक्टर हैं, जो अपने करियर में नेगेटिव रोल्स निभाते रहे हैं। अक्षय ने सबसे पहले अजनबी में विलेन का किरदार निभाया। फ़िल्म के हीरो बॉबी देओल थे। अक्षय का नेगेटिव रोल बॉबी के किरदार पर भारी पड़ा। अब 2.0 में अक्षय विलेन के रोल में ग्रैंड कमबैक कर रहे हैं। इस फ़िल्म में अक्षय सुपर विलेन के रोल में हैं, जिसके सामने होंगे रजनीकांत।
नेगेटिव करेक्टर्स अजय देवगन की फ़िल्मोग्राफी का भी हिस्सा रहे हैं। मगर, उनका सबसे यादगार नेगेटिव रोल खाकी का है। उन्होंने शातिर आतंकवादी का रोल प्ले किया था। फ़िल्म में अक्षय कुमार और अमिताभ बच्चन लीड रोल्स में थे।
सैफ़ अली ख़ान के करियर की सबसे यादगार फ़िल्मों में शुमार है ओमकारा, जिसमें उन्होंने लंगड़ा त्यागी का किरदार निभाया। ज़्यादातर शहरी, पढ़े-लिखे और स्वैग वाले किरदार निभाते रहे सैफ़ को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शातिर और ठेठ गंवई गैंगस्टर के रोल में देखना दिलचस्प अनुभव रहा।
आमिर ख़ान को पर्दे पर अभिनय करते देखना दिलचस्प होता है। दीपा मेहता की फ़िल्म अर्थ में आमिर पर्दे पर विलेन बनकर आये। कहानी के साथ उनका विलेन के रूप में ट्रांस्फॉर्म होना काफ़ी शॉकिंग था।
विलेन बनने के मामले में हिंदी सिनेमा के शहंशाह अमिताभ बच्चन भी पीछे नहीं हैं। संघर्ष के दौर में उन्होंने परवाना में विलेन का किरदार प्ले किया और फ़िल्म के हीरो नवीन निश्चल से अधिक असरदार दिखे। हालांकि उस दौर में नवीन निश्चल की गिनती बड़े सितारों में होती थी। बच्चन ने बाद में कांटे, आंखें और आग जैसी फ़िल्मों में नकारात्मक भूमिकाएं निभायीं।
किरदारों के साथ प्रयोगधर्मिता के मामले में शाह रुख़ ख़ान कई एक्टरों के लिए प्रेरणा से कम नहीं। छवि बनने के ख़तरे के बावजूद किंग ख़ान ने बाज़ीगर, डर और अंजाम जैसी फ़िल्मों में नकारात्मक किरदार प्ले किये। इन फ़िल्मों का खलनायक, नायकों के सामने बौना साबित हुआ।