Sushant Singh Rajput Death: सुशांत मामले में संदीप सिंह के निशाने पर आई रिया चक्रवर्ती, कही ये बात
Sushant Singh Rajput Death संदीप सिंह ने रिया चक्रवर्ती से पूछा ही कि सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार में आने के लिए वह निमंत्रण का इंतजार क्यों कर रही थी?
नई दिल्ली, जेएनएनl सुशांत सिंह राजपूत मामले में निर्माता संदीप सिंह ने रिया चक्रवर्ती पर निशाना साधा है और कहा है कि वह अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए निमंत्रण का इंतजार क्यों कर रही थी। क्या यह जन्मदिन की पार्टी या फिल्म की सक्सेस पार्टी थीl’ सुशांत सिंह राजपूत की मौत की खबर के बाद सुशांत के घर पर पहुंचने वाले शुरुआती लोगों में बॉलीवुड निर्माता संदीप सिंह भी थे। संदीप को प्रारंभिक प्रक्रियाओं में भाग लेते देखा गया था। अपने साक्षात्कार के दौरान रिया चक्रवर्ती ने दावा किया कि उन्होंने कभी भी संदीप सिंह के बारे में नहीं सुना।
रिया ने तब संदीप से सवाल किया था कि अगर वह इतने अच्छे दोस्त थे, तो पिछले डेढ़ साल से वह कहां थे? अब अपने हालिया इंटरव्यू में संदीप सिंह ने रिया पर हमला किया और कहा कि अगर वह वास्तव में सुशांत के अंतिम संस्कार में उपस्थित होना चाहती थी तो वह निमंत्रण का इंतजार क्यों कर रही थीं। उन्होंने आगे कहा कि यह जन्मदिन या फिल्म की सफलता की पार्टी नहीं थी।
संदीप सिंह ने बताया, 'जो लोग कह रहे हैं कि मुझे सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था, उन्हें वास्तव में अपने दिमाग की जांच करनी चाहिए। यह जन्मदिन की पार्टी या किसी फिल्म की सफलता की पार्टी नहीं थी। यह एक अंतिम संस्कार था। यदि आप सुशांत के दोस्त हैं, तो आप अंतिम संस्कार में आने के लिए निमंत्रण का इंतजार क्यों कर रही थी? क्या अपना दिमाग खो दिया है? हम शिक्षित हैं या हम शिक्षित नहीं हैं? खबर सुनते ही मैं खुद इंसान होने के नाते चला गयाl'
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संदीप ने आगे उन सेलेब्स के नाम लिए जो भारी बारिश में भी श्मशान भूमि के बाहर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जो लोग आना चाहते थे, वे आए, 'एकता कपूर बारिश में गेट के बाहर खड़ी थीं। अभिषेक कपूर ने उनके साथ केदारनाथ बनाई और उन्हें काई पो चे में लॉन्च किया था। किसी ने मुझे बताया कि उनका नाम सूची में नहीं था लेकिन वह आये थे और वह बारिश में खड़े थे। श्रद्धा कपूरभी आई और गेट के बाहर एक आम व्यक्ति की तरह खड़ी रही। जिन लोगों को आना था, वे आए और अंतिम यात्रा का दर्शन कर बिना दिखाए के ही चले गए।'