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    Nawazuddin Siddiqui के पिता ने उनके गांव आने पर लगा दिया था बैन, गैंग्स ऑफ वासेपुर देखकर बदला इरादा

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 10:30 PM (IST)

    मेन स्ट्रीम सिनेमा का बड़ा स्टार बनने के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने काफी पापड़ बेले हैं। छोटे-छोटे किरदार निभाकर करियर में ऊपर आए नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि जब वह हर फिल्म में पिटते थे तो उनके पिता ने उनका गांव में आना बैन कर दिया था। क्या है ये नवाजुद्दीन की जिंदगी से जुड़ा ये किस्सा, नीचे पढ़ें डिटेल्स: 

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    पापा ने अपने ही गांव में किया था नवाजुद्दीन सिद्दीकी को बैन/ फोटो- Instagram

    एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। मायानगरी मुंबई में आना जितना आसान है, यहां अपने सपनों को पूरा करना उतना ही मुश्किल। हर दिन हजारों-लाखों लोग बॉलीवुड में एक्टर और एक्ट्रेस बनने का सपना लिए आते हैं, लेकिन सफलता न मिलने पर जल्द ही वापसी का टिकट भी कटवा लेते हैं। बहुत ही कम ऐसे होते हैं, जो संघर्ष करते रहते हैं और तब जाकर दर्शकों को मिलते हैं नवाजुद्दीन और इरफान खान जैसे हीरे। 

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    नवाजुद्दीन सिद्दीकी का संघर्ष बॉलीवुड में छोटा नहीं रहा है, उन्हें इंडस्ट्री में अपने कदम जमाकर मेन स्ट्रीम सिनेमा का एक्टर बनने में 2 दशक से ज्यादा का समय लगा है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने जिंदगी में आने वाले इन उतार-चढ़ाव से कभी हार नहीं मानी और मेहनत करते गए। एक रोल पाने के लिए वह फिल्मों में पिट भी लेते थे। हाल ही में उन्होंने बताया कि पिटने के कारण उनके पिता ने उन्हें गांव में आने से बैन कर दिया था। क्या है नवाजुद्दीन की ये कहानी, नीचे पढ़ें पूरी डिटेल: 

    शहर से आकर लोग सुनाते थे पिता को ये बात 

    नवाजुद्दीन सिद्दीकी हाल ही में राज शमानी के पॉडकास्ट में खास मेहमान बनकर आए थे, जिसमें फिल्मों में ओने शुरुआती संघर्ष के बारे में बताया। नवाजुद्दीन ने कहा, "शुरुआत में, मुझे जो रोल मिल रहे थे, उसमें मैं काफी मार खाता था। सरफरोश जो मेरी पहली फिल्म थी, उसमें मैं पिता, मुन्नाभाई एमबीबीएस में मैं पिटा। कभी मैं चोर बना, कभी पॉकेटमार। जब मेरे गांववाले ये फिल्में देखते थे तो मेरे पिता को शहर से आकर गांव में ये बात बताते थे कि आपका बेटा फिल्मों में पिट रहा है। हर साल यही हो रहा था और मेरे पिता काफी परेशान हो गए थे"। 

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    नवाजुद्दीन ने किस्सा सुनाते हुए आगे कहा, "हम लोग वेस्टर्न यूपी से हैं, जहां हर कोई अपने आप को तुर्रम खां समझता है। एक दिन मुझे फोन किया और पूछा कि तुम फिल्मों में ये क्या कर रहे हो? हर कोई मुझे ये कह रहा है कि मेरा बेटा फिल्मों में पिट रहा है। तुम ऐसे रोल्स क्यों लेते हो? मैंने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि मुझे कुछ और नहीं मिल रहा है। तो उन्होंने मुझे तुरंत कह दिया कि फिर पिटने के बाद यहां आना (गांव) छोड़ दो"।

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    तीन साल तक गांव नहीं लौटे थे नवाजुद्दीन सिद्दीकी

    नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि उन्हें पिता की ये बात कितनी ज्यादा चुभ गई थी। एक्टर ने कहा, "मैं उनकी बात से इतना दुखी हुआ था कि तीन साल तक अपने गांव नहीं लौटा था। बाद में जब मुझे अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' मिली तो मैं उनके पास गांव गया और मैंने अपने पिता से पूछा, "अब आपका क्या सोचना है?

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    नवाजुद्दीन ने कहा कि मेरे पिता ने तुरंत जवाब में कहा कि अब तुमने अच्छा काम किया है। आपको बता दें कि क्राइम ड्रामा गैंग्स ऑफ वासेपुर में नवाजुद्दीन ने फैजल खान का किरदार निभाया था, जो अपने पिता की मौत के बाद काफी क्रूर गैंगस्टर बनता है और लोगों की पिटाई करता है। 

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