Mukesh, Sridevi और Kader Khan समेत इन बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ ने विदेशी धरती पर ली आख़िरी सांस...
Bollywood Celebs Died in Foreign Countries 2018 के फरवरी महीने में दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी के आकस्मिक निधन ने बॉलीवुड ही नहीं पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। (Photo Mid-day)
नई दिल्ली, जेएनएन। 27 अगस्त को हिंदी सिनेमा के सबसे सुरीले गायकों में से एक मुकेश की पुण्य तिथि है। 27 अगस्त 1976 को महज़ 53 साल की उम्र में मुकेश का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। अपने नग़मों से कई पीढ़ियों को प्रभावित करने वाले मुकेश ने अमेरिका के डेट्रॉइट शहर में अंतिम सांस ली थी, जहां वो एक कॉन्सर्ट के लिए गये हुए थे।
मुकेश की तरह ही कई सेलेब्स ऐसे हैं, जिन्होंने देशवासियों के दिलों पर राज किया, मगर आख़िरी वक़्त में वो अपने चाहने वालों से सात समंदर दूर हो गये। इसी साल जनवरी के महीने में हिंदी सिनेमा के वेटरन लेखक और कलाकार कादर ख़ान ने इस दुनिया को अलविदा कहा। निधन के समय कादर ख़ान भारत में नहीं थे। कादर ख़ान का निधन कनाडा में हुआ था और वहीं उन्हें सुपुर्दे-ख़ाक भी किया गया।
2018 के फरवरी महीने में दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी के आकस्मिक निधन ने बॉलीवुड ही नहीं पूरे देश को स्तब्ध कर दिया था। श्रीदेवी ने जब आखिरी सांसें लीं तो वो देश में नहीं थीं। बल्कि, वो दुबई में थीं जहां वो अपने भांजे मोहित मारवाह की शादी में भाग लेने गयी थीं। श्रीदेवी के निधन के दो दिनों के बाद उनका पार्थिव शरीर बड़ी ही मुश्किलों के बाद इंडिया लाया जा सका था।
2004 में 23 जुलाई को महमूद का 72 साल उम्र में निधन हो गया। 71 वर्षीय महमूद अमेरिका के डनमोर, पेन्सिलवेनिया शहर में नींद में ही चल बसे थे। निधन से पहले वो लंबे समय से दिल की बीमारी से पीड़ित थे और उनकी सेहत ख़राब रहती थी। महमूद साहब का अंतिम संस्कार मुंबई में हुआ था।
वेटरन एक्टर सईद ज़ाफरी अपने लंदन स्थित घर में ब्रेन हेमरेज से गिरे और फिर कभी होश में नहीं आए। 15 नवम्बर 2015 को लंदन में उनका निधन हो गया।
27 दिसंबर 2013 को फ़ारूख़ शेख के दिवंगत हो जाने की ख़बर दुबई, संयुक्त अरब अमीरात से आई थी। 65 वर्षीय अभिनेता वहां एक कंसर्ट में भाग लेने के लिए गए थे, जहां दिल का दौरा पड़ जाने से उनकी मौत हो गयी। फ़ारूख़ शेख का पार्थिव शरीर निधन के अगले दिन ही इंडिया आ सका था, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।
देव आनंद के जितने भी करीबी हैं उनके मुताबिक देव साहब हमेशा से यही चाहते थे कि उनकी मौत इंडिया से बाहर हो। इसके पीछे देव साहब का अपना एक तर्क यह था कि वो नहीं चाहते थे कि कोई उनकी डेड बॉडी देखे। 3 दिसंबर 2011 की रात देव साहब की मौत लंदन में हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। वह 88 वर्ष के थे। देव साहब का अंतिम संस्कार वहीं कर दिया गया था।