Me Too: सुहेल सेठ पर भी गिरी गाज, आरोपों के चलते टाटा ने ख़त्म किया करार
सुहेल की कंपनी का नाम काउंसलेज है। साल 2002 में उन्होंने इस सलाहकार संस्था की स्थापना की थी। वह टाटा संस की पब्लिक रिलेशन टीम के साथ काम करते थे।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे सोशलाइट और राइटर सुहेल सेठ पर अब मी टू आंदोलन की गाज गिरी है। टाटा संस ने सुहेल का करार खत्म कर दिया गया है।
भारत में मी टू मूवमेंट के तहत पांच महिलाओं ने सुहेल सेठ पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं। टाटा संस ने एक महीने की नोटिस के साथ यह करार खत्म करने का निर्णय ले लिया है। जबकि कुछ दिनों पहले तक कंपनी की ओर से कहा गया था कि वह सुहेल सेठ पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को देख रही हैं। एक बिजनेस अख़बार को दिए गये स्टेटमेंट में टाटा समूह के प्रवक्ता ने कहा था कि टाटा समूह कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। इस मामले को फिलहाल वह देख रहे थे और उन्होंने कहा था कि वह इस पर जरूरी एक्शन लेंगे।
टाटा संस के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि काउंसलेज के साथ टाटा संस का करार 30 नवम्बर को खत्म हो जायेगा। सुहेल की कंपनी का नाम काउंसलेज है। साल 2002 में उन्होंने इस सलाहकार संस्था की स्थापना की थी। वह टाटा संस की पब्लिक रिलेशन टीम के साथ काम करते थे। उन्होंने कंपनी की इमेज बिल्डिंग में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। बता दें कि पिछले दिनों नताशा राठौड़ ने सोशल मीडिया पर वाट्स एप मैसेज के स्क्रीनशॉट पोस्ट किये, जिसमें उन्होंने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वहीं मन्दाकिनी गहलोत ने भी उन पर आरोप लगाये थे।मॉडल दायेंद्रा सोरेश और ईरा त्रिवेदी ने भी सुहेल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।