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कमल हासन क्यों श्रीदेवी को मानते थे एक कविता की तरह

कमल हासन कहते हैं कि हम दोनों की जोड़ी परदे पर खूब पसंद की गयी। मैंने हमेशा उसे बहन की तरह ही देखा।

By Rahul soniEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 05:34 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 12:58 PM (IST)
कमल हासन क्यों श्रीदेवी को मानते थे एक कविता की तरह
कमल हासन क्यों श्रीदेवी को मानते थे एक कविता की तरह

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। कमल हासन ने श्रीदेवी के साथ कई फिल्मों में काम किया है। श्रीदेवी के साथ लगभग 27 से भी अधिक फिल्मों में उन्होंने साथ काम किया, जिनमें तेलुगु और हिंदी दोनों ही भाषाओं में फिल्में शामिल हैं।खासतौर से दोनों की फिल्म सदमा काफी पसंद की जाती रही है। कमल कहते हैं कि श्रीदेवी एक कविता की तरह थीं, जिसका बयान शब्दों में नहीं किया जा सकता है। 

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 हाल ही में जब कमल हासन अपनी फिल्म विश्वरूप 2 के प्रमोशन के लिए मुंबई में थे, तो उन्होंने श्रीदेवी से जुड़ी अपनी यादों को शेयर करते हुए कहा कि मैंने उसके जैसी अनुशासित अभिनेत्री कभी नहीं देखी थी। वह हमेशा से अपने काम को लेकर फोक्स्ड थीं। खास बात यह थी कि वह हमेशा नया कुछ सीखते रहना चाहती थीं। कमल कहते हैं कि वह खुद एक चाइल्ड एक्टर रहे हैं और उस वक्त से वह श्रीदेवी को देखते आ रहे हैं। कमल कहते हैं कि उसने हर दिन सीखने की कोशिश की। हम दोनों एक दूसरे के साथ कई फिल्मों के सेट पर वक्त बिताते थे।हम इतना काम लगातार कर रहे थे कि एक दूसरे के साथ ही हमारा सबसे ज्यादा वक्त गुजरता था। वह अपने काम के प्रति इतनी समर्पित थी कि पर्सनल जिंदगी को कभी हावी नहीं होने दिया। साथ ही वह उन लोगों को पूरा सम्मान देती थीं, जो उन्हें किसी भी रूप में मदद करते थे। कमल कहते हैं कि श्रीदेवी को मैं एक छोटी बहन जैसा ही मानता था। कमल ने बताया कि उनकी मुलाकात श्रीदेवी से तब हुई थी, जब वह 15 या 16 साल की थीं और मैं 19 साल का था। इसलिए उसका ध्यान रखने की जिम्मेदारी मुझे दी गयी थी। लेकिन खास बात यह थी कि श्रीदेवी भी सेट पर कमल का पूरा ख्याल रखती थीं। हम दोनों चाइल्ड एक्टर रहे, इसलिए एक दूसरे को अच्छे तरह समझते भी थे। हम दोनों साथ काम करने वाले की तरह नहीं बल्कि एक दोस्त की तरह काम करते थे।

वह कहते हैं कि हम दोनों की जोड़ी परदे पर खूब पसंद की गयी। मैंने हमेशा उसे बहन की तरह ही देखा। लेकिन परदे पर हमारी जोड़ी काफी फेमस रही। कमल कहते हैं कि जब वह शुरुआत में आयी थीं, तो ऐसा नहीं था कि उसे सबकुछ आता था। लेकिन हर दिन सीखते-सीखते उन्होंने महारत हासिल कर ली थी। वह मुझे हमेशा सर कह कर ही बुलाती थीं। उनके अभिनय की खास बात रही कि उन्होंने जिनसे भी अभिनय सीखा, वह समय-समय पर उन सारे अभिनय की शैली का इस्तेमाल करती रहीं। यह उनके अभिनय शैली की खूबी थी। वह अच्छी लिस्नर और लर्नर दोनों थीं। यह भी वजह थी कि कुछ सालों में ही वह हिंदी, तमिल और बाकी कई भाषाओं की फिल्में भी करने लगीं और कामयाबी भी हासिल की। कमल कहते हैं कि वह ऐसी वर्सटाइल एक्ट्रेस थी, कि हर किरदार में वह फिट बैठती थीं। उन्हें जिस तरह के भी किरदार मिले, फिर चाहे वह सीरियस हो, हास्य हो, या इमोशनल हो।वह उसे भलिभांति निभा सकती थीं। कमल कहते हैं कि श्रीदेवी एक कविता की तरह थीं, जिसका बयान शब्दों में नहीं किया जा सकता है। इस कविता को हमेशा हमारे बीच में जिंदा रहना चाहिए था, लेकिन उनका वक्त से पहले जाना काफी दुखदायी है। 

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