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राज कपूर की ज़िंदगी से तो चली गयीं, पर RK Studio से ना जा सकीं नर्गिस...

नर्गिस ने 1956 में जागते रहो पूरी होने के बाद आरके स्टूडियो में क़दम नहीं रखा था, लेकिन ऋषि कपूर की शादी की संगीत सेरेमनी में शामिल होने के लिए वो सुनील दत्त के साथ गयीं।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Fri, 01 Jun 2018 01:00 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 09:43 AM (IST)
राज कपूर की ज़िंदगी से तो चली गयीं, पर RK Studio से ना जा सकीं नर्गिस...
राज कपूर की ज़िंदगी से तो चली गयीं, पर RK Studio से ना जा सकीं नर्गिस...

मुंबई। भारतीय सिनेमा में अपनी अदाकारी की ख़ुश्बू बिखेरने वाली नर्गिस का 1 जून को जन्म दिन होता है। नर्गिस के बारे में कई कहानियां बॉलीवुड में कही-सुनी जाती हैं। इनमें से कुछ कहानियां शोमैन राज कपूर और नर्गिस के संबंधों को लेकर भी प्रचलित हैं, जिनका ज़िक्र राज कपूर के बेटे और वेटरन एक्टर ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी 'खुल्लम खुल्ला- ऋषि कपूर अनसेंसर्ड' में भी किया है। इत्तेफ़ाक़ देखिए राज कपूर की 2 जून को पुण्य तिथि होती है। तारीख़ें भी इन दोनों को ज़्यादा दूर ना रख सकीं।

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राज कपूर को हिंदी सिनेमा का शो-मैन कहा जाता है नर्गिस के साथ उनके रिश्तों को लेकर बहुत कुछ कहा गया, मगर ऋषि ने जब राज कपूर की ज़िंदगी के कुछ ऐसे पन्ने अपनी जीवनी में खोले, जो काफी रंगीन हैं और लीजेंडरी फ़िल्ममेकर की लाइफ़ को नज़दीक़ी से दिखाते हैं, तो फिर राज कपूर-नर्गिस को लेकर चलने वाली तमाम कहानियों को जैसे सांसें मिल गयीं। हालांकि ऋषि कपूर ने राज साहब के और भी संबंधों के बारे में लिखा है, मगर  नर्गिस के साथ उनकी रिलेशनशिप अलग ही स्तर पर रही।

28 साल की उम्र में शुरू हुआ क़िस्सा-ए-नर्गिस

बायोग्राफी में ऋषि कपूर लिखते हैं- ''मेरे पिता राज कपूर 28 साल के थे और पहले ही हिंदी सिनेमा के शो-मैन का ख़िताब पा चुके थे। उस वक़्त वो प्यार में भी थे, दुर्भाग्य से मेरी मां के अलावा किसी और से। उनकी गर्लफ्रेंड उनकी कुछ हिट्स आग, बरसात और आवारा में उनकी हीरोइन भी थीं।"

नर्गिस बन गयी थीं इन-हाउस हीरोइन

ऋषि लिखते हैं कि नर्गिस को इन-हाउस हीरोइन कहते थे और आरके स्टूडियो के लोगो में भी वो शामिल हैं। राज और नर्गिस पहली बार आग में साथ आए थे, जो राज कपूर की बतौर प्रोड्यूसर और डायरेक्टर पहली फ़िल्म थी। इसी फ़िल्म के साथ आरके बैनर की बुनियाद भी रखी गई थी। इसी फ़िल्म के एक दृश्य में नर्गिस राज कपूर की बाहों में डूबी नज़र आती हैं, जिसे स्टूडियो के लोगो के रूप में अमर कर दिया गया।

 

जब राज कपूर की पत्नी से हुआ सामना

इसी बायोग्राफी में ऋषि आगे लिखते हैं कि नर्गिस जी ने 1956 में जागते रहो पूरी होने के बाद आरके स्टूडियो में क़दम नहीं रखा था, लेकिन ऋषि कपूर की शादी की संगीत सेरेमनी में शामिल होने के लिए वो सुनील दत्त के साथ आयीं। 24 साल बाद किसी कपूर इवेंट में शामिल होने को लेकर वो काफ़ी नर्वस थीं। मेरी मां ने उनकी हिचकिचाहट को समझते हुए एक तरफ़ ले जाकर कहा, मेरे पति सजीले व्यक्ति हैं। वो रोमांटिक भी हैं। मैं आकर्षण को समझ सकती हूं। मैं जानती हूं आप क्या सोच रही हैं, लेकिन अतीत को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए। आप मेरे घर ख़ुशी के मौक़े पर आयी हैं और आज हम दोस्तों की तरह यहां मौजूद हैं। 


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