भतीजी के आरोपों पर नवाजुद्दीन सिद्दीकी बोले, 'आपकी चिंता के लिए शुक्रिया लेकिन...'
बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पर्सनल जिंदगी इस वक्त पब्लिक हो गई है। पहले पत्नी आलिया सिद्दीकी ने तलाक मांगा तो नवाज़ खबरों में आ गए। अब उनके भाई पर भतीजी ने कई आरोप लगाए है
नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी की पर्सनल जिंदगी इस वक्त पब्लिक हो गई है। पहले पत्नी आलिया सिद्दीकी ने तलाक मांगा तो नवाज़ खबरों में आ गए। अब नवाज़ के भाई पर भतीजी द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर उनका परिवार चर्चा में है। नवाज़ की भतीजी ने एक्टर के भाई यानी अपने चाचा पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। एक्टर के भाई के खिलाफ भीतीजी ने एफआईआर भी दर्ज करवाई है। इन दोनों मुद्दों पर जब नवाज़ से सवाल करने की कोशिश की गई तो कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
हिन्दुस्तान टाइम्स ने जब नावाज़ से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा, 'आपकी चिंता के लिए धन्यवाद, लेकिन इस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगा'। भतीजी ने चाचा के अलावा नवाज़ पर भी आरोप लगाए हैं कि जब उन्होंने इन सबके बारे में बड़े पापा यानी नवाज़ को बताया तो उन्होंने उसका सपोर्ट नहीं किया उल्टा ये दिया कि वो गलत समझ रही होगी,चाचा ऐसा नहीं कर सकते।
क्या हैं भतीजी के आरोप :
पीड़िता ने दिल्ली के जामिया नगर पुलिस स्टेफशन में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। ईटाइम्स से बात करते हुए पीड़िता ने कहा, ‘हां मैंने अपने चाचा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। ये मामला उस वक्त का है, जब वो 9 साल की थी। जब मैं 2 साल की थी तभी मेरे मां-पापा का तलाक़ हो गया था। पापा ने दूसरी शादी की और मैं अपने सौतेली मां के साथ रहने लगी। मुझे बहुत टॉर्चर किया गया। तब मैं बच्ची थी इसलिए मुझे कुछ समझ नहीं आता था। लेकिन जब बड़ी हुई तो मुझे एहसास हुआ कि मेरे अंकल (चाचा) ने मेरे साथ गलत किया, उनका हर टच गलत था'।
भतीजी के आरोपों पर नवाज़ के दूसरे भाई की सफाई :
भतीजी के आरोपों के बाद नवाज़ के दूसर भाई शमास सिद्दीक़ी ने पक्ष ट्विटर के ज़रिए रखा और कुछ सवाल भी खड़े किये। शमास ने अपने ट्वीट में इस मामले को पुराना बताया, जो पहले ही उत्तराखंड हाई कोर्ट के अधीन है। उन्होंने लिखा- कोई क़ानून को कैसे गुमराह कर सकता है और दिल्ली पुलिस में अलग बयान के साथ वही केस फाइल कर सकता है। अदालत को दो साल पहले दिये गये बयान में नवाज़उद्दीन सिद्दीक़ी का कहीं नाम नहीं था। मामला उत्तराखंड हाई कोर्ट में है। इससे मीडिया में फ़र्ज़ी बातें प्रचारित करने वाले की मंशा का साफ़ पता चलता है। सच्चाई का जल्द पता चल जाएगा। शमास ने अपने ट्वीट्स में दिल्ली पुलिस और पुलिस कमिश्नर को भी टैग किया है।