Irshad Kamil की शायरियां अपनी प्रेमिका को सुनाते थे संगीतकार संदेश शांडिल्य, जानें कई और दिलचस्प किस्से
यह किस्सा इरशाद कामिल ने एक इंस्टाग्राम लाइव पर प्रशंसकों से बातचीत के दौरान साझा किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। 'कभी खुशी कभी गम', 'चमेली' और 'सोचा न था' जैसी फिल्मों के संगीतकार संदेश शांडिल्य अपने गीतकार दोस्त इरशाद कामिल से शायरियां सुनकर अपनी प्रेमिका को सुनाया करते थे। यह किस्सा इरशाद ने एक इंस्टाग्राम लाइव पर प्रशंसकों से बातचीत के दौरान साझा किया। इरशाद ने अपने पहले गाने 'सजना वे सजना...' की स्मृतियां साझा करते हुए बताया कि उन्हें मुंबई में आए सिर्फ छह-सात महीने ही हुए थे और अपने लिए काम की तलाश कर रहे थे। इसी बीच उनके किसी दोस्त ने उन्हें संगीतकार संदेश शांडिल्य से संपर्क करने की सलाह दी। इरशाद के फोन करने पर संदेश ने उनकी रचनाएं सुनने के लिए एक स्टूडियो में बुलाया।
वहां मौका पाकर इरशाद ने पहली बार में ही संदेश को अपनी लिखी लगभग बीस-पच्चीस गजलें सुना डालीं। इस दौरान संदेश वाह-वाह करते हुए उनकी हौसला अफजाई करते रहे। कुछ दिनों बाद संदेश ने इरशाद को फोन कर शायरी की कुछ पंक्तियां पूछीं और फोन काट दिया। उसके बाद फोन आने और शायरी सुनकर काटने का यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा। इस बीच जब इरशाद ने संदेश से इसका कारण पूछा तो संदेश ने कहा कि इरशाद भाई आपसे क्या छुपाना।
मैं आपसे शायरियां सुनकर अपनी प्रेमिका को सुनाता हूं। इसके बाद संदेश के ही सुझाव पर निर्देशक इम्तियाज अली ने इरशाद को फिल्म सोचा न था में पहली बार गाने लिखने का मौका दिया। लेकिन इससे पहले सुधीर मिश्रा निर्देशित फिल्म चमेली रिलीज हुई। जिसमें संदेश के ही सुझाव पर इरशाद को सजना वे सजना गाना लिखने का मौका मिला। इस तरह से चमेली इरशाद की पहली रिलीज फिल्म बनी।
Photo Credit : Irshad Kamil Mid Day