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बॉलीवुड फिल्मों पर बैन से पछताएगा Pakistan, कर बैठा अपना भयंकर नुकसान!

Bollywood Banned In Pakistan पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी गई है जिसके बाद से पाकिस्तान को काफी नुकसान होगा।

By Mohit PareekEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 12:31 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 12:39 PM (IST)
बॉलीवुड फिल्मों पर बैन से पछताएगा Pakistan, कर बैठा अपना भयंकर नुकसान!
बॉलीवुड फिल्मों पर बैन से पछताएगा Pakistan, कर बैठा अपना भयंकर नुकसान!

नई दिल्ली, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। अब पाकिस्तान ने भारतीय फिल्मों की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी है। वैसे तो पाकिस्तान यह कदम कई बार उठा चुका है और भारतीय फिल्मों पर बैन लगा चुका है। हालांकि, यह फैसला ज्यादा दिन नहीं चल पाता और फिर से भारतीय फिल्में पाकिस्तान में धूम मचाने लगती है।

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पुलवामा अटैक के बाद अब पाकिस्तान ने एक बार फिर फिल्म बैन का राग अलापा है। लेकिन क्या आप जानते हैं पाकिस्तान भारतीय फिल्मों पर बैन लगाकर खुद का ही बड़ा नुकसान करने जा रहा है। जानते हैं आखिर बॉलीवुड फिल्में पाकिस्तान के लिए कितनी जरूरी हैं...

पाकिस्तान को कितना होगा नुकसान?

आपको बता दें कि पाकिस्तान में थियेटर की 70 फीसदी कमाई भारतीय फिल्मों की वजह से होती है। भारतीय फिल्में पाकिस्तान में रिलीज नहीं होने की वजह से सभी थियेटर खाली रह जाएंगे और पाकिस्तान की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

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हाल ही में पाकिस्तान की वेबसाइट हेराइल्ड की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि 2007 में जब भारतीय फिल्मों से बैन हटा था तो थियेटरों में रौनक आ गई थी और बॉक्स ऑफिस कलेक्शन में काफी बढ़ोतरी हुई थी। साथ ही देश में कई नए सिनेमाघर भी बने थे।

वैसे भी पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों को ज्यादा भाव मिलता है, जबकि पाकिस्तानी फिल्मों की संख्या काफी कम होती है। अगर पिछले साल के आंकड़ो पर नजर डालें तो पाकिस्तान में 2018 में सिर्फ 21 फिल्में ही रिलीज हुई थीं और देश में सिर्फ 129 स्क्रीन्स ही हैं। वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत में 2016 तक ही 6000 सिंगल स्क्रीन और 2100 मल्टीप्लेक्स थे। साथ ही 2018 में भारत में 1813 फिल्में अलग अलग भाषाओं में रिलीज हुई थीं।

बता दें पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों के रिलीज होने से सिनेमाघरों को काफी फायदा होता है। इसके साथ ही एडवरटाइजिंग कंपनियों समेत कई लोगों को रोजगार मिलता है। सिंध बोर्ड ऑफ फिल्म सेंसर के चेयरमैन फखर ए आलम का मानना है कि अगर पाकिस्तान में भारतीय फिल्में रिलीज नहीं होंगी तो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को नुकसान होगा और फिल्म थियेटर शॉपिंग मॉल और अपार्टमेंट में तब्दील हो जाएंगे। इसकी वजह ये भी है कि पाकिस्तान में इतनी फिल्मों का निर्माण ही नहीं हो रहा है।

अगर अंदाजा लगाया जाए तो भारतीय फिल्में हर साल पाकिस्तान में अच्छा बिजनेस करती है। भारत की एक फिल्म करीब 4-7 करोड़ रुपये का कलेक्शन करती है, इससे पाकिस्तान की सरकार को भी टैक्स के रूप में अच्छी आमदनी होती है। ऐसे में पाकिस्तान अपने फैसले अपना बड़ा नुकसान कर रहा है और यह पाकिस्तान के लिए अपने पांव में कुल्हाड़ी मारने के बराबर भी हो सकता है।

पाकिस्तान में बॉलीवुड फ़िल्मों के असर का अंदाज़ा सिर्फ़ इस बात से लगाया जा सकता है कि बॉलीवुड एक्टर सलमान खान की फिल्म सुल्तान ने पाकिस्तान में 37 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था। वहीं वर्ल्ड वाइड सुल्तान ने 630 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था। इसमें 5 फीसदी कलेक्शन पाकिस्तान से हुआ था।

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