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नसीरुद्दीन शाह का बड़ा दावा, दो साल पहले ही इरफान खान को हो गया था अपनी मौत का एहसास

बिता साल बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के लिए काफी दुखद रहा था। साल 2020 में इस इंटस्ट्री ने अपने कई दिग्गज सितारों को हमेशा के लिए खो दिया था। उनमें से एक अभिनेता इरफान खान भी थे। इरफान खान फिल्मों में अपने अलग और शानदार अभिनय के लिए जाने जाते थे।

By Anand KashyapEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 02:33 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 02:33 PM (IST)
नसीरुद्दीन शाह का बड़ा दावा, दो साल पहले ही इरफान खान को हो गया था अपनी मौत का एहसास
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और अभिनेता इरफान खान- तस्वीर : Instagram: naseeruddin49/irrfan

नई दिल्ली, जेएनएन। बिता साल बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के लिए काफी दुखद रहा था। साल 2020 में इस इंटस्ट्री ने अपने कई दिग्गज सितारों को हमेशा के लिए खो दिया था। उनमें से एक दिग्गज अभिनेता इरफान खान भी थे। इरफान खान फिल्मों में अपने अलग और शानदार अभिनय के लिए जाने जाते थे। इरफान खान का इंतकाल पिछले साल 29 अप्रैल को हो गया था।

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इरफान खान कैंसर जैसी खतरनाक बिमारी से ग्रस्त थे। अब अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने खुलासा किया है कि इरफान खान को अपनी मौते के बारे में दो साल पहले ही पता चल गया था। नसीरुद्दीन शाह और इरफान खान ने मकबूल और 7 खून माफ जैसी फिल्मों में साथ काम किया है। दोनों एक-दूसरे के काफी करीब भी थे। नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की।

इस दौरान उन्होंने दोस्त इरफान खान की मौत को लेकर भी ढेर सारी बातें कीं। नसीरुद्दीन शाह ने कहा, 'यह अनोखी बात थी क्योंकि इरफान करीब दो साल से जानते थे कि ऐसा होने वाला है। मैंने उनसे कई बार फोन पर बात की, तब भी जब वह लंदन के अस्पताल में थे। यह आश्चर्यजनक था और यह एक वास्तविक सबक था कि उसने इससे कैसे निपटा। इस पर आपका कोई नियंत्रण नहीं है। मुझे नहीं लगता कि मौत के बारे में जुनूनी होना अच्छी बात है। मैं निश्चित रूप से ऐसा नहीं करता।'

नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा, 'मैंने अपने करीबी लोगों की कई मौतों का अनुभव किया है। मेरा परिवार, मेरे माता-पिता। इसके अलावा, कुछ प्यारे दोस्तों, खास तौर पर ओम पुरी का निधन। जिस तरह से फारूक शेख का निधन हुआ भयानक झटके थे। लेकिन उस पर मोह करना ठीक नहीं है। मुझे लगता है कि मृत्यु जीवन का सबसे महत्वहीन हिस्सा है और विडंबना यह है कि सबसे बड़ा सच भी है।'

अपनी बात को खत्म करते हुए नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा, 'मैं इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता। जब मुझे जाना होगा मैं जाऊंगा। जब तक मैं आसपास हूं, मैं यथासंभव सतर्क और जिंदा रहना चाहता हूं। मैं नहीं चाहूंगा कि मेरे जाने पर मेरे दोस्त मेरे बारे में दुख जताएं, बल्कि जश्न मनाएं और हंसें और उन चीजों के बारे में बात करें जो मैंने कीं। मैं चाहूंगा कि वह मुझे उस जीवन के लिए याद रखें जो मैंने जिया है, बजाय इसके कि मैं कैसे मरा, इस बारे में बात करें।' 


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