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नहीं भूलेगा वो चिढ़ाना, रूठना और फिर मनाना, रीमा लागू को यादकर भावुक हुए राकेश बेदी

श्रीमान श्रीमती शो के समापन को भी 20-22 साल से ऊपर हो चुके हैं, मगर आज भी सेट की वह बैक स्टेज मस्ती, एक दूसरे से बैठ कर थियेटर, लिटरेचर की बातें याद आती हैं।

By मनोज वशिष्ठEdited By: Published: Thu, 18 May 2017 11:16 AM (IST)Updated: Thu, 18 May 2017 11:16 AM (IST)
नहीं भूलेगा वो चिढ़ाना, रूठना और फिर मनाना, रीमा लागू को यादकर भावुक हुए राकेश बेदी
नहीं भूलेगा वो चिढ़ाना, रूठना और फिर मनाना, रीमा लागू को यादकर भावुक हुए राकेश बेदी

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। मशहूर अभिनेत्री रीमा लागू का निधन हार्ट अटैक की वजह से 18 मई को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में हो गया। रीमा लागू ने हिंदी सिनेमा के साथ-साथ मराठी फिल्मों में भी बेहतरीन अभिनय कर अपनी अलग ही छवि स्थापित की। खासतौर से राजश्री प्रोडक्शन की फिल्मों में रीमा ने मां के यादगार किरदार निभाए हैं।

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रीमा लागू की खास बात यह रही कि उन्होंने कभी माध्यम को छोटा या बड़ा नहीं माना। हर माध्यम मे उन्होंने बेहतरीन अभिनय किया। फिल्मों के साथ-साथ वह टीवी में भी हमेशा सक्रिय रहीं। उन्होंने अपने शुरुआती दौर से ही टीवी में काफी काम किया है। गुलजार के किरदार धारावाहिक में भी रीमा लागू हिस्सा रही थीं। फिर श्रीमान-श्रीमती जैसे शो में भी वह राकेश बेदी, अर्चना पूरन सिंह जैसे कलाकारों के साथ अपनी पहचान स्थापित करती रहीं। इसी शो के को-स्टार और मशहूर अभिनेता राकेश बेदी इस सीरियल की यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि रीमा बेहतरीन एक्ट्रेस थीं। थिएटर बैकग्राउंड से जुड़ी रहीं तो उन्हें पता था कि एक्टिंग को क्या चाहिए।

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राकेश बताते हैं कि लंबे समय तक उनके और रीमा के बीच दोस्ती का रिश्ता कायम रहा। श्रीमान श्रीमती शो के समापन को भी 20-22 साल से ऊपर हो चुके हैं, मगर आज भी सेट की वह बैक स्टेज मस्ती, एक दूसरे से बैठ कर थियेटर, लिटरेचर की बातें याद आती हैं। हम सभी साथ में ही वक्त बिताते थे। बाद में वह थिएटर के माध्यम से जुड़े रहे। राकेश, नीना गुप्ता और अनुपम खेर का एक लोकप्रिय नाटक है मेरा वो मतलब नहीं था।

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राकेश की इच्छा थी कि वह इसमें रीमा को ही लीड किरदार दें। राकेश बताते हैं कि उन्होंने रीमा को आॅफर भी दिया था, लेकिन रीमा उस वक्त व्यस्त थीं। तो इस शो का हिस्सा नहीं बन पायीं। राकेश यह भी बताते हैं कि बाद में भी जब वह मिलते थे तो रीमा की टांग खिंचाई करते थे और आज भी वह वैसी ही रुठती थीं। राकेश उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहते हैं कि हिंदी सिनेमा व अभिनय की दुनिया ने एक बेहतरीन कलाकार खो दिया।


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