अपनी दोनों मांओं के लाड़ले है सलमान ख़ान, हेलन का संघर्ष जानकर हिल जायेंगे आप
साल 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया। साल 1980 में उन्हें फ़िल्मफेयर से ‘लहू के दो रंग’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का तो 1999 में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी मिला।
मुंबई। 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस International Women's Day के मौके पर सलमान ख़ान Salman Khan ने एक बड़ी ही प्यारी सी तस्वीर शेयर की, जिसमें वो अपनी दोनों मां यानी सलमा ख़ान Salma Khan और हेलन Helen के साथ नज़र आ रहे हैं। सलमान इन दोनों के बेहद करीब हैं और यक़ीनन वो अच्छे बेटे भी साबित हुए हैं।
आइये इसी बहाने जानते हैं एक ऐसी स्टोरी जो उनकी दूसरी मां हेलेन से जुड़ी हुई है और जो कई महिलाओं को इंस्पायर कर सकती है। अगर आप बॉलीवुड के सबसे चर्चित डांसर्स की कोई लिस्ट बनाये तो उस लिस्ट में हेलन का नाम ज़रूर होगा।
हेलन ऐन रिचर्डसन का जन्म 21 नवंबर 1938 को बर्मा (म्यांमार) के रंगून में हुआ था। बीते साल वो अस्सी साल की हो गयीं और वो एक खूबसूरत ज़िंदगी जी रही हैं! लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हेलन का शुरूआती दौर काफी संघर्ष भरा रहा है। दरअसल, हेलन के पिता जॉर्ज डेस्मियर एक एंग्लोइंडियन थे जबकि मां बर्मा की ही थीं। उनके भाई का नाम रोजर और बहन का नाम जेनिफर था। दूसरे विश्व युद्ध के समय उनके पिता का निधन हो गया और उसके बाद हालात इतने बिगड़े की उन्हें अपना देश यानी बर्मा छोड़ना पड़ा।
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साल 1964 में एक मीडिया इंटरव्यू में हेलन ने कहा था कि- ‘‘हम सैकड़ों लोग एक समूह में चल रहे थे। न हमारे पास खाने को कुछ था और न ही पैसे। हमारे बदन पर कपड़े तक नहीं थे। रास्ते में कहीं कोई कुछ खाने को दे देता तो हम खा लेते। लोगों के रहमो-करम से बचते-बचाते हम असम (आसाम) तक पहुंचे। असम आते-आते हमारे समूह में आधे लोग ही बचे रहे। रास्ते में कुछ बीमारी की वजह से मर गए तो कुछ बहुत पीछे छूट गए। मेरी मां तब प्रेग्नेंट थीं और रास्ते में ही उनका मिसकैरेज हो गया। उन्हें इलाज के लिए डिब्रूगढ़ (असम) में भर्ती किया गया। मेरी हालत ऐसी हो गयी थी कि मैं ज़िन्दा कंकाल की तरह नज़र आने लगी थी। भाई की भी हालत नाज़ुक थी। हम दो महीने अस्पताल में रहे और उसके बाद हम सब कलकत्ता आ गए। लेकिन, दुःख यह रहा कि मेरा भाई चिकन पॉक्स से उबर नहीं सका और उसकी मौत हो गयी।’’
ज़ाहिर है हेलन का जो संघर्ष है उसे शब्दों में नहीं ढाला जा सकता। वहांसे उनका सफ़र जिस मुकाम तक पहुंचा वो काबिले तारीफ है! बता दें कि हेलन की मां तब नर्स का काम करती थीं और उनकी कमाई से घर का खर्च नहीं चल पाता था, ऐसे में हेलन ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और मां का सहारा बनने के लिए काम तलाशने लगी। फिर वो मुंबई आ गयीं जहां शुरूआती कुछ फ़िल्मों के बाद साल 1962 में फ़िल्म 'काबिल ख़ान' के दौरान हेलन की मुलाकात सलीम ख़ान से हुई थी। सलीम हेलन को देखते ही उन्हें दिल दे बैठे। लेकिन, वो पहले से ही शादीशुदा थे इसलिए उनकी पत्नी सलमा ने इस पर आपत्ति जताई। इसके बावजूद सलीम ने हेलन से शादी की। हालांकि, उसके बाद ये सभी बहुत ख़ुशी के साथ मिलकर रहे!
क्या आप जानते हैं 19 की उम्र में हेलन को फ़िल्म 'हावड़ा ब्रिज' में बड़ा मौका मिला और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा! हेलन को बॉलीवुड में उनकी ख़ास दोस्त कुक्कू लेकर आई थीं! अभिनय के साथ-साथ एक डांसर के रूप में उन्होंने खुद को स्थापित किया। गीता दत्त, आशा भोंसले और लता मंगेशकर तक ने उनके लिए गीत गाये। 'मेरा नाम चीन चीन चू', 'पिया तू अब तो आजा' जैसे गीतों से वो डांसिंग क्वीन बन गयी थीं।
बाद के वर्षों में वो सलमान ख़ान की कुछ फ़िल्मों में मेहमान भूमिका में भी दिखीं! हेलन को आखिरी बार साल 2000 में आई फ़िल्म 'मोहब्बतें' में देखा गया था। सलमान भी अपनी हेलन आंटी से बहुत प्यार करते हैं! हेलन के बारे में आप जानते हैं कि वो सलीम ख़ान की दूसरी पत्नी हैं। सलीम की पहली पत्नी सलमा हैं जिनसे उन्हें तीन बेटे सलमान, अरबाज़ और सोहैल ख़ान हैं।
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जबकि हेलन और सलीम ख़ान ने बेटी अर्पिता को गोद लिया था। वर्ष 2009 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया। साल 1980 में उन्हें फ़िल्मफेयर से ‘लहू के दो रंग’ के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का तो 1999 में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी मिला। उनकी संघर्ष और फिर उनकी कामयाबी दोनों ही एक मिसाल है।