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जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर समेत इन फ़िल्मी प्रेमी जोड़ों पर पहले भी टूटी कयामत

हिंदी सिनेमा में पहले भी कई कलाकार ट्रैजिक लव स्टोरीज़ के ज़रिए अपने करियर का सफ़र शुरू कर चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये फिल्में कामयाब रही हैं।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Thu, 16 Nov 2017 11:43 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 09:54 AM (IST)
जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर समेत इन फ़िल्मी प्रेमी जोड़ों पर पहले भी टूटी कयामत
जाह्नवी कपूर और ईशान खट्टर समेत इन फ़िल्मी प्रेमी जोड़ों पर पहले भी टूटी कयामत

अनुप्रिया वर्मा, मुंबई। श्रीदेवी की बेटी जाह्नवी कपूर और शाहिद कपूर के भाई ईशान खट्टर ने बीते साल बॉलीवुड में अपनी पारी की शुरुआत धड़क फ़िल्म से की। यह मराठी सिनेमा की हिट फिल्म 'सैराट' का हिंदी रीमेक है।'सैराट' की तरह धड़क भी एक ट्रैजिक लव स्टोरी रही।

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हिंदी सिनेमा में पहले भी कई कलाकार ट्रैजिक लव स्टोरीज़ के ज़रिए अपने करियर का सफ़र शुरू कर चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये फिल्में कामयाब रही हैं। शायद यह मूल्यांकन करण जौहर ने ज़रूर किया होगा और श्रीदेवी परिवार भी इससे वाकिफ होगा, तभी ऐसे विषय को जाह्नवी की लांचिंग के लिए चुना गया है। सैराट से नये चेहरे रिंकू राजगुरु और आकाश ठोसर को नागराज मंजूले ने लांच किया। सैराट मराठी सिनेमा की कामयाब फ़िल्मों में शामिल है। कुछ ऐसी ही फिल्मों पर एक नज़र- 

कयामत से कयामत तक

मंसूर ख़ान की फिल्म कयामत से कयामत तक से आमिर ख़ान ने बतौर लीड एक्टर करियर की शुुरुआत की थी।इस फिल्म में वह जूही चावला के साथ थे। जूही की भी फ़ीमेल लीड में ये पहली फ़िल्म थी। दो दुश्मन परिवारों से होने की वजह से दोनों प्यार के लिए घर से भाग जाते हैं, लेकिन फिल्म का अंत चौंकाने वाला था, जब दोनों की मौत हो जाती है। इस फिल्म को दर्शकों ने खूब सराहा। फिल्म के गाने तो हिट हुए ही। इस फिल्म के बाद आमिर और जूही को बॉलीवुड की हिट प्रेमी जोड़ियों में से एक माना गया। दोनों ने कई फिल्मों में साथ काम भी किया।

एक दूजे के लिए

रति अग्निहोत्री ने हालांकि दक्षिण सिनेमा की फिल्मों में काफी अभिनय कर लिया था, लेकिन हिंदी फिल्मों में उनकी शुरुआत वर्ष 1981 में आयी फिल्म 'एक दूजे के लिए' रही। इस फ़िल्म से ही कमल हसन ने हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया। दो विपरीत संस्कृति और विचारधारा वाले परिवारों से ताल्लुक रखने वाले प्रेमियों की ये कहानी भी  ट्रैजिक  क्लाइमैक्स पर ख़त्म हुई। इस फिल्म के ट्रैजिक एंड का वास्तविक ज़िंदगी पर काफी प्रभाव हुआ था। यही वजह थी कि उस वक्त फिल्मकारों से अपील की गयी थी कि वह इस तरह दुख भरी कहानियां न दिखायें।

तेरे नाम 

सतीश कौशिक की फिल्म 'तेरे नाम' भी हिंदी सिनेमा की ट्रैजिक फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म से सतीश कौशिक ने भूमिका चावला को हिंदी फिल्मों में ब्रेक दिया था। फिल्म में सलमान ख़ान ने मुख्य किरदार निभाया था। फिल्म में भूमिका चावला के किरदार की मौत हो जाती है और सलमान का किरदार पागल हो जाता है। सलमान के करियर की अहम फिल्मों में से रही है तेरे नाम। 

सांवरिया

रणबीर कपूर और सोनम कपूर को इसी फिल्म से संजय लीला भंसाली ने लांच किया था। इस फिल्म में रणबीर  सोनम के किरदार से बेतहाशा प्यार करते हैं। हालांकि इसे पूरी तरह ट्रैजिक फिल्म नहीं माना जा सकता, पर हीरो-हीरोइन का मिलन ना हो तो हैप्पी एंडिंग भी नहीं कहा जा सकता। 

रॉकस्टार

इम्तियाज़ अली की फिल्म से नर्गिस फ़ाख़री ने बॉलीवुड में करियर शुरू किया। रणबीर कपूर उनके अपोज़िट थे।फिल्म में नर्गिस के किरदार को किसी बीमारी से पीड़ित दिखाया जाता है और क्लाइमैक्स में रणबीर उनसे मिलते हैं, पर जुदा होने के लिए। हालांकि इम्तियाज़ ने इसे भी सीधे ना दिखाते हुए इशारों में पेश किया।

गजनी

गजनी से साउथ फ़िल्मों की सफल अभिनेत्री असिन ने हिंदी सिनेमा में करियर शुरू किया। एआर मुरुगादौस निर्देशित फिल्म में लीड रोल आमिर ख़ान ने निभाया। इसकी कहानी असिन की हत्या और आमिर के बदले पर आधारित थी। 

रांझणा

आनंद एल राय की फिल्म रांझणा से धनुष हिंदी सिनेमा में लांच हुए। यह हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म थी।रांझणा हिंदी सिनेमा की ट्रैजिक फिल्मों में से एक रही। इस फिल्म में जहां स्वरा धनुष के किरदार के लिए रांझणा थीं, जबकि धनुष सोनम के किरदार के लिए दीवाने थे और सोनम अभय देओल के किरदार से प्यार करती हैं। इसके क्लाइमैक्स की ख़ूबसूरती ये थी कि सभी का प्यार अधूरा रह जाता है, क्योंकि अभय और धनुष के किरदारों की मौत हो जाती है।

इशकजादे

यशराज बैनर की फिल्म इशकजादे अर्जुन कपूर ने बॉलीवुड में करियर शुरू किया। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पृष्ठभूमि पर आधारित ये ट्रैजिक लव स्टोरी थी। फिल्म को कामयाबी मिली थी।

... तो बॉबी भी होती ट्रैजिक लव स्टोरी

रणबीर कपूर ने एक बातचीत के दौरान यह राज़ खोला था कि राज कपूर की भी चाहत थी कि वह बॉबी को एक ट्रैजिक लव स्टोरी का रूप दें। इस फिल्म से उन्होंने डिंपल कपाड़िया और ऋषि कपूर की लांचिंग की थी, लेकिन रज साहब की बीवी कृष्णा ने जब राज कपूर के साथ फिल्म देखी तो उन्होंने राज कपूर को यही सलाह दी थी कि वह यह भूल ना करें। चूंकि लोग अंत में हीरो हीरोइन को मिलते देखना ही अधिक पसंद करेंगे। कृष्णा की ये सलाह कारगर रही और बॉबी हिंदी सिनेमा की सबसे कामयाब लव स्टोरीज़ में शामिल है।


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