लगातार आठ घंटे तक खड़े होकर रिहर्सल करती रहीं थीं लता मंगेशकर!
शूटिंग पूरी होने के बाद इस गाने की रिकॉर्डिंग हुई थी, क्योंकि गाने के लेखक प्रसून जोशी को लगा कि इसे फिल्म में रखना जरूरी है।
मुंबई। राकेश ओमप्रकाश मेहरा अपनी जिंदगी की खास उपलब्धियों में इस बात को जोड़ना भी कभी नहीं भूलते कि उनकी एक अहम फिल्म में लता मंगेशकर का साथ मिला है।
लता मंगेशकर को जन्मदिन की बधाई देते हुए वे अपनी फिल्म 'रंग दे बसंती' का एक किस्सा जरूर दोहराते हैं। वो बताते हैं कि इस फिल्म में लुका-छुपी गाना लता जी ने गाया था और इस वजह से यह फिल्म का सबसे हिट और सदाबहार गाना बना। राकेश गाने को लेकर दिलचस्प बताते हैं कि यह गाना पहले फिल्म का हिस्सा नहीं था।हमने सोचा नहीं था कि इस गाने को लेकर हम कुछ फिल्मांकन भी करेंगे। शूटिंग पूरी होने के बाद इस गाने की रिकॉर्डिंग हुई थी, क्योंकि गाने के लेखक प्रसून जोशी को लगा कि इसे फिल्म में रखना जरूरी है और लुक्का-छुप्पी शब्द फिल्म में जरूर इस्तेमाल किया जाये।
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बहरहाल यह तय हुआ कि गाना फिल्म का हिस्सा बनेगा, लेकिन इस बारे में अभी निर्णय नहीं लिया गया था कि यह गाना गायेगा कौन। ऐसे गीत के लिए लता जी से बेहतरीन आवाज और किसकी होती। लता जी से हमने कहा और वह तैयार हो गयीं। खुद स्टूडियो आयीं। इस गाने की लगातार रिहर्सल करती रहती थीं। खड़े होकर ही इस गाने की रिहर्सल करती रहती थीं।
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राकेश बताते हैं कि पूरे आठ घंटे खड़ी होकर उन्होंने इसकी रिहर्सल की और संतुष्ट होने के बाद ही वो गाने की रिकॉर्डिंग के लिए तैयार हुई थीं। यह लताजी का काम को लेकर डेडिकेशन ही था, जिसे हमें सीखना चाहिए कि इतनी बड़ी हस्ती होने के बावजूद अपने काम के वक्त उन्होंने इस बारे में नहीं सोचा। इस बात पर ध्यान दिया कि रिहर्सल जरूरी है। फिर इसके लिए उन्हें खड़ा ही क्यों न होना पड़े।