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कैमरे के ज़रिए कहना चाहते हैं अपनी कहानी, करण जौहर के इस पहल में आपको मिलेगा मौका

कैमरे के लेंस के जरिए दुनिया देखने की बेताबी शायद हर किसी में होगी लेकिन कुछ ही लोग अपने पैशन को आगे बढ़ाकर अपने दिल की चाहत को पूरा कर पाते हैं। उनकी दुनिया कैमरा लेंस लाइट और पेड़-पौधे पहाड़ जंगल नदियां और समाज के वे अनछुए पहलू होते हैंं।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 11:15 AM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 07:11 AM (IST)
कैमरे के ज़रिए कहना चाहते हैं अपनी कहानी,  करण जौहर के इस पहल में आपको मिलेगा मौका
Photo Credit - Karan Johar Insta Account Photo

नई दिल्ली, यशा माथुर। कैमरे के लेंस के जरिए दुनिया देखने की बेताबी शायद हर किसी में होगी लेकिन कुछ ही लोग अपने पैशन को आगे बढ़ाकर अपने दिल की चाहत को पूरा कर पाते हैं। उनकी दुनिया कैमरा, लेंस, लाइट और पेड़-पौधे, पहाड़, जंगल, नदियां, और समाज के वे अनछुए पहलू होते हैंं जिन्हें वह सबके सामने लाकर दुनिया का ध्यान आकर्षित कर पाते हैं। उनकी शक्ति होती है उनके लेंस का कोण और अन्य तकनीक। वे मानते हैं कि फोटोग्राफी समाज में परिवर्तन लाने की समर्थ है।

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तस्वीर में है सोच बदल देने की शक्ति - करण जौहर

इन समर्पित फोटोग्राफर्स को आगे लाने और अपनी नई पहचान बनाने के लिए नेशनल जियोग्राफिक चैनल एक सुनहरा मौका दे रहा है। इस प्लेटफार्म के नई पहल 'योर लेंस' के जरिए हर उम्र के प्रतिभाशाली फोटोग्राफर्स अपनी कला को प्रदर्शित कर सकते हैं और इस मौके का फायदा उठा सकते हैं। भारतीय फिल्म निर्देशक और टेलीविजन हस्ती करण जौहर भी इस पहल से जुड़े हैं। वे भी अपने प्रशंसकों को अपनी सर्वश्रेष्ठ तस्वीरें शेयर करने के लिए कह रहे हैं। एक फिल्ममेकर के रूप में करण जौहर कहते हैं कि मैं मानता हूं कि एक तस्वीर में आप अपनी भावनाएं व्यक्त कर सकते हैं। इसमें किसी की भी सोच बदल देने की शक्ति होती है।

सफल छायाकारों का हौसला बढ़ेगा - दीप्ती अस्थाना

इस बाबत जो प्रविष्टियां प्राप्त होंगी उनका आकलन प्रसेनजीत यादव, दीप्ती अस्थाना और पालोमी बासु जैसे देश के प्रसिद्ध फोटोग्राफर करेंगे। पेशे से इंजीनियर लेकिन कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ कर फोटोग्राफी के पैशन को पूरा कर रहीं दीप्ती अस्थाना कहती हैं, 'मेरे जैसे कई फोटोग्राफर ऐसे होंगे जो बेहतरीन काम कर रहे होंगे लेकिन उन्हें नेशनल जियोग्राफिक जैसा मंच नहीं मिलता। हमारी इस पहल का उद्देश्य इन्हीं छायाकारों को प्लेटफार्म देना है। मेरा करियर तो कारपोरेट से फोटोग्राफी में अलग तरीके से आया लेकिन हमारे देश में दूरदराज में इलाकों में बहुत सारे फोटोग्राफर हैं जो अच्छा काम कर रहे हैं। क्योंकि मैं जब वर्कशॉप करती हूं तो मुझे उनके काम पता चलता है। हम कोशिश कर रहे हैं कि 'योर लेंस' पर उनका काम सामने आए। अगर वे सफल होंगे तो उनका हौसला काफी बढ़ेगा।'

हर उम्र के लोग ले सकते हैं भाग - पालोमी बासु

कोलकाता की पालोमी बासु ने अपने पिता के इस दुनिया से जाने के बाद कैमरे को उनकी विरासत समझ कर संभाला और आज वे पूरी दुनिया में अपनी फोटोग्राफी को स्‍थापित कर चुकी हैं। वह भी कहती हैं, 'इस विशेष पहल में हर उम्र और लिंग के लोग लोकतांत्रिक तरीके से भाग ले सकते हैं और अपने काम की प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकते हैं। मैं नेशनल जियोग्राफिक एक्सप्लोरर हूं। इस समय इनके साथ छत्तीसगढ़ पर फिल्म बना रही हूं। 'योर लेंस' प्रोग्राम में एक निर्णायक के तौर पर जुड़ूंगी। प्रतिभागियों की प्रविष्टियों को देखकर यह तय करूंगी कि उनकी फोटोज किस तरह की सशक्त कहानी कहती हैं और फोटोग्राफी का जादू दिखाती हैं।'

टेलीविजन पर दिखेंगे चयनित छायाकार

अक्टूबर 2021 में आरंभ होने वाले इस पहल के लिए प्रतिभागी विशेष माइक्रोसाइट www.nationalgeographicyourlens.in पर जाकर अपना विवरण भर सकते हैं और वन्यजीव, जलजीवन और प्रकृति के दृश्यों जैसी थीम को चुनकर अपनी तस्वीर भेज सकते हैं। एक प्रतिभागी इस पहल के लिए पांच तस्वीर या वीडियो भेज सकता है। चयनित तस्वीरों को भारत में नेशनल जियोग्राफिक चैनल, सोशल मीडिया और वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जाएगा। 


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