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Coronavirus Lockdown: जावेद अख़्तर ने धार्मिक संस्थान बंद करने के लिए की 'फतवा' की मांग, लोगों ने पूछा- 'सरकारी आदेश क्यों नहीं'

Coronavirus Lockdown लेखक और फ़िल्ममेकर जावेद अख्त़र ने धार्मिक संस्थानों को बंद करने की अपील की है। इस अपील के बाद वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए।

By Rajat SinghEdited By: Published: Tue, 31 Mar 2020 12:36 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 01:24 PM (IST)
Coronavirus Lockdown: जावेद अख़्तर ने धार्मिक संस्थान बंद करने के लिए की 'फतवा' की मांग, लोगों ने पूछा- 'सरकारी आदेश क्यों नहीं'
Coronavirus Lockdown: जावेद अख़्तर ने धार्मिक संस्थान बंद करने के लिए की 'फतवा' की मांग, लोगों ने पूछा- 'सरकारी आदेश क्यों नहीं'

नई दिल्ली, जेएनएन। Coronavirus Lockdown: कोरोना वायरस को लेकर इस वक्त भारत एक बड़ी जंग लड़ रहा है। केंद्र सरकार ने कोविड -19 (Covid-19) से बचाव के लिए 14 अप्रैल तक देश में लॉकडाउन की घोषणा की है। इसके बावजूद धीरे-धीरे आंकड़े बढ़ रहे हैं। इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए करीब 1600 लोग संक्रमण के खतरे से गुजर रहे हैं। धार्मिक संस्थानों में जमा हो रही भीड़ को लेकर बॉलीवुड की ओर से अपील सामने आई है। फ़िल्म लेखक जावेद अख्त़र ने धार्मिक संस्थानों को बंद करने की अपील की है। इस अपील के लिए उन्होंने जो ट्वीट किया है, उसको लेकर वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए हैं। 

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जावेद अख्तर का ट्वीट

सोमवार को जावेद अख्त़र ने अपने ऑफ़िशियल ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'ताहिर मुहम्मद साहेब जो कि एक स्कॉलर और अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन हैं, उन्होंने दारूल उलूल इ्स्लाम देवबंद से कोरोना वायरस क्राइसेस ख़त्म होने तक सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए एक फतवा जारी करने की सलाह दी है। इस मांग का समर्थन करता हूं। जब काबा और मदीना में मस्जिदें बंद हैं, तो भारत में क्यों नहीं।'

इस वजह से हुए ट्रोल

इस ट्वीट के बाद जावेद सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगे। यूजर्स उनसे यह सवाल पूछने लगे कि जब सरकार ने लॉकडाउन जारी कर दिया है, तब क्या फतवा जारी करके धार्मिक संस्थान बंद किए जाएंगे? फ़िल्मेमकर विवेक अग्निहोत्री ने जावेद अख़्तर से पूछा, 'क्या यह देश फतवा के हिसाब से चलेगा या सरकार के आदेश के द्वारा? वहीं, 'अंजाना-अंजानी' और 'कहानी' जैसे फ़िल्में लिख चुकी अद्वैता काला पूछती हैं, 'क्योंकि सउदी अरब में निर्णय सउदी प्रासशन द्वारा लिए गए हैं और लोग पालन भी कर रहे हैं। भारत में फतवा की जरूरत है। यह काफी समस्या पैदा करने वाला और इन परिस्थितियों के लिए ख़तरनाक है।' इनके अलावा कई और यूजर्स ने ऐसे ही सवाल जावेद अख़्तर से पूछे हैं। 


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