सेंसर के अड़ियल रवैये को लेकर परिणीति चोपड़ा की ये है सोच
उन्होंने कहा कि फिल्म में हम ऐसी चीज दिखाते हैं, जो कभी कभी आम ज़िंदगी में नहीं होती। जब हम ज़्यादा कुछ काटने लगेंगे तो वह डॉक्यूमेंटरी बन जाएगी।
रुपेशकुमार गुप्ता, मुंबई। परिणीति चोपड़ा ने कहा है कि फिल्मों के कारण समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर आजकल हमने ज़्यादा हो सोचना शुरू कर दिया है और फिल्म बनाने की आज़ादी के खिलाफ़ कठोरता काफ़ी बढ़ गई है।
परिणीति चोपड़ा ने मुंबई में हुए एक कार्यक्रम में हाल ही में शाहरुख़ खान की फिल्म जब हैरी मेट सेजल के एक डायलॉग को लेकर सेंसर बोर्ड की आपत्ति को लेकर अपनी बात कर रही थीं। सेंसर प्रमुख ने पहले वादा किया था कि फिल्म के उस शब्द को वो अभी पास करेंगे जब उसके पक्ष में एक लाख वोट मिलेंगे , लेकिन बाद में वो अपनी बात से मुकरते नज़र आये। परिणीति ने कहा "मुझे लगता है हमने ज़्यादा सोचना शुरू कर दिया है। यह सही बात है कि फिल्में समाज को प्रभावित करती हैं और यह सही है कि अगर हम सचमुच ऐसा कुछ दिखा रहे हैं जिससे बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हो तो उसे हटा दिया जाना चहिये लेकिन इसको लेकर अब सोच विचार ज़्यादा हो रहा है। फिल्म मनोरंजन के लिए होती हैं । मैं किसी का नाम नहीं ले रही लेकिन मुझे लगता है यह फिल्म बनाने की स्वतंत्रता के विरुद्ध काम है।"
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उन्होंने कहा कि फिल्म में हम ऐसी चीज दिखाते हैं, जो कभी कभी आम ज़िंदगी में नहीं होती। जब हम ज़्यादा कुछ काटने लगेंगे तो वह डॉक्यूमेंटरी बन जाएगी। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए। हमारे निर्देशकों को उनकी काल्पनिकता का उपयोग करने दीजिये ताकि वह आपका भरपूर मनोरंजन कर सकें।
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परिणीति चोपड़ा, इन दिनों अजय देवगन के साथ फिल्म गोलमाल अगेन में काम कर रही हैं जबकि सोमवार को ही उनकी एक और फिल्म की घोषणा की गई है जिसका नाम ' संदीप और पिंकी फरार' है।