फिल्म इंडस्ट्री में होता है लिंगभेद, दीया मिर्जा बोलीं- 'रहना है तेरे दिल में है उदाहरण'
दीया मिर्जा अपनी हर बात को बेबाकी से रखने के लिए पहचानी जाती हैं। हाल ही में उन्होंने ब्रूट इंडिया को एक इंटरव्यू दिया है। जिसमें उन्होंने इस बारे में बात की। अपने इंटरव्यू में दीया ने बताया कि लोग लिखते थे सोचते थे और sexist सिनेमा बना रहे थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड में कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर समय- समय पर प्रकाश डाला जाता है। जिनमें से एक मुद्दा लिंगभेद का भी है। कई अभिनेत्रियों का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री में लिंगभेद (Sexism) होता है। अब हाल ही में अभिनेत्री दीया मिर्जा ने भी इसे लेकर बेबाकी से अपनी बात रखी है। हाल ही में दिए अपने एक इंटरव्यू में दीया मिर्जा ने कहा कि उनकी डेब्यू फिल्म 'रहना है तेरे दिल में' में भी sexism था।
दीया मिर्जा अपनी हर बात को बेबाकी से रखने के लिए पहचानी जाती हैं। हाल ही में उन्होंने ब्रूट इंडिया को एक इंटरव्यू दिया है। जिसमें उन्होंने इस बारे में बात की। अपने इंटरव्यू में दीया ने बताया कि, 'लोग लिखते थे, सोचते थे और sexist सिनेमा बना रहे थे और मैं इन कहानियों का हिस्सा थी। 'रहना है तेरे दिल में' में भी sexism था। मैं ऐसे लोगों के साथ एक्टिंग कर रही थी, काम कर रही थी।'
आगे दीया ने उदाहरण देते हुए बताया कि, 'एक मेकअप आर्टिस्ट आदमी ही हो सकता था, महिला नहीं। एक हेयरड्रेसर ही महिला थी। जब मैंने फिल्मों में काम करना शुरू किया, तब क्रू में 120 से ज्यादा की स्ट्रेंथ में बस 4 से 5 महिलाएं होती थीं, कभी-कभी तो 180 लोग होते थे।' दीया यहीं नहीं रुकीं उन्होंने आगे भी इस बारे में बताया।
दीया आगे कहती हैं, 'हम पितृसत्तातमक समाज में रहते हैं और इस इंडस्ट्री की अगुवाई बड़े पैमाने पर पुरुष ही करते हैं। यहां लिंगभेद होता है और बड़े हिस्से को देखें तो मुझे लगता है कि उसके लिए यह conscious sexism भी नहीं है क्योंकि कई पुरुष हैं जो राइटर्स हैं, डायरेक्टर्स हैं, एक्टर्स हैं जिन्हें अपनी sexist सोच के बारे में भी नहीं मालूम है।'
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