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20 Years Of KKHH: करण की मॉम हीरू जौहर ने निभाया था यह किरदार, देखें तस्वीर

कुछ कुछ होता है ने करण जौहर को उन निर्देशकों की पंक्ति में खड़ा कर दिया था, जिन्होंने पहली ही फ़िल्म के साथ कामयाबी हासिल की थी।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 12:20 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 07:52 AM (IST)
20 Years Of KKHH: करण की मॉम हीरू जौहर ने निभाया था यह किरदार, देखें तस्वीर
20 Years Of KKHH: करण की मॉम हीरू जौहर ने निभाया था यह किरदार, देखें तस्वीर

मुंबई। शाह रुख़ ख़ान को जिन फ़िल्मों ने बॉलीवुड में किंग ऑफ़ रोमांस का ख़िताब दिलवाया है, उनमें 'कुछ कुछ होता है' की ख़ास जगह है। इस फ़िल्म ने 16 अक्टूबर को 20 साल का सफ़र पूरा कर लिया। इसके साथ करण जौहर के डायरेक्टोरियल करियर को भी 20 साल पूरे हो गये हैं। इस फ़िल्म से उन्होंने बॉलीवुड में निर्देशक के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। 

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1998 में आयी 'कुछ कुछ होता है' में शाह रुख़ के साथ काजोल और रानी मुखर्जी ने मुख्य भूमिकाएं निभायी थीं। फ़िल्म बेहद कामयाब रही थी और इसने करण जौहर को उन निर्देशकों की पंक्ति में खड़ा कर दिया था, जिन्होंने पहली ही फ़िल्म के साथ कामयाबी हासिल की हो। करण ने फ़िल्म के 20 साल पूरे होने पर सभी का आभार ज़ाहिर किया है, ख़ासकर सलमान ख़ान का, जिन्होंने इसमें कैमियो किया था। करण ने लिखा है- ''यक़ीन नहीं होता कि 'कुछ कुछ होता है' को 20 साल हो गये हैं। वो फ़िल्म, जिसने मुझे प्यार, स्वीकार्यता और करियर दिया। काजोल, शाह रुख़, रानी और सलमान ख़ान का हमेशा शुक्रगुज़ार रहूंगा, जिन्होंने आंखों में सितारे लिये 25 साल के लड़के पर विश्वास किया। प्यार बरसाने के लिए सभी का शुक्रिया।'' 

20 साल गुज़र चुके हैं और करण जौहर इस बीच एक डायरेक्टर के साथ कामयाब प्रोड्यूसर भी बन चुके हैं, जिन्होंने अपनी कंपनी के ज़रिए ना सिर्फ़ बॉक्स ऑफ़िस हिट फ़िल्में दी हैं, बल्कि कई स्टार किड्स को बॉलीवुड में लांच किया है। वैसे 'कुछ कुछ होता है' कि मेकिंग की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। करण ने पहले एक असंवेदनशील लड़के, टॉम बॉइश लड़की और एख ख़ूबसूरत लड़की के बीच लव ट्रांयगल की कहानी लिखी, मगर इस पर फ़िल्म बनाने का इरादा छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने एक विधुर (widower) और उसकी बेटी के रिश्ते पर कहानी लिखी, मगर इसे भी पर्दे पर नहीं ले गये। आख़िरकार करण ने दोनों कहानियों को मिलाकर 'कुछ कुछ होता है' की स्क्रिप्ट लिखी। 

इस फ़िल्म में शाह रुख़, काजोल, रानी और सलमान तो मुख्य किरदारों में नज़र आये थे, मगर कुछ ऐसे चेहरे भी जूनियर आर्टिस्ट्स के तौर पर दिखायी दिये थे, जो आज इंडस्ट्री में ख़ास जगह रखते हैं। करण की मॉम हीरू जौहर, कोरियोग्राफर गीता कपूर, सेलेब्रिटी फैशन डिज़ायनर मनीष मल्होत्रा, कोरियोग्राफर फ़राह ख़ान और निर्देशक निखिल आडवाणी भी अलग-अलग दृश्यों में दिखायी दिये थे। शाह रुख़ के एक फ़ैन एकाउंट ने ट्विटर पर तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें आप इन सभी को देख सकते हैं।

