Emotional moment: और गुलजार की ये सारी बातें सुनकर फूट-फूट कर रोयीं मेघना
गुलजार साहब ने कहा कि, जितना सफर करके आया हूं हिंदी में किया है। अंग्रेजी में नहीं।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। मेघना गुलजार की फिल्म राज़ी ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। उनकी फिल्म राज़ी को बॉक्स आॅफिस पर अच्छी कामयाबी मिल रही है। राजी की इस सफलता को सेलिब्रेट करने के लिए फिल्म राज़ी की पूरी स्टार कास्ट एक साथ मौजूद हुई।
खास बात यह रही कि सभी कास्ट को बधाई देने के लिए खुद गुलजार भी वहां मौजूद थे। बेटी और पिता के लिए यह एक इमोशनल मोमेंट रहा। गुलजार ने जैसे ही माइक लेकर इस फिल्म को लेकर अपनी जर्नी और अपनी बेटी की जर्नी के बारे में बातें करनी शुरू की, मेघना अपनी भावनाओं को रोक नहीं पायीं और उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गये। वह लगातार रो रही थीं। दरअसल, गुलजार ने राज़ी को लेकर कहा कि उन्होंने एक सफर तय किया इस फिल्म के साथ। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अंग्रेजी वाले सफर नहीं हिंदी वाले सफर की बात कर रहे हैं और उन्हें अब इस मुकाम पर पहुंच कर जबकि राज़ी को दर्शकों ने हरी झंडी दे दी है, तो उन्हें एक तसल्ली होती है। अपनी बेटी मेघना के बारे में उन्होंने कहा कि हर मां-बाप को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं होता है कि वह अपनी बेटी का आॅडियंस बनकर फक्र महसूस करे, लेकिन मेघना ने वह मोमेंट उन्हें दिया है और उन्हें इस बात की तसल्ली है कि आने वाले जेनेरेशन फिर चाहे वह स्टार हो, टेक्नीशियन हो या फिर पूरा यूनिट हो, अब वक्त आ गया है कि उन्हें लीड नहीं बल्कि फॉलो किया जाये। उन्होंने आगे कहा कि मैं इस वक्त ये भी जानता हूं कि जो मैं महसूस कर रहा हूं, वही सबकुछ महेश भटट् भी महसूस कर रहे होंगे आलिया को लेकर। ये मेरे लिए खास जर्नी है और मैं अब तसल्ली पाकर खुश हूं।
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अपने पिता गुलजार की ये सारी बातें सुनकर मेघना अपनी भावनाओं को रोक नहीं पायीं और कई बार वह स्टेज से नीचे भी उतरीं। गुलजार ने ये भी कहा कि जैसा उन्होंने अपनी रचना बोसकियाना में लिखा है कि ओस की बूंद महसूस किया, उनके लिए उनकी बेटी मेघना वही पाक बूंद हैं। बता दें कि मेघना की फिल्म राज़ी के गाने ऐ वतन को कलमबद्ध गुलजार ने ही किया है और इस पूरी फिल्म में उन्होंने मेघना का सपोर्ट किया है।
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गुलजार साहब ने कहा कि, जितना सफर करके आया हूं हिंदी में किया है। अंग्रेजी में नहीं। यहां पहुंच कर इतना कह सकता हूं फूलमिनमेट आॅडियंस अपने पिता का होना का। मां बाप को वहां पहुंच कर तसल्ली होती है। ये देखकर उनका पूरा यूनिट, टेक्नीशियन ये जेनरेशन मेघना इमोशनल यहां पर आकर मैं लीड नहीं फॉलो करना चाहता हूं।