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NCB अधिकारी समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ जबरन वसूली के आरोप में दर्ज़ हो FIR, वकील ने मुंबई पुलिस को दी लिखित शिकायत

एनसीबी ने 2 अक्टूबर की रात मुंबई से गोवा जा रहे एक लग्जरी क्रूज़ पर प्रतिबंधित और मादक पदार्थों की आशंका में छापा मारकर आर्यन ख़ान समेत 8 लोगों को हिरासत में लिया था। अगले दिन इन सभी को एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं में गिरफ़्तार कर लिया गया था।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 12:48 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 12:48 PM (IST)
NCB अधिकारी समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ जबरन वसूली के आरोप में दर्ज़ हो FIR, वकील ने मुंबई पुलिस को दी लिखित शिकायत
Aryan Khan and Sameer Wankhede. Photo- Instagram

नई दिल्ली, जेएनएन। शाह रुख़ ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान से जुड़े ड्रग्स केस में जांच अधिकारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर भ्रष्टाचार और नौकरी के लिए कागज़ात में हेराफेरी के आरोप लगने के बाद नया मोड़ आ गया है। हर गुज़रते दिन के साथ समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ रही हैं। अब मुंबई की एक वकील ने क्रूज़ ड्रग्स केस में समीर और 4 अन्य ख़िलाफ़ जबरन वसूली के मामले में पुलिस रिपोर्ट दर्ज़ करवाने के लिए लिखित शिकायत दी है। 

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सुधा द्विवेदी नाम की वकील ने यह शिकायत एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में दी है। एएनआई के अनुसार, अपनी शिकायत में अधिवक्ता ने समीर के अलावा शाह रुख़ ख़ान की मैनेजर पूजा ददलानी, केस के गवाह प्रभाकर सैल, मनीष भानुशाली और किरण गोसावी के ख़िलाफ़ भी जबरन वसूली के आरोप में रिपोर्ट दर्ज़ करने की मांग की है। एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन के अधिकारी आनंद दादू ने बताया कि सुधा द्विवेदी की शिकायत उन्हें मिली है, लेकिन अभी तक कोई मामला दर्ज़ नहीं किया गया है।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे, पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले, ज्वाइंट कमिश्नर (क्राइम) मिलिंद भाराम्बे और स्टेट एंटी करप्शन ब्यूरो को भी लिखित शिकायत भेजी गयी है। सुधा द्विवेदी की शिकायत की बुनियाद प्रभाकर सैल के आरोप हैं, जिसमें उसने दावा किया है कि वो एनसीबी गवाह किरण गोसावी का बॉडीगार्ड है और क्रूज़ पर छापे के बाद गोसावी ने एक शख्स से 50 लाख रुपये लिये थे। 

शिकायत में लॉयर ने कहा- हलफनामे से यह ज़ाहिर है कि यह पूरी जांच ढोंग और फ़िल्मी से ज़्यादा कुछ नहीं निकलेगी, जो लगता है कि राज्य सरकार, फ़िल्म इंडस्ट्री और राज्य सरकार की एंटी नारकोटिक्स सेल को नीचा दिखाने के उद्देश्य से की जा रही है। एंटी नारकोटिक्स सेल 'हीरोइन' के बजाय 'हेरोइन' पकड़ रही है। 

शिकायत में आगे कहा गया है- प्रभाकर ने साफ़ तौर पर कहा है कि कोई बरामदगी नहीं हुई, पंचनामा झूठा और फ़र्ज़ी है और यह निजी हितों के मद्देनज़र किया गया था। इसमें एनसीबी मुंबई ज़ोनल ऑफ़िस के अफ़सर शामिल हैं, जिसके लिए आपके ऑफ़िस को जांच करनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो इन लोगों की आपराधिक गतिविधियों को आत्मविश्वास मिलेगा और अपने निजी हित साधने के लिए यह आगे इसका दुरुपयोग कर सकते हैं।

बता दें कि समीर वानखेड़े ने केस के मद्देनज़र प्रभाकर सैल के आरोपों के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर उनके ख़िलाफ़ ग़लत मंशा से फंसाने के लिए कोई कार्रवाई ना करने का अनुरोध भी किया था। पत्र में वानखेड़े ने कहा कि उन्हें पता चला है कि कुछ अज्ञात लोग कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिए उनके खिलाफ 'योजनाबद्ध' तरीके से कानूनी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं।

एनसीबी ने 2 अक्टूबर की रात मुंबई से गोवा जा रहे एक लग्जरी क्रूज़ पर प्रतिबंधित और मादक पदार्थों की आशंका में छापा मारकर आर्यन ख़ान समेत 8 लोगों को हिरासत में लिया था। अगले दिन इन सभी को एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं में गिरफ़्तार कर लिया गया था। सभी आरोपी जेल में हैं। एनसीबी ने इस मामले में अब तक लगभग 20 लोगों को गिरफ़्तार किया है। आर्यन ख़ान की ज़मानत पर आज (मंगलवार) बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई है। 


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