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Panipat Controversy: पानीपत को लेकर विवाद बढ़ा, विरोध-प्रदर्शन के बीच बॉलीवुड से भी उठी आवाज़

Panipat Controversy पानीपत फ़िल्म में महाराजा सूरजमल को लेकर दिखाए गए तथ्य पर अब मामला गंभीर होने लगा। इसको लेकर एक्टर रणदीप हुड्डा ने भी ट्वीट किया है।

By Rajat SinghEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 06:36 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 07:19 PM (IST)
Panipat Controversy: पानीपत को लेकर विवाद बढ़ा, विरोध-प्रदर्शन के बीच बॉलीवुड से भी उठी आवाज़
Panipat Controversy: पानीपत को लेकर विवाद बढ़ा, विरोध-प्रदर्शन के बीच बॉलीवुड से भी उठी आवाज़

नई दिल्ली, जेएनएन। Panipat Controversy: अर्जुन कपूर, सजंय दत्त, कृति सनोन स्टारर फ़िल्म 'पानीपत' को लेकर मामला गंभीर होता जा रहा है। राजस्थान में फ़िल्म के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। फ़िल्म में महाराजा सूरजमल को लेकर दिखाए गए तथ्यों से जाट समुदाय में रोष है। वहीं, कुछ जगह से हिंसा की ख़बरे भी आ रही हैं। इन सबके बीच अब बॉलीवुड से इस फ़िल्म को लेकर आवाज़ उठने लगी है।

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फ़िल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा ने इस मामले पर अपनी राय रखी है। रणदीप ने इस विवाद से जुड़े दोनों पक्षों को एक ज़रूरी मशविरा दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'एक समुदाय को गौरवान्वित करने के लिए, एक को दूसरों से नीचा दिखाने की जरूरत नहीं है .. इसका ज्यादातर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भविष्य में इसको लेकर अधिक परिवक्वता की उम्मीद है। वहीं, विरोध करने वाले इस शुद्ध मनोरंजन को अपने पूर्वजों की विरासत से ना जोड़े। यह सिर्फ एक फिल्म है।'

वहीं, इस फ़िल्म को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सेंसर बोर्ड से इसमें हस्तक्षेप करने की अपील की है। इसके अलावा राजस्थान के मंत्री विश्वेंद्र सिंह कानून व्यवस्था का हवाला देकर बैन करने की मांग कर चुके हैं। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे भी इस मुद्दे को लेकर अपील कर चुकी हैं।

जयपुर में तोड़फोड़

फ़िल्म को लेकर राजस्थान के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। भरतपुर में लोगों ने बाजार बंद रखे और फ़िल्म का पुतला भी जलाया। वहीं, जयपुर से हिंसा की भी ख़बरे आईं। वहां, एक सिनेमाहॉल में इस फ़िल्म को लेकर तोड़फोड़ भी की गई। इसके बाद पांच लोगों को हिरासत में भी लिया गया। इसके अलावा मंत्री विश्वेंद्र सिंह ख़ुद भरतपुर में विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

ये है मामला

फ़िल्म में लोग महाराजा सूरजमल के ग़लत चित्रण को लेकर नाराज़ हैं। फ़िल्म में दिखाया गया है कि अफ़गानों के खिलाफ युद्ध में सूरजमल ने पहले मराठाओं की मदद की। हालांकि, बाद में उनकी शर्तें ना मानने पर उन्होंने मदद से इनकार कर दिया। वहीं, प्रदर्शन करने वालों का दावा है कि सूरजमल ने छह महीने तक मराठाओं को शरण दी थी।

(Inputs- ANI)

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