JFF Day 3: 'अक्टूबर' और 'बकेट लिस्ट' का प्रदर्शन, भारी संख्या में पहुंचे सिने-लवर्स
नई दिल्ली के सीरी फोर्ट स्टेडियम में चल रहे दुनिया के सबसे बड़ा घुमंतू फ़िल्म फेस्टिवल का रविवार (1 जुलाई) को तीसरा दिन था।
मुंबई। नई दिल्ली में जागरण फ़िल्म फेस्टिवल की धूम जारी है। फेस्टिवल के तीसरे दिन कई महत्वपूर्ण फ़िल्मों का प्रदर्शन किया गया, जिन्हें देखने सिनेप्रेमी भारी तादाद में पहुंचे। इस मौके पर मराठी फ़िल्म 'बकेट लिस्ट' के निर्देशक तेजस देवस्कर ने फ़िल्म फेस्टिवल्स की उपयोगिता पर चर्चा की।
नई दिल्ली के सीरी फोर्ट स्टेडियम में चल रहे दुनिया के सबसे बड़े घुमंतू फ़िल्म फेस्टिवल का रविवार (1 जुलाई) को तीसरा दिन था। चांदनी बार, कड़वी हवा, हिडन, अक्टूबर, बीइंग भाईजान, एलीफेंटे ब्लेंको, बकेट लिस्ट और विक्टर्स हिस्ट्री जैसी फ़िल्मों का प्रदर्शन किया गया। फेस्टिवल के बहाने दर्शकों को ऐसी फ़िल्मों को देखने का अवसर भी मिल जाता है, जो सामान्य जीवन में संभव नहीं होता। वहीं फ़िल्मों को लेकर ज्ञान बढ़ाने का भी यह ज़रूरी मौक़ा प्रदान करते हैं। जागरण फ़िल्म फेस्टिवल का यह 9वां चैप्टर है। निर्देशक शूजित सरकार की फ़िल्म अक्टूबर को लेकर दर्शकों को काफ़ी उत्साह देखा गया, वहीं मराठी फ़िल्म बकेट लिस्ट भी दर्शकों के बीच हिट रही।
भाषा की बेड़ियां टूट रही हैं- तेजस, निर्देशक (बकेट लिस्ट)
ग़ैरभाषाई फ़िल्म होने के बावजूद बकेट लिस्ट के लिए दर्शकों के जोश पर इसके निर्देशक तेजस देवस्कर ने कहा कि उन्हें यह देखकर ख़ुशी हो रही है कि एक हिंदी फ़िल्म फेस्टिवल में यूनिवर्सल अपील वाली मराठी फ़िल्म को इतना अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। जागरण फ़िल्म फेस्टिवल के सफ़र की तारीफ़ करते हुए तेजस ने कहा कि अगर कोई फ़िल्म फेस्टिवल 9 साल चलता है तो यह बड़ी बात है।
उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि अब भाषा की बेड़ियां टूट रही हैं। मराठी सिनेमा के बारे में बात करते हुए तेजस देवस्कर ने कहा कि मराठी सिनेमा में कंटेंट की प्रधानता होती है। हम लोग कंटेंट वाले सिनेमा को ही आगे बढ़ाना चाहते हैं। तेजस ने बताया कि बतौर निर्देशक बकेट लिस्ट उनकी चौथी फ़िल्म है और बतौर लेखक चौथी।तेजस ने यहां बताया कि जब इस फ़िल्म को वो माधुरी दीक्षित के पास लेकर गये तो उन्होंने इसे कंटेंट के आधार पर चुना था। तेजस ने कहा कि फ़िल्मों की बस एक भाषा होती है और वो दूसरी भाषाओं की फ़िल्में बनाने की बात सोच रहे हैं।
2 जुलाई को इन फ़िल्मों की स्क्रीनिंग
फेस्टिवल के चौथे दिन 2 जुलाई को मैड रेसिंग क्वेस्ट, सेक्रिफाइज़ , मुक्काबाज़, रिबन, इंग्लिश विंग्लिश, रेजिंग द बार, कागज की कश्ती फिल्में दिखाई जाएंगी। 3 जुलाई को केलेंडर, द फैंटास्टिक वुमन, वॉकिंग विद् द माइंड, बॉक्स, अप डाइन एंड साइडवेज, कोर्ट और तू है मेरा सनडे फिल्में दिखाई जाएंगी। बताते चलें कि जेएफएफ का औपचारिक उद्घाटन दिल्ली में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 29 जून को किया था। पांच दिनों तक चलने वाले फेस्टिवल में देश और दुनिया की बेहतरीन 133 फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है। फेस्टिवल की ख़ासियत यह है कि इस बार हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं की फिल्मों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है।
यह घुमंतू फ़िल्म समारोह 18 शहरों की यात्रा करेगा। दिल्ली के बाद लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना, देहरादून, रांची, जमशेदपुर, भोपाल, इंदौर, गोरखपुर, आगरा, लुधियाना, हिसार, रायपुर और मेरठ से होते हुए मुंबई में 30 सितंबर को समारोह का समापन होगा।