जब मेरी फिल्म में 'आरक्षण' की बात की गई थी तब आधे हिंदुस्तान ने बैन कर दिया था- प्रकाश झा
फिल्म फ्रॉड सइयां एक सच्ची कहानी पर आधारित है जिसमें एक व्यक्ति ने सात शहरों में सात महिलाओं से शादी की और किसी को इस बात का पता नहीं चलने दिया।
मुंबई। फिल्म निर्माता निर्देशक प्रकाश झा ने मुंबई में अपनी आने वाली फिल्म फ्रॉड सइयां को लेकर जागरण डॉट कॉम से खास बातचीत करते हुए राजनीतिक मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने हाल ही मोदी सरकार द्वारा सवर्णों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण पर अपनी बात रखी।
इस मौके पर जब जागरण डॉट कॉम ने उससे पूछा कि हाल ही में मोदी सरकार द्वारा सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है। इस पर उनके क्या विचार हैं? जवाब में उन्होंने कहा कि इस विषय पर उन्होंने एक फिल्म बनाई थी, जिसका नाम आरक्षण था। जब यह फिल्म आई थी अब देश में खूब कोहराम मचा था और आधे हिंदुस्तान में इस फिल्म पर बैन लगा दिया गया था लेकिन आज वही बात सही साबित हो रही है। प्रकाश झा ने आगे यह भी कहा कि सवर्ण जाति में भी दलित होते हैं जो कि आर्थिक रूप से गरीब होते हैं। उन्हें भी ऊपर आने का अवसर मिलना चाहिए। इस बारे में बताते हुए प्रकाश झा कहते हैं, 'हमारा समाज असंतुलित समाज है। आरक्षण शाश्वत है और यह चलता रहेगा। संतुलित समाज को असंतुलित समाज होने में जितना समय लगा है, उतना ही समय असंतुलित समाज को संतुलित होने में लगेगा तो यह चलता रहेगा। जो भी चरनिंग या मथाई हो रही है, वह होते रहना चाहिए क्योंकि वह समय की मांग है। आरक्षण तो मिलना ही चाहिए पिछड़े लोगों को, दलित लोगों को क्योंकि उनको ऊपर आने का अवसर मिलना ही चाहिए। सवर्णों में भी तो दलित है। उन सभी चीजों को समझना चाहिए। जब मैंने आरक्षण पर बात की थी तो आधे हिंदुस्तान में फिल्म को बैन कर दिया था। आज जो यह 10 प्रतिशत आरक्षण सवर्णो को दिया गया है, यह बात मैंने मेरी फिल्म के जरिए बताई थी।'
गौरतलब है कि फिल्म फ्रॉड सैया में अरशद वारसी की अहम भूमिका है। वहीं इस फिल्म में सौरभ शुक्ला भी नजर आएंगे। इस फिल्म का निर्माण प्रकाश झा की बेटी दिशा ने किया है जो कि 18 जनवरी को रिलीज होगी।
फिल्म फ्रॉड सइयां एक सच्ची कहानी पर आधारित है जिसमें उस व्यक्ति ने सात शहरों में सात महिलाओं से शादी की और किसी को इस बात का पता नहीं चलने दिया। महिलाओं को अपने प्यार के जाल में फंसा कर शादी करने वाली ये कॉमेडी फिल्म इन दिनों इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि हाल ही में कोर्ट ने सेक्शन 497 की धारा को ख़त्म कर दिया है जिसके तहत अब एडल्टरी आपराधिक कृत्य की श्रेणी में नहीं होगी। प्रकाश झा के मुताबिक ये वाराणसी, मथुरा और इलाहाबाद (प्रयागराज) इलाके की कहानी है जहाँ अरशद वारसी के किरदार को अपने लाइफ के यंग डेज़ में ही पता चल जाता जाता है कि वो ढ़ेर सारी औरतों को अपने प्यार के जाल में फंसा कर शादी कर सकता है। उसने ठगी के इस धंधे को आगे बढ़ाया और 13 शादियां की। साथ ही उसके कई अफेयर भी रहे।
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