कुंदन शाह ने कहा, राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए FTII का अहसानमंद हूं
गजेंद्र चौहान को फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआइआइ) का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध न सिर्फ संस्थान के छात्र कर रहे हैं, बल्कि फिल्मी हस्तियां भी छात्रों के समर्थन में उतर आईं हैं। पिछले कुछ दिनों में कई फिल्मकारों और तकनीशियनों ने अपना विरोध जताने के लिए राष्ट्रीय
मुंबई। गजेंद्र चौहान को फिल्म एंड टेलिविजन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआइआइ) का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध न सिर्फ संस्थान के छात्र कर रहे हैं, बल्कि फिल्मी हस्तियां भी छात्रों के समर्थन में उतर आईं हैं।
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पिछले कुछ दिनों में कई फिल्मकारों और तकनीशियनों ने अपना विरोध जताने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है। 22 लोगों की इस लिस्ट में कुंदन शाह और सईद मिर्जा जैसे फिल्म निर्देशकों के नाम भी शामिल हैं।
कल हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुंदन शाह ने कहा, 'मैं इस अवॉर्ड के लिए एफटीआइआइ का आभारी हूं, जहां से मैंने शिक्षा ली है। अगर मैंने यहां पढ़ाई न की होती, तो फिल्म 'जाने भी दो यारों'(1983) न बन पाती। हम पूछना चाहते हैं कि क्या एफटीआइआइ का अध्यक्ष बनने के लिए गजेंद्र चौहान सही व्यक्ति हैं? ये देश के लोगों के मुंह पर तमाचा है।' एफटीआइआइ के पूर्व निदेशक सईद मिर्जा ने कहा, 'हमारा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। हम सिर्फ एफटीआइआइ के मुद्दे को नहीं उठा रहे हैं बल्कि तर्कवादियों की हत्या जैसे कई और मुद्दों पर भी बात कर रहे हैं।'
पुरस्कार लौटाने वाले लोगों में डायरेक्टर्स अनवर जमाल, वीरेंद्र सैनी, प्रदीप कृष्णेन, मनोज लोबो, अमिताभ चक्रबर्ती और सुधाकर रेड्डी यक्कांति, फिल्ममेकर्स तपन बोस और मधुश्री दत्ता, एडिटर इरेने धर मलिक, सिनेमेटोग्राफर सत्या राय नागपौल, साउंड डिजाइनर्स विवेक सचिदानंद, पीएम सतीश और अजय रैना के नाम शामिल हैं।