काफी क्रिएटिव, चैलेंजिंग और महंगा है म्यूजिक प्रोड्यूसर का काम- मेघदीप बोस
मेघदीप के कुछ गानों की बात करें तो इसमें - ‘बोल दो न ज़रा’ (अज़हर) ‘मैं हूं तेरा हीरो’ (हीरो) ‘जब तक (एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी) ‘स्वैग से स्वागत’ (टाइगर ज़िन्दा है’ आदि शामिल है
मुंबई। हाल के वर्षों में अपने संगीत के हुनर से मेघदीप बोस Meghdeep Bose ने अपनी एक मजबूत पहचान बना ली है। 24 अप्रैल को मेघदीप अपना बर्थडे मना रहे हैं! पेशे से म्यूजिक प्रोड्यूसर मेघदीप बोस की लेटेस्ट फ़िल्मों में ‘भारत’, ‘स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर 2’, ‘दे दे प्यार दे’ और ‘पीएम मोदी’ जैसी फ़िल्में शामिल हैं। इसके अलावा वो कुछ इंटरनेश्नल प्रोजेक्ट्स भी कर रहे हैं।
आमतौर पर श्रोता और मीडिया म्यूजिक डायरेक्टर या म्यूजिक कम्पोज़र को तो जानते हैं लेकिन, म्यूजिक प्रोड्यूसर के बारे में कम लोग बात करते हैं, म्यूजिक प्रोड्यूसर का काम किस तरह का होता है? इस सवाल के जवाब में मेघदीप कहते हैं कि- ‘‘मेलोडी एक धुन है और उसके आस पास उसके सपोर्ट में या यूं कहें म्यूजिक का जो वस्त्र होता है वो म्यूजिक प्रोडक्शन के अंतर्गत आता है। दरअसल, धुन के बाद जब यह तय करना पड़े कि गाने के आस पास तबला क्या बजेगा और उसके सपोर्ट में क्या बजेगा तब वो हमारा काम होता है, अरेंजमेंट किसी गाने की स्क्रिप्ट है। म्यूजिक कम्पोज़ होने के बाद जो उसका साउंड डिज़ाइन क्या होगा वो अरेंजर का काम है। गाने के माहौल के हिसाब से आप धुन को एक मूड देने का काम करता हैं तो म्यूजिक प्रोडक्शन भी काफी अहम होता है। यह काफी क्रिएटिव, चैलेंजिंग और महंगा काम है और मैं इसे खूब इंजॉय करता हूं।’’
यह भी पढ़ें: भारत के हीरो सलमान ख़ान का यह सच जानकर चौंक जायेंगे आप, उनकी ये 10 फ़िल्में कभी नहीं हुई रिलीज़
मेघदीप अपना ज़्यादातर काम अपने घर से ही करते हैं और उन्होंने अपने घर पर ही पूरा स्टूडियो सेटअप करके रखा हुआ है। साथ ही उन्होंने कई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट भी खरीद कर अपने पास रखे हैं और वो सुकून से अपना काम करने के लिए जाने जाते हैं। मेघदीप बताते हैं कि- ‘जब तक माहौल अपने मन का नहीं मिले हम बेस्ट नहीं कर पाते इसलिए मैं अपना ज़्यादातर काम घर पर ही करता हूं। इसके अलावा हर बार हमें गानों को नए तरीके से सजाना होता है, नया तेवर देना होता है इसके लिए मैं लगातार अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स पर इन्वेस्ट करता रहता हूं।’
मेघदीप को मशीनों से बेहद प्यार है। वो कहते हैं कि राइटर्स ब्लॉक के दौरान किसी नए म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट को समझना काफी कारगर होता है, जो आपको तकनीकी रूप से काफी सक्षम बनाता है। खुद को चार्ज कैसे रखते हैं? इस सवाल पर मेघदीप बताते हैं कि- ‘संगीत के अलावा बढ़िया खाना और लॉन्ग ड्राइव उन्हें काफी इनर्जी देता है। जब कभी मैं छुट्टियों में विदेश या कहीं घूमने जाता हूं तो वहां के संगीतकारों से मिलता हूं, उनके इंस्ट्रूमेंट्स को देखता हूं। समझता हूं। उनसे बातें करता हूं और यह सब मेरे सीखने, जीने और लगे रहने की प्रक्रिया है जिसे मैं काफी इंजॉय करता हूं।’
बताते चले कि मेघदीप के पिता भी एक कलाकार रहे हैं और चार पीढ़ियों से संगीत इनके परिवार में रहा है। मेघदीप के कुछ गानों की बात करें तो इसमें - ‘बोल दो न ज़रा’ (अज़हर), ‘मैं हूं तेरा हीरो’ (हीरो), ‘जब तक (एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी), ‘स्वैग से स्वागत’ (टाइगर ज़िन्दा है) आदि शामिल हैं।