फिल्म ठाकरे से टकराव को लेकर लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर बोली कंगना
कंगना रनौत कहती हैं कि पैसे के हिसाब से ही नहीं बल्कि कलाकारों के हिसाब से उनके लिए यह बड़ी फिल्म है ।
मुंबई। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने मुंबई में फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ झांसी का म्यूजिक लॉन्च करने के बाद इस तरह की बातों का खंडन किया कि उनकी फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए शिव सेना के लोगों ने उनसे संपर्क किया था।
इवेंट के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी फिल्म मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ झांसी की डेट को भी आगे बढ़ाने के लिए ठाकरे या शिवसेना के लोगों ने उनसे संपर्क किया है तो इस पर अपनी बात रखते हुए कंगना रनौत ने कहा कि नहीं यह गलत बात है। पता नहीं यह खबरें कौन फैला रहा है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ठाकरे फ़िल्म या शिवसेना के लोगों ने हमसे बिल्कुल भी संपर्क नहीं किया है। हमारी फिल्म 25 जनवरी के दिन रिलीज होगी। इस मौके पर कंगना रनौत ने यह भी कहा कि यह उनकी सही मायनों में बड़ी फिल्म है। इस बारे में आगे बताते हुए कंगना रनौत कहती हैं कि पैसे के हिसाब से ही नहीं बल्कि कलाकारों के हिसाब से उनके लिए यह बड़ी फिल्म है । इसके माध्यम से वह पहली बार शंकर एहसान लॉय और प्रसून जोशी जैसे बड़े कलाकारों के साथ काम कर पाई है जोकि उनके लिए बड़ी बात है।
गौरतलब है कि मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ झांसी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की कहानी है। इस अवसर पर जब एक पत्रकार ने कंगना से पूछा कि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मातृभूमि से प्यार करते हैं लेकिन वह राष्ट्रगान के लिए खड़े नहीं होते तो ऐसे में उन्हें पीटना जायज है क्या। इस सवाल के जवाब में प्रतिक्रिया देते हुए कंगना रनौत ने कहा कि भारत का संविधान जो कि हमने बनाया है और इसे कोई भगवान ने नहीं भेजा है। वह मातृभूमि से किया हुआ एक वादा होता है, जिसे पालना हर भारतीय का धर्म है। ऐसे में आप उसका अनादर नहीं कर सकते और अगर आपके अंदर मातृभूमि के लिए प्यार है तो उसे दर्शाना भी आवश्यक होता है।
इस बारे में बताते हुए कंगना रनौत कहती है, 'जैसे कि प्रसून सर ने कहा कि प्यार प्यार होता है। अगर आप आपके साथी से प्यार करते हैं तो उसे दर्शाना भी आवश्यक होता है। आप अगर उसे यह नहीं बताएंगे तो उसे पता नहीं चलेगा और यह बात आपके अंदर ही रह जाएगी। इससे एक खूबसूरत रिश्ता नहीं बनेगा और यह बात आपके अंदर ही रह जाएगी। वैसे ही भारत का संविधान जिसे हम सब ने माना है और जो कि अपनी मातृभूमि से किया हुआ एक वादा है। यह कोई भगवान द्वारा दिया गया उपहार नहीं है।
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