Exclusive : नंदिता दास ने बताये नवाज़ुद्दीन को मंटो बनाने के पीछे के राज़
नंदिता- "मंटो कहते थे, मुझे हिन्दुस्तान से कुछ नहीं लेना और न लेना पाकिस्तान से, ये शहर मुंबई जिधर घूमेगा मैं वहां चला जाऊंगा। मैं फिल्म में इस बात का ध्यान रखूंगी। "
संजय मिश्रा, मुम्बई। मल्टी-टैलेंटेड नंदिता दास इन दिनों खूब खबरों में हैं। इन सुर्ख़ियों की वजह है नंदिता का ड्रीम प्रोजेक्ट 'मंटो' , जिसका सपना वो आठ साल से देख रहीं थी।
नंदिता बतातीं हैं "आठ साल पहले 2008 में जब मैं बतौर निर्देशक अपनी पहली फ़िल्म 'फ़िराक़' बना रही थी, तभी मैंने तय कर लिया था कि मंटो की कहानियों पर एक फ़िल्म बनाऊंगी। और इसकी तैयारी के लिए जैसे-जैसे मैं मंटो को पढ़ती गई और उन्हें जानती गई तो लगा कि उनकी ज़िंदगी कितनी दिलचस्प है।" नंदिता ने पांच साल पहले मंटो के बायोपिक पर काम करना शुरू किया। सबसे पहले स्क्रिप्ट लिखी,जो पूरी तरह रिसर्च बेस्ड थी। नंदिता बताती हैं "मेरी क्रिएटिव टीम के साथ इस बात को लेकर बहुत लड़ाई होती है कि किस हिस्से को निकालूं, किसे नहीं। मुझे सब ज़रूरी लगता है।" नंदिता की इस फिल्म में मंटो का रोल नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी कर रहे हैं। नंदिता बताती हैं" नवाज़ुद्दीन को ही इस रोल में लेने के कई कारण थे। एक तो मेरा मंटो बेबाक है, आज़ाद है, वो जैसा कहना चाहता है वैसा ही कहता है। वो एक संजीदा इंसान हैं जिसमें कई भाव हैं, वो चालाक हैं, गुस्से वाला भी है।"
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आज के भारत-पकिस्तान के रिश्तों को लेकर मंटो का नजरिया बताते हुए नंदिता कहती हैं "मंटो कहते थे, मुझे हिन्दुस्तान से कुछ नहीं लेना और न लेना पाकिस्तान से, ये शहर मुंबई जिधर घूमेगा मैं वहां चला जाऊंगा। मैं फिल्म में इस बात का ध्यान रखूंगी। "