बर्थडे: सामान्य सा दिखने वाला एक असामान्य अभिनेता, ये हैं नसीरुद्दीन शाह के 5 सबसे यादगार किरदार
उन्होंने एक बार कहा था कि वो फेमस होना चाहते थे, इसलिए वो एक एक्टर बन गए!
मुंबई। आज नसरुद्दीन शाह का जन्मदिन है। 20 जुलाई 1949 को जन्में नसीरुद्दीन शाह आज अपने आप में एक्टिंग के एक संस्थान बन गए हैं। सामान्य सा लुक रखते हुए भी अपनी असाधारण प्रतिभा से नसीर साहब ने इंडस्ट्री में वो मुक़ाम पा लिया है जहां तक जाना कई लोगों के लिए एक ख्वाब ही हो सकता है। अपने करियर में नसीर साहब ने कई दिलचस्प किरदार किये हैं। आज हम देखेंगे उनके 5 सबसे यादगार किरदार।
गुलज़ार साहब का ग़ालिब
राइटर, डायरेक्टर गुलज़ार साहब ने मिर्ज़ा ग़ालिब पर एक पॉपुलर टीवी सीरीज़ बनाई थी। उस ऐतिहासिक सीरीज़ के लिए गुलज़ार ने ग़ालिब की भूमिका के लिए नसीर साहब को ही चुना। आज भी यू ट्यूब पर लाखों लोग रोज़ इस वृत्त फ़िल्म को देखते हैं। यक़ीनन आज की पीढ़ी ने ग़ालिब को नसीरुद्दीन शाह के जरिये ही जाना है। नसीर साहब ने परदे पर ग़ालिब की भूमिका निभाई नहीं बल्कि उन्होंने ग़ालिब को जीया है।
'अ वेडनसडे' का कॉमन मैन
एक कॉमन मैन की तड़प और बेचैनी को रेखांकित करती फ़िल्म 'अ वेडनसडे' में उनका किरदार काफी पॉपुलर हुआ।
कॉमिक किरदार में भी हिट
गंभीर से दिखने वाले नसरुद्दीन शाह ने कई कॉमिक किरदार भी निभाए हैं। 'जाने भी दो यारों' इंडियन क्लासिक फ़िल्मों में गिनी जाती है। इस फ़िल्म में संघर्ष कर रहे एक फोटोग्राफर की भूमिका से नसीरुद्दीन ने काफी गाढ़े रंग भरे।
इक़बाल का गुरु 'स्पर्श' और 'पार' जैसी फ़िल्मों में नेशनल अवार्ड जीत चुके नसीर साहब का हाल के दिनों में 'इक़बाल' फ़िल्म में निभाया गया उनका किरदार काफी सराहा गया। इस फ़िल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवार्ड मिला।
निगेटिव रोल में भी फिट
'सरफ़रोश' में आमिर ख़ान के साथ भी उन्होंने ज़बरदस्त काम किया है। इस फ़िल्म में निभाया गया उनका यह निगेटिव किरदार भी काफी यादगार है! सैकड़ों फ़िल्मों में अपने अभिनय से एक गहरी छाप छोड़ चुके नसीर साहब को पद्म श्री से लेकर कई अवार्ड तक मिले। उन्होंने एक बार कहा था कि वो फेमस होना चाहते थे, इसलिए वो एक एक्टर बन गए!