Exclusive: कृतिका कामरा को अपने कपड़ों को लेकर हो गई ये मुसीबत
कृतिका बताती हैं कि कॉस्ट्यूम और मेकअप के अलावा कलाकार को कल्पना की दुनिया से तालमेल भी बिठाना पड़ता है।
अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। छोटे परदे पर ऐतिहासिक और पौराणिक शो देखते वक्त किरदारों के कॉस्ट्यूम्स को लेकर अक्सर नुक्ताचीनी की जाती है लेकिन कृतिका कामरा की माने तो उनके जैसे कलाकारों का दर्द कोई नहीं समझता, जिन्हें कई किलो के गहने-कपड़े पहन कर एक्टिंग के साथ कूद-फांद भी करनी पड़ती है।
कृतिका इन दिनों लाइफ ओके के शो चंद्रकांता में काम कर रही हैं। एक बातचीत में उन्होंने बताया कि किसी एपिक शो से जुड़ने के बाद संवाद अदाएगी पर ही ध्यान नहीं देना होता, और भी कई पहलू होते हैं, जिनको लेकर आपको सजग रहना पड़ता है। कृतिका ने बताया कि उन्होंने चंद्रकांता के लिए फिजिकली और मेंटली बहुत अधिक तैयारी की है। फिजिकली इसलिए क्योंकि उन्हें हर वक़्त खुद को सही शेप में रखना पड़ता है। आप जब हैवी कॉस्ट्यूम्स पहनते हैं तो काफी वजनदार नजर आते हो। जबकि कैजुयल्स में आप स्लिम दिखाई देते हो।
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कृतिका के मुताबिक एक एक्ट्रेस पर इस बात का भी दवाब रहता है कि वह उस किरदार के लुक में बिल्कुल फिट बैठे। भारी कपड़ों को संभाल कर चलना, रीटेक्स देना, जंप करना , आसान नहीं होता। यही नहीं एपिक शो के कॉस्ट्यूम में कई कलंगी ( फेदर) भी लगी होती है। उसे भी संभालना कठिन होता है।
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कृतिका बताती हैं कि कॉस्ट्यूम और मेकअप के अलावा कलाकार को कल्पना की दुनिया से तालमेल भी बिठाना पड़ता है। जो दुनिया होती ही नहीं उसमें जाने में बहुत तैयारी करनी पड़ती है। इसके लिए रेफरेंस पॉइंट भी नहीं होते ।वैसे इतनी तकलीफों के बावजूद कृतिका खुश हैं कि कम दिनों में ही शो को अच्छी लोकप्रियता मिल रही है।