Lata Mangeshkar ने शेयर किया पिता के नाटक का दुर्लभ फोटो, वीर सावरकर से है यह संबंध
Lata Mangeshkar के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर मराठी थिएटर कलाकार और संगीतकार थे। नाट्य संगीत के अलावा शास्त्रीय संगीत के गायक भी थे। (Photo- Mid Day and Latas Twitter)
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय सिनेमा में स्वर कोकिला के नाम से विख्यात लता मंगेशकर अक्सर पुरानी यादों के संसार में चली जाती हैं और जब लौटती हैं तो साथ लेकर आती हैं कुछ ऐसी यादें जो ना सिर्फ़ उनके लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक धरोहर की तरह होती है। ऐसी धरोहर जो इतिहास के किसी पन्ने पर अंतित रही है।
लता मंगेशकर ने कुछ ऐसी ही थ्रोबैक तस्वीरें शुक्रवार को ट्विटर पर साझा कीं। यह तस्वीरें 1931 की हैं। वो दौर तब हिंदी सिनेमा अपने शैशव काल में था और पौराणिक नाटकों का मंचन मनोरंजन का सबसे बड़ा साधन हुआ करता है। ख़ास बात यह है कि यह नाटक वीर सावरकार ने लिखा है। 18 सितम्बर 1931 को इस नाटक का पहला मंचन हुआ था।
लता ने तस्वीरें शेयर करके लिखा- नमस्कार। मेरे पूज्य पिताजी के बलवंत संगीत मंडली। इस नाटक कम्पनी के लिए वीर सावरकर जी द्वारा लिखित संगीत संन्यस्त खड्ग नाटक का पहला प्रदर्शन मुंबई में शुक्रवार 18 सितंबर 1931 को हुआ था। उस नाटक के कुछ फ़ोटो और वीर सावरकर जी की एक फ़ोटो आप सबके लिए।
नमस्कार.मेरे पूज्य पिताजी के बलवंत संगीत मंडली इस नाटक कम्पनी के लिए वीर सावरकर जी द्वारा लिखित संगीत संन्यस्त खड्ग नाटक का पहला प्रदर्शन,मुंबई में शुक्रवार 18 सितंबर 1931 को हुआ था. उस नाटक के कुछ फ़ोटो और वीर सावरकर जी की एक फ़ोटो आप सबके लिए. pic.twitter.com/Ezvzhvat0K— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) September 18, 2020
लता मंगेशकर ने एक और पोस्ट में वीडियो शेयर करके बताया कि एक गीत उनके पिता ने गाया है।
सन्यस्त खड्ग इस नाटक में से ये एक गाना मेरे पूज्य पिताजी द्वारा गाया हुआ। आप सबके लिए https://t.co/dlu88GGtDa" rel="nofollow— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) September 18, 2020
बता दें, लता मंगेशकर के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर मराठी थिएटर कलाकार और संगीतकार थे। नाट्य संगीत के अलावा शास्त्रीय संगीत के गायक भी थे। लता मंगेशकर ने अपने परिवार की विरासत को बेहद कामयाबी के साथ आगे बढ़ाया और गायन के क्षेत्र में अपना और परिवार का नाम किया। 90 साल की हो चुकीं लता ने हिंदी और दूसरी भाषाओं में दस हज़ार से अधिक गाने गाये हैं। 3 नेशनल अवॉर्ड समेत लता को दर्ज़नों पुरस्कार मिल चुके हैं। इनमें सर्वोच्च फ़िल्म पुरस्कार दादा साहबे फाल्क और सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न भी शामिल हैं। लता के गीत आज भी आने वाले गायकों को राह दिखाते हैं।