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Eros Now की नवरात्रि को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट से भड़कीं कंगना रनोट, ट्रोलिंग के बाद स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने मांगी माफ़ी

Eros Now की पोस्ट में हिंदी फ़िल्मों के कलाकारों और नामों ज़रिए नवरात्र के त्योहार से जुड़ी परम्परा पर मज़ाकिया टिप्पणी की गयी थी। कंगना ने कंटेंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाते इनकी तुलना अश्लील साइट्स से कर दी।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 12:38 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 03:27 PM (IST)
Eros Now की नवरात्रि को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट से भड़कीं कंगना रनोट, ट्रोलिंग के बाद स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने मांगी माफ़ी
कंगना रनोट ने ओटीटी कंटेंट को घटिया कंटेंट वाला बताया। (Photo- Instagram, twitter)

नई दिल्ली, जेएनएन। कंगना रनोट ने अब ओटीटी कंटेंट और इसे परोसने वाले प्लेटफॉर्म्स पर हमला बोला है। कंगना ने कंटेंट की गुणवत्ता पर सवाल उठाते इनकी तुलना अश्लील साइट्स से कर दी। कगंना ने इसी क्रम में सिनेमाघरों में फ़िल्मों को दिखाए जाने का समर्थन भी किया। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को लेकर कंगना के ताज़ा ट्वीट्स की वजह स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Eros Now की कुछ पोस्ट बनीं, जिनमें हिंदी फ़िल्मों के कलाकारों और नामों ज़रिए नवरात्रि के त्योहार से जुड़ी परम्परा पर कामुकता में लिपटी मज़ाकिया टिप्पणियां की गयी थीं। इन पोस्ट्स की वजह से ट्विटर पर #BoycottErosNow ट्रेंड भी हो रहा है। हालांकि, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने भारी विरोध के बाद माफ़ी मांगते हुए पोस्ट डिलीट कर दीं।

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तस्वीरों में रणवीर सिंह, सलमान ख़ान और कटरीना कैफ़ की छवियों का इस्तेमाल करते हुए नवरात्रि और डांडिया को लेकर मीम्स बनाये गये थे। कंगना ने इन तस्वीरों को शेयर करके लिखा- ''हमें सिनेमा का संरक्षण एक सामुदायिक दृश्य माध्यम के तौर पर करना चाहिए। निजी तौर पर देखने के लिए कंटेंट को कामुक बनाना और कला का डिजिटाइजेशन करना, सिनेमाघरों में बड़ी तादाद में दर्शकों को आकर्षित करने से ज़्यादा आसान है। सभी स्ट्रीमिंग माध्यम अश्लील साइट्स से अधिक कुछ नहीं। शर्मनाक।''

ओटीटी कंटेंट को लेकर कंगना आगे टिप्पणी करती हैं- ''यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट उत्तेजित करने वाला है। उनके लिए कामुक, हिंसक और दर्शक की कामुकता को बढ़ाने वाला कंटेंट बनाना ज़रूरी है। उनकी टीमों से साफ़-सुथरा कंटेंट स्वीकृत करवाना बहुत मुश्किल है। और यह सिर्फ़ स्ट्रीमिंग माध्यमों का दोष नहीं है। जब आप हेडफोन लगाकर अपने एकांत में कंटेट देखते हो तो आपको सिर्फ़ तात्कालिक संतुष्टि चाहिए होती है। फ़िल्मों को पूरे परिवार, बच्चों और दोस्तों के साथ देखना ज़रूरी है। बुनियादी तौर पर यह सामुदायिक अनुभव होना चाहिए।''

सामुदायिक प्रदर्शन के समर्थन में कंगना ने आगे लिखा- ''इससे हमारी सतर्कता बढ़ती है। जब हमें पता होता है कि हम जो देख रहे हैं, वो कोई और भी देख रहा है तो हमारी कोशिश होती है कि हम वही दिखें, जो हम दूसरों की नज़र में बनना चाहते हैं। हम सावधानीपूर्वक चुनाव करते हैं। हमारी भावनाओं और दिमाग के लिए सेंसरशिप ज़रूरी है और वो हमारी अपनी अंतरआत्मा हो सकती है।''

हालांकि, सोशल मीडिया में लोगों के गुस्से और ट्रोलिंग को देखते हुए eros now ने कंगना की टिप्पणी से पहले ही उन्हें डिलीट कर दिया था और माफ़ी भी मांग ली। स्टेटमेंट में इरोस नाऊ ने लिखा- इरोस नाऊ में हम सभी संस्कृतियों का समान रूप से आदर और सम्मान करते हैं। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा मक़सद कभी नहीं होता। हमने संबंधित पोस्ट डिलीट कर दी हैं और भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए हम माफ़ी मांगते हैं। 


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