मधुबाला ने फूल देकर इस एक्टर से किया था प्यार का इजहार, एक शर्त के चलते अधूरी रह गई प्रेम कहानी
मुगल-ए-आजम की अनारकली यानी मधुबाला आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी मुस्कान अभी आज भी के उनके चाहने वालों के मन में बसी हुई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। आज यानी 14 फरवरी, वैलेंटाइन डे पर हर तरफ जहां प्यार ही प्यार बिखरा हो। हर कोई इस दिन अपने प्यार के रंग में रंगा नजर रहा हैं वहीं इस खास दिन पर अगर हम बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत अदाकारा मधुबाला की बात न करें तो वैलेंटाइन डे कुछ अधूरा सा लगेगा। जी हां आज के इस प्यार भरे दिन यानी वैलेंटाइन डे पर मधुबाला का जन्म हुआ था। आज उनका जन्मदिन है। मुगल-ए-आजम की अनारकली यानी मधुबाला आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी मुस्कान अभी आज भी के उनके चाहने वालों के मन में बसी हुई है। उन्होंने फिल्मों में कई प्यार भरे सीन निभाए हैं लेकिन असल जिंदगी में उनकी मोहब्बत अधूरी रह गई थी। आज इस खास मौके पर जानते हैं उनकी अधूरी प्रेम कहानी के बारे में...
मधुबाला की एक मुस्कान पर जहां हर कोई अपना दिल हार बैठता था वहीं मधुबाला एक एक्टर के प्यार में पागल थीं। ये एक्टर कोई और नहीं बल्कि दिलीप कुमार थे। मधुबाला और दिलीप कुमार की लव स्टोरी साल 1951 में आई फिल्म 'तराना' के सेट से शुरू हुई थी। जहां आमतौर पर लड़का लड़की को गुलाब देकर अपने प्यार का इजहार करता है। वहीं मधुबाला ने इसके अपोजिट दिलीप कुमार को गुलाब का फूल भेज कर अपने प्यार का इजहार किया था। उन्होंने एक पर्ची में लिखा था कि, 'अगर आपको मुझसे मोहब्बत का इकरार हो तो इस गुलाब को कुबूल फरमाएं।' इसके बाद दिलीप कुमार ने मुस्कान भरे अंदाज में मधुबाला के इश्क को रजामंदी दे दी थी।
जिस तरह मधुबाला, दिलीप कुमार के प्यार में पागल थीं। वैसे ही धीरे-धीरे उनकी दीवानगी भी एक्ट्रेस की तरफ बढ़ने लगी थी। वह इस कदर मधुबाला के प्यरा में थे कि अपनी फिल्म की शूटिंग छोड़कर वहां पहुंच जाते थे जहां पर मधुबाला की फिल्म की शूटिंग हो रही होती थी। लेकिन किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। दोनों का प्यार ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका और वो अलग हो गए।
खबरों के मुताबिक मधुबाला और दिलीप कुमार की सगाई हो चुकी थी। लेकिन किसी बात पर दिलीप और उनके पिता का विवाद हो गया था। इसके बाद दिलीप और मधुबाला एक-दूसरे से अलग हो गए थे। रिपोर्ट्स की मानें तो दिलीप ने मधुबाला के सामने शादी के बाद उनके पिता को छोड़ने की शर्त रखी थी। लेकिन मधुबाला इस बात के लिए कतई राजी नहीं हुई थीं।