आखिर बिना कहानी सुने फ़िल्म 'परिणीता' के लिए संजय दत्त ने क्यों भरी हामी? निर्देशक प्रदीप सरकार ने बताया पूरा किस्सा
ख़ास बात है कि संजय ने इस फिल्म को ज्वाइंन करने से पहले कहानी भी नहीं सुनी थी। इस बात का खुलासा प्रदीप सरकार ने किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। विद्या बालन अभिनीत फिल्म 'परिणीता' साल 2005 में रिलीज हुई थी। बुधवार यानी 10 जून को इस फिल्म की रिलीज के पंद्रह साल हो गए। निर्देशक प्रदीप सरकार की यह पहली फिल्म थी। इस फिल्म में संजय दत्त भी लीड रोल में थे। ख़ास बात है कि संजय ने इस फिल्म को ज्वॉइन करने से पहले कहानी भी नहीं सुनी थी। इस बात का खुलासा प्रदीप सरकार ने किया है।
फिल्म से जुड़ी यादें साझा करते हुए प्रदीप बताते हैं, 'परिणीता मेरे लिए पहले बच्चे की तरह है। इस फिल्म का मेरे दिल में हमेशा विशेष स्थान रहेगा। एक नई कहानी, नए निर्देशक और नई हीरोइन के साथ एक सफल फिल्म बनाना मुश्किल लगता था। विद्या बालन मेरे साथ इससे पहले कई विज्ञापनों में काम कर चुकी थीं। उनका काम मैंने देखा था। इस फिल्म के लिए मैंने सबसे पहले उन्हें लेने का फैसला किया। फिल्म हो या विज्ञापन, मैं प्रत्येक सीन का स्केच और ऑडियोबोर्ड बनाकर शूटिंग करता हूं। 'परिणीता' के लिए भी मैंने रेडियो नाटक की तरह म्यूजिक के साथ पूरी कहानी का ऑडियोबोर्ड बनाया था। यह ऑडियोबोर्ड सैफ अली खान को बहुत पसंद आया। इसे सुनकर उन्होंने तुरंत इस फिल्म को स्वीकार कर लिया।'
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उन्होंने आगे बताया 'संजय दत्त को विधु विनोद चोपड़ा ने फोन किया था। विधु विनोद पर संजय को इतना भरोसा था कि उन्होंने बिना कहानी सुने ही इस फिल्म को स्वीकार कर लिया। इस तरह से इस फिल्म की कास्टिंग पूरी हुई। फिल्म में मेरे साथ आर्ट डायरेक्टर और डिजाइनर भी नए थे। मैं अपने अनुभवों के आधार पर सेट और ड्रेस में भी सुधार करता था।'
वहीं इस मौके पर विद्या बालन ने कहा, 'जैसे लोलिता शेखर की बेटर हाफ थी, इससे पहले ही दुनिया जानती थी, तुम भी मेरे हो ... लेकिन 10 जून 2005 को, मैं तुम्हारी परिणीता बन गई। मैं तुम्हें तब प्यार करती थी और अब मैं तुमसे प्यार करता हूं और मैं तुमसे हमेशा के लिए प्यार करती रहूंगी हूं ... मेरा प्रिय सिनेमा। और उन सभी लोगों के लिए जिन्होंने इस शादी को सुनिश्चित किया है और जीवित रहते हैं। तेह दिल से शुक्रिया।'