इनके अलावा और भी कुछ दिलचस्प तथ्य हैं, जिनके बारे में कम ही दर्शक जानते होंगे-

  • कुछ कुछ होता है में रानी मुखर्जी का टीना वाला रोल करण ने अपनी बेहद अच्छी दोस्त ट्विंकल खन्ना को ज़हन में रखकर लिखा था, मगर ट्विंकल ने फ़िल्म ठुकरा दी, जिसके बाद करण ने तब्बू, शिल्पा शेट्टी, उर्मिला मातोंडकर, ऐश्वर्या राय, रवीना टंडन और करिश्मा कपूर को रोल ऑफ़र किया, मगर कोई राज़ी नहीं हुआ। आख़िरकार शाह रुख़ और आदित्य चोपड़ा के मशवरे पर करण ने रानी को कास्ट किया, जिन्होंने राजा की आएगी बारात से डेब्यू किया था।

  • कई साल बाद करण के हिट शो 'कॉफी विद करण' में ट्विंकल ने इस बारे में मज़ाक करते हुए कहा था कि रानी मुखर्जी का करियर मैंने बनाया है। मैं अपने करियर में एक ही हिट फ़िल्म दे सकती थी, वह फिल्म थी- 'कुछ कुछ होता है'.. लेकिन मैंने वह भी छोड़ दी और इस तरह से मैंने रानी मुखर्जी का करियर बना दिया।
  • तुसी जा रहे हो... तुसी ना जाओ। फ़िल्म का यह संवाद अगर आपको याद हो तो वो बच्चा भी याद होगा, जिसने यह पंक्ति बोली थी। यह बच्चा शाह रुख़ को इतना प्यारा लगा था कि अपने बेटे आर्यन को वो इसी गेटअप में सेट पर लाते थे। 

  • कुछ कुछ होता है में सलमान ख़ान का अमन का किरदार पहले सैफ़ अली ख़ान, अजय देवगन और चंद्रचूड़ सिंह  को ऑफ़र किया गया था, लेकिन वो इसके लिए तैयार नहीं हुए। बाद में चंकी पांडेय आयोजित पार्टी में सलमान ने करण से ख़ुद ही इस रोल को मांग लिया था। 
  • करण की डायरेक्टोरियल फ़िल्म में काम करके शाह रुख़ और काजोल ने अपना वो वादा पूरा किया था, जो उन्होंने करण से दिल तो पागल है की शूटिंग के दौरान किया। 

  • फ़िल्म के उस दृश्य में, जब शाह रुख़ और काजोल का 8 साल बाद रीयूनियन होता है, करण ने दोनों को इसमें सुधार और रिहर्सल करने के लिए कहा था, लेकिन इस रिहर्सल को उन्होंने गुप्त रूप से शूट कर लिया था और यह उनका इतना पसंद आयी कि उसे ही फ़िल्म में रखा। 

बॉक्स ऑफ़िस पर 'कुछ कुछ होता है'

 

भारत में फ़िल्म 16 अक्टूबर 1988 को 240 स्क्रींस पर रिलीज़ हुई थी। इसके सामने अमिताभ बच्चन और गोविंदा की 'छोटे मियां बड़े मियां' रिलीज़ आयी थी। 'कुछ कुछ होता है' ने ₹87 लाख की ओपनिंग ली थी, जबकि ओपनिंग वीकेंड में ₹2.74 करोड़ जमा किये थे। पहले हफ़्ते में फ़िल्म ने ₹5.64 करोड़ का कलेक्शन किया था, जो उस साल का दूसरा सबसे बड़ा कलेक्शन था। 'बड़े मियां छोटे मियां' ने पहले हफ़्ते में इससे अधिक ₹6.33 करोड़ जमा किये थे। 'कुछ कुछ होता है' ने ₹46.86 करोड़ का लाइफ़टाइम कलेक्शन किया था। 1998 की सबसे कामयाब फ़िल्म होने के साथ यह ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों में भी शामिल हुई।  

अवॉर्ड्स की बारिश

कुछ कुछ होता है को 2 राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिले, जबकि 8 फ़िल्मफेयर अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया। शाह रुख़ बेस्ट एक्टर, काजोल बेस्ट एक्ट्रेस, सलमान बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और रानी बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस चुनी गयी थीं। 


